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अलीगढ़ में हादसे रोकने को सरकार की पहल ड्राइविंग लाइसेंस से पहले दी जायेगी ट्रेनिंग

सरकार ने फैसला लिया है कि वाहन चालकों को लाइसेंस देने से पहले उन्हेंं प्रशिक्षित किया जाए । सरकार की योजना है कि वाहन चालकों को वाहन संचालन का व्यवहारिक ज्ञान देने के साथ ही यातायात नियमों का पालन करने की भी सीख दी जाए।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Wed, 09 Jun 2021 11:19 AM (IST)Updated: Wed, 09 Jun 2021 11:19 AM (IST)
यातायात नियमों का पालन करने की भी सीख दी जाए।

अलीगढ़, जेएनएन। प्रदेश भर में बढ़ रहे सड़क हादसों को लेकर चिंतित सरकार ने फैसला लिया है कि वाहन चालकों को लाइसेंस देने से पहले उन्हेंं प्रशिक्षित किया जाए । सरकार की योजना है कि वाहन चालकों को वाहन संचालन का व्यवहारिक ज्ञान देने के साथ ही यातायात नियमों का पालन करने की भी सीख दी जाए।

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पांच करोड़ की लागत से हो रहा निर्माण

ट्रेनिंग के बाद ही लाइसेेंस जारी

अलीगढ़ में मंडलस्तरीय ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (डीटीआइ) को शासन से मंजूरी मिल चुकी है। यह इंस्टीट्यूट औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्र (आइटीआइ) के परिसर में करीब पांच करोड़ की लागत से बन रहा है। ट्रेनिंग सेंटर बनाने के साथ ही यहां ट्रैफिक ट्रैक का भी निर्माण कराया जा रहा है। ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने से पहले सेंटर पर आकर आवेदकों को ट्रेनिंग लेनी होगी। ट्रेनिंग के बाद ही लाइसेेंस जारी करने की प्रक्रिया शुरू होगी। इंस्टीट्यूट खुलने के बाद ड्राइविंग सीखने के लिए किसी को अनाधिकृत ट्रेनिंग सेंटर के भरोसे नहीं रहना होगा।

प्रशिक्षण के बाद मिलेगा सर्टीफिकेट

इंस्ट्रीट्यूट में मोटर ड्राइविंग दोपहिया व चार पहिया वाहनों के साथ बस, ट्रक जैसे भारी वाहनों को चलाने का प्रशिक्षण दिया जायेगा । यहां तीन अलग-अलग ट्रैक बनाए जाएंगे। इसके अलावा यातायात नियमों के पालन को सिग्नल लाइट, संकेतकों की पहचान व गाड़ी पार्किंग करने का भी प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसके बाद प्रशिक्षुओं की परीक्षा होगी तब प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। इसका फायदा ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने, ड्राइवर की नौकरी पाने के लिए आवेदन करने वालों को होगा ।

अनाधिकृत चल रहे सेंटर

जिले में करीब 20 से अधिक अनाधिकृत ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर चल रहे हैं। जबकि संभागीय परिवहन विभाग में मात्र पांच ट्रेनिंग सेंटर ही पंजीकृत हैं, बाकी अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं। कारों के ऊपर ट्रेनिंग सेंटर का साइन बोर्ड लगाकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। इनके पास न पर्याप्त कार हैं न ही ड्राइविंग ट्रैक बना हुआ है।

प्राइवेट हाथों में रहेगी कमान

आरटीओ प्रशासन केडी सिंह गौर ने बताया कि ट्रेनिंग स्कूल को तैयार होने के बाद प्राइवेट हाथों में सौंपा जाएगा, ताकि उसका संचालन बेहतर तरीके से हो सके।


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