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भाजपा नेता रघुराज के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टली, ये है वजह Aligarh News

उत्तर प्रदेश श्रम व सन्निर्माण कर्मकारी परामर्शदात्री समिति के अध्यक्ष नेता रघुराज सिंह के बिगड़े बोल को लेकर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 07:40 AM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 07:40 AM (IST)
भाजपा नेता रघुराज के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टली, ये है वजह Aligarh News
भाजपा नेता रघुराज के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टली, ये है वजह Aligarh News

अलीगढ़ [जेएनएन]: उत्तर प्रदेश श्रम व सन्निर्माण कर्मकारी परामर्शदात्री समिति के अध्यक्ष व भाजपा नेता रघुराज सिंह के बिगड़े बोल को लेकर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई नहीं हो सकी। मुख्य न्यायाधीश के छुट्टी पर चले जाने के चलते जस्टिस वीके नारायण ने यह कहकर सुनवाई टाल दी कि इस महत्वपूर्ण मामले में मुख्य न्यायाधीश ही सुनवाई करेंगे। पूछताछ की तो पता चला कि रघुराज सिंह को राज्यमंत्री का दर्ज प्राप्त नहीं है। इसके बावजूद वह प्रदेशभर में इस पद का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने डीएम से एफआइआर कराने की मांग की है। अन्यथा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

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यह है मामला

देहलीगेट क्षेत्र के न्यू अशोक नगर निवासी कांग्र्रेस नेता विनोद पांडेय ने भाजपा नेता के लगातार बिगड़े बोल को लेकर मुकदमा दर्ज कराने, उत्तर प्रदेश श्रम व कर्मकार सन्निर्माण परामर्शदात्री समिति के अध्यक्ष के पद से बर्खास्त कराने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट में 14 फरवरी को सुनवाई होनी थी। कांग्र्रेस नेता ने एसएसपी को भी पत्र लिखकर रघुराज सिंह से जान का खतरा बताया है।

दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री बताने पर रघुराज के खिलाफ हो मुकदमा

विनोद पांडेय ने शुक्रवार को डीएम को पत्र लिखकर रघुराज सिंह के खिलाफ राष्ट्रीय ध्वज का दुरुपयोग करने पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है। विनोद पांडेय ने पत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश श्रम व कर्मकार सन्निर्माण परामर्शदात्री समिति के अध्यक्ष रघुराज सिंह खुद को राज्यमंत्री बताते हैं। विनोद पांडेय ने जब इस संबंध में शासन स्तर से पूछताछ की तो पता चला कि रघुराज सिंह को राज्यमंत्री का दर्ज प्राप्त नहीं है। इसके बावजूद वह प्रदेशभर में इस पद का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने डीएम से एफआइआर कराने की मांग की है। अन्यथा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।


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