आउटसोर्सिंग से लगे कर्मचारियों को नहीं मिल रहा सरकार का मुफ्त इलाज,ये है वजह Aligarh News
आउटसोर्सिंग के जरिये नगर निगम में लगे 1749 कर्मचारियों में ज्यादातर के कार्ड नहीं बनाए गए। ईएसआइसी कार्ड के अभाव में मुफ्त इलाज की सुविधा नहीं ले पा रहे हैैं।
अलीगढ़ (जेएनएन)। सफाई कर्मचारी राजीव पर अगर ईएसआइसी (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) कार्ड होता तो अपना इलाज मुफ्त में करा सकता था, इधर-उधर से 50 हजार रुपये न जुटाने पड़ते। डेढ़ हफ्ता पहले नाले की सफाई में उसके पैर की नस कट गई थी। ऐसे और भी कर्मचारी होंगे, जो कार्ड के अभाव में मुफ्त इलाज की सुविधा नहीं ले पा रहे हैैं। जबकि, इस मद में उनके वेतन से प्रति माह रकम कटती है। आउटसोर्सिंग के जरिये नगर निगम में लगे 1749 कर्मचारियों में ज्यादातर के कार्ड नहीं बनाए गए।
यह है वजह
सरकार ने विभागों में नियुक्ति की बागडोर कार्यदायी संस्थाओं (आउटसोर्सिंग) को सौंपकर रोजगार का मार्ग तो खोल दिया, लेकिन रोजगार पाए लोगों को तय सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं। इन्हीं में एक है ईएसआइसी (कर्मचारी राज्य बीमा निगम), जिसमें मुफ्त इलाज की योजना है। इस मद में प्रति माह वेतन से तय रकम कटती है। नगर निगम में शहरी आजीविका केंद्र से नियुक्तियां हुईं। ऐसे 1749 कर्मचारी हैं, जिनके वेतन से पीएफ के साथ ईएसआइसी मद में भी पैसा कटता है। इससे कर्मचारी अपना और अपने परिवार को मुफ्त इलाज करा सकता है। लेकिन लाभ नहीं मिल रहा। केंद्र प्रभारी सोमेंद्र सिंह का कहना है कि 550 कर्मचारियों के कार्ड बनाकर नगर निगम भेज दिए हैं। बाकी की प्रक्रिया जारी है।
छह से 80 हजार तक वेतन
नगर निगम में एक अगस्त-18 को सफाई कर्मियों से अधिकारी वर्ग तक की नियुक्ति आउटसोर्सिंग से हुई है। इनका वेतन छह हजार से 80 हजार तक है। सफाई कर्मियों को 284.63 रुपये और निचले स्तर के बाकी कर्मियों को 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मेहनताना मिलता है। कंप्यूटर ऑपरेटर का वेतन आठ से 15 हजार रुपये तक है। स्मार्ट सिटी परियोजना में तीन पदों पर 15, 30 व 80 हजार रुपये तक वेतन है।
नगर निगम में विभागवार नियुक्ति
सफाई कर्मी, 960
जलकल, 226
वर्कशॉप, 208
नाला गैंग, 170
स्टोर विभाग, 60
कंप्यूटर ऑपरेटर, 33
पथ प्रकाश, 32
उद्यान विभाग, 27
निर्माण विभाग, 19
गृहकर, 11
नहीं मिल रहाईएसआइसी का लाभ
नगर सफाई मजदूर संघ के अध्यक्ष प्रदीप भंडारी का कहना है कि किसी सफाई कर्मचारी कोईएसआइसी का लाभ नहीं मिल रहा है। यही वजह है कि कर्मचारी राजीव को इलाज के लिए भटकना पड़ा। इसे लेकर न फर्म गंभीर है और न नगर निगम अधिकारी।