अलीगढ, जागरण संवाददाता। महंगाई से राहत के सरकारी स्तर पर जतन तो हुए, लेकिन उसका लाभ अलीगढ़ में आम आदमी तक नहीं पहुंचा। टैक्स कम करने से खाद्य तेल की कीमत थोक बाजार में तो कम हुईं, लेकिन फुटकर पर अभी कोई असर नहीं पड़ा है। देशभर में डंका बजाने वाले नामचीन ब्रांड के सरसों तेल मिल मालिकों ने डीलर व फ्रंचाइजी के रेट कम कर दिए हैं। सोया, सन फ्लोवर व पाम आयल पर डिस्ट्रीब्यूटर्स ने भी दाम घटाए हैं, मगर फुटकर बिक्री के रेट कम नहीं किए गए हैं। सरसों का तेल 195 रुपये से लेकर 200 रुपये प्रतिलीटर तक बाजार में बेचा जा रहा है। इस ओर न व्यापारिक संगठन ध्यान दे रहे हैं और न प्रशासन।
सरसों के तेल मिल में देसी सरसों का प्रयोग
अधिकांश सरसों तेल मिल में देसी सरसों का ही प्रयोग किया जाता है, जबकि पाम आयल, सन फ्लोवर, सोया व अन्य खाद्य तेल का कच्चा माल विभिन्न देशों से आयात किया जाता है। खाद्य तेल की कीमतें आसमा छूने लगी, तो उत्तर प्रदेश में खाद्य तेल पर स्टाक लिमिट लगा दी। इसका व्यापारियों ने प्रदेशभर में विरोध किया। जिला प्रशासन के नेतृत्व में दीपोत्सव से पहले पाम आयल के विभिन्न ब्रांड तैयार करने वाले व्यापारियों के गोदामों में छापा मार कार्रवाई की गई। इस बीच दो नवंबर को केंद्र सरकार ने खाद्य व पाम आयल से 2.5 प्रतिशत बेसिक कस्टम ड्यूटी समाप्त किया। प्रदेश सरकार ने उपकृषि हटा दिया। सरकारों की इस कसरत का असर पाम आयल, सन फ्लोवर, सोया, मूंगफली सहित अन्य आयल पर नजर आया। थोक रेट में पांच से 10 रुपये प्रति लीटर तक कम कर दिए गए। टैक्स कम करने के छह दिन बीतने के बाद इन घटी कीमतों का फुटकर बाजार पर असर नहीं दिख रहा है। ब्रांडेड सरसों तेल मिल मालिक नरेंद्र अग्रवाल ने बताया है कि हमने अपने ब्रांड पर पांच से छह रुपये प्रतिलीटर तक दाम कम कर दिए हैं। पहले एक लीटर तेल की बोतल 176 रुपये में डीलर व फ्रंचाइजी को देते थे, अब यह 170 रुपये में मिल रही है। 75 रुपये प्रति टिन के दाम भी कम किए हैं। इसका असर फुटकर पर भी पड़ना चाहिए। वहीं, सिटी मजिस्ट्रेट प्रदीप वर्मा का कहना है कि बाजार में ओवर रेटिंग नहीं होने दी जाएगी। अगर थोक बाजार में खाद्य तेल सस्ता बिक रहा है, फुटकर व्यापारी अभी भी महंगा बेच रहे है तो इसकी जांच के लिए टीम गठित कर दी है। मुनाफा खोरी नहीं होने दी जाएगी।
विदेशों ने बढ़ा की कस्टम ड्यूटी
अलीगढ़ खाद्यन व्यापार मंडल के महामंत्री विशाल भगत ने बताया है कि मोदी सरकार ने खाद्य तेल से कस्टम ड्यूटी हटा दी है, जबकि इंडोनेसिया, यूक्रेन सहित अन्य देशों ने ड्यूटी बढ़ा दी है। पाम आयल पर इंडोनेशिया ने 90 डालर प्रति टन व रुस ने सन फ्लोवर व यूक्रेन ने बढ़ा दी है। इससे खाद्य आयल का आयात और महंगा हो जाएगा।
खाद्य तेल की कीमतों को लेकर आमजन को सरकार ने गुमराह किया है। 13 अक्टूबर को खाद्य व वितरण विभाग के केंद्रीय सचिव ने बेसिक ड्यूटी खत्म कर दी थी। खाद्य तेल की कंपनियों ने दीपावली से पहले ही रेट कम कर दिए। थोक बाजार में रेट घटाए गए हैं।
- राजेंद्र प्रसाद, ट्रेडर्स, पाम आयल
सरकार की कसरत के बाद हमने खाद्य तेल पर पांच से सात रुपये प्रति लीटर तक दाम कम कर दिए हैं। नई बिलिंग उसी हिसाब से कर रहे हैं। फुटकर कारोबारी कितना पैसा वसूल रहे हैं, यह हम नहीं बता सकते।
- हर्ष अग्रवाल, ब्रांडेड कंपनियों के डिस्ट्रीब्यूटर्स
बाजार में लोकप्रिय ब्रांडेड सरसों का तेल का एक पाउच 185, फारच्यून 147 व सन फ्लोवर 150 रुपये प्रतिलीटर मिला है। दीपावली पर जो रेट थे, उसी रेट पर खाद्य तेल मिल रहा है। थोक में रेट कम हुए हैं तो फुटकर बिक्री में भी रेट कम होने चाहिए।
- प्रीति सक्सेना, ग्राहक
सरकार ने आमजन को महंगाई से राहत देने के जतन किए थे, फुटकर बाजार में इसका असर नहीं दिख रहा है। हमारी कालोनी में 170 रुपये का ब्रांडेड सन फ्लोवर का तेल मिल रहा है। सरसों का तेल 195 रुपये की बोतल मिल रही है। प्रशासन ओवर रेटिंग को रोके।
- पूजा सिंह, संगम विहार
खाद्य तेल की कीमतें
खाद्य तेल, दीवाली से पहले, अब
पाम आयल फारच्यून (16 पाउट का पैकेट), 2440, 2270
पाम आयल परंपरा (12 पाउच का पैकेट), 1740, 1590
लोकप्रिय ब्रांड सरसों तेल (एक लीटर), 181, 175
लोकप्रिय ब्रांड सरसों तेल(16 पाउच का पैकेट) 2896, 2800
लोकप्रिय ब्रांड सरसों तेल (टिन), 2890, 2790
लोकप्रिय ब्रांड वनस्पति घी (एक लीटर), 138, 135
ब्रांडेड वनस्पति घी (एक लीटर), 120, 115
ब्रांडेड वनस्पति (टिन), 2030, 1950
(रेट अलीगढ़ वनस्पति घी-तेल एसोसिएशन से लिए गए हैं। )
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