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Psychiatrist worried : बढ़ रही नकारात्मकता, खत्म हो रहा सामाजिक ताना-बाना, जानिए वजह Aligarh news

जिले में पिछले दिनों मानवीय रिश्तों को तार-तार करने वाले दो घटनाएं सामने आईं। टप्पल में दादा-दादी ने अपनी आठ वर्षीय नातिन को धान के खेत में डुबोकर मार डाला। वजह खेत मालिक ने उनके बेटे पर छेड़छाड़ का मुकदमा कर रखा था।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 03:18 PM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 03:27 PM (IST)
Psychiatrist worried : बढ़ रही नकारात्मकता, खत्म हो रहा सामाजिक ताना-बाना, जानिए वजह Aligarh news
जिले में पिछले दिनों मानवीय रिश्तों को तार-तार करने वाले दो घटनाएं सामने आईं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता ।  जिले में पिछले दिनों मानवीय रिश्तों को तार-तार करने वाले दो घटनाएं सामने आईं। टप्पल में दादा-दादी ने अपनी आठ वर्षीय नातिन को धान के खेत में डुबोकर मार डाला। वजह, खेत मालिक ने उनके बेटे पर छेड़छाड़ का मुकदमा कर रखा था। बदला लेने के लिए दोनों हैवान बन गए। दूसरी घटना खैर में सामने आई, जिसमें शराबी दादा ने दो साल की नातिन को नाले में डुबोकर मौत के घाट उतार दिया। दरअसल, बच्ची का पिता उसे शराब पीने से रोकता था। पिछले दिनों मारपीट तक हो गई। बदला लेने के लिए दादा ने ऐसी जघन्य घटना को अंजाम दे दिया। पुलिस ने भले ही आरोपितयों को झेल भेज दिया हो, लेकिन दोनों ही घटनाओं ने मानीय रिश्तों के साथ मानवता को कलंकित कर दिया है। ऐसी घटनाओं के पीछे भले ही कोई भी कारण सामने आए, लेकिन मनोचिकित्सक इसके पीछे समाज में बढ़ रही नकारात्मक और खत्म हो रहा सामाजिक ताना-बाना को प्रमुख रूप से जिम्मेदार मानते हैं।

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बदला लेने के लिए लोग अपनों को बना रहे हथियार

एएमयू में साइक्लोजिस्ट डिपार्टमेंट के प्रोफेसर शाह आलम के अनुसार अपनों की हत्या करने वाले निश्चित तौर पर मानसिक रोगी होते हैं। उनमें नकारात्मकता मजबूत होकर पागलपन तक पहुंच जाती है। कोई नशेबाज हो या आपराधी, निश्चित तौर पर उसका मानसिक स्तर ठीक नहीं होता। सोच व बदले की लालसा के चलते वह किसी से घृणा के स्तर को इतना पार कर जाता है कि हत्या जैसा जघन्य कृत्य कर डालता है। यही नहीं, बदला लेने के लिए लोग अपनों को ही हथियार बना लेते हैं।

संयुक्त परिवार खत्म होने से भी समस्याएं

प्रो. आलम के अनुसार, संयुक्त परिवारों की परंपरा खत्म होने के बाद संस्कारों का सबसे ज्यादा हनन हुआ है। कोई किसी की परवाह नहीं करता। बड़ों के प्रति पहले जैसा आदर और सम्मान नहीं रहा। ऐसे में वह बाहर भी ऐसा ही व्यवहार करता है। जिससे सामाजिक ताना-बाना लगभग खत्म हो चुका है। हर व्यक्ति आत्म केंद्रित हो गया है। केवल अपना हित सोचता है, भले ही किसी का अहित हो जाए। वह किसी पर भी भरोसा नहीं करता। इसकी एक वजह ये भी है, जिन्हें लोग अपना आदर्श यानि राल माडल समझते हैं, वे उन्हें ऐसा ही करते हुए दिखाई देते हैं। पहले लोग कोई गलत कृत्य करते समय ईश्वर और अल्लाह से डरते थे, लेकिन आज अपनी लालसा पूरी करने के लिए किसी से नहीं डर रहा।


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