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अलीगढ़ में छमाही परीक्षा हुई नहीं, अब वार्षिक पर भी खतरा

कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूलों में आनलाइन पढ़ाई कराने के आदेश शासन ने दिए परीक्षा के संबंध में निर्णय नहीं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 08:44 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 08:44 PM (IST)
अलीगढ़ में छमाही परीक्षा हुई नहीं, अब वार्षिक पर भी खतरा
अलीगढ़ में छमाही परीक्षा हुई नहीं, अब वार्षिक पर भी खतरा

जासं, अलीगढ़ : कोरोना संक्रमण के दौर में कक्षा एक से आठवीं तक के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की छमाही परीक्षाएं तो कराई नहीं जा सकीं अब वार्षिक परीक्षा पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर के चलते अब विद्यालयों को 23 जनवरी तक बंद कर दिया गया है। अप्रैल से नया सत्र शुरू होता है। इसलिए अब वार्षिक परीक्षाओं पर संशय खड़ा हो गया है।

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पिछले दो वर्षों से सरकारी स्कूलों के बच्चे प्रमोट किए जा रहे हैं। शिक्षाविद व शिक्षक इस स्थिति को विद्यार्थियों के लिए हानिकारक बता रहे हैं। नवंबर के अंतिम माह तक छमाही परीक्षाएं करा ली जाती हैं। मगर जिस तरह जिले में तेजी से कोरोना संक्रमितों की संख्या एक हजार के पार हो गई है, उसके चलते नौनिहालों की परीक्षाएं फिलहाल नहीं कराई जा सकतीं। अगर इनकी परीक्षाएं नहीं हुईं तो तीसरे साल भी विद्यार्थी प्रमोट होकर अगली कक्षा में जाएंगे। शिक्षाविद डा. रक्षपाल सिंह का कहना है कि जो बच्चा तीन साल पहले पांचवीं कक्षा में था वो बिना ठीक से पढ़े और परीक्षा दिए नौवीं कक्षा में प्रवेश के लिए तैयार खड़ा होगा। नौवीं कक्षा से बोर्ड की पढ़ाई शुरू मानी जाती है। ऐसे में विद्यार्थी अपने को कहां पाएगा? बीएसए सतेंद्र कुमार ढाका ने कहा कि अभी शासन की ओर से बच्चों को विद्यालय न बुलाए जाने के आदेश हैं। भविष्य में अगर परीक्षाएं कराने संबंधी निर्देश आएंगे तो उनका पालन किया जाएगा।

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जागरूकता के लिए अपनाया वर्चुअली हथियार

जासं, अलीगढ़ : मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के लिए अभी विद्यार्थी कालेज आकर नुक्कड़ नाटक व अन्य प्रतियोगिताएं कर रहे थे। मगर अब कोरोना संक्रमण के चलते विद्यालयों में अवकाश कर दिया गया था। मगर शिक्षकों व छात्र-छात्राओं ने मतदाता जागरूकता कार्यक्रम को थमने नहीं दिया है। अब विद्यार्थी वर्चुअल माध्यम से स्लोगन व शायरी लेखन प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। मतदाताओं को जागरूक करने के लिए शानदार स्लोगन व शायरी लिखकर शिक्षकों को भेजीं। शिक्षक इन स्लोगन को इंटरनेट मीडिया के जरिए प्रचारित कर जनमानस में मतदान के प्रति जागरूकता लाएंगे। डीआइओएस डा. धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि ये विद्यार्थियों व शिक्षकों की लगन का परिणाम है। उत्कृष्ट प्रतिभागियों को विद्यालय खुलने पर विद्यालय स्तर पर सम्मानित भी किया जाएगा।


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