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अमृत महोत्‍सव: गौरवशाली इतिहास को जन-जन तक पहुंचाया जाए, जागरूक होंगे युवा

अमृत महोत्सव गौरव गाथा है वीरता और साहस की कहानी है। अमृत महोत्सव के माध्यम से वीरों को जानने का मौका मिल रहा है। मंगलवार को सावरकर नगर के माडर्न स्कूल में अध्यात्मिक गुरु सुनील कौशल महाराज ने अमृत महोत्सव समारोह में उत्साह से भर दिया।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Tue, 28 Dec 2021 05:21 PM (IST)Updated: Tue, 28 Dec 2021 05:21 PM (IST)
अमृत महोत्‍सव: गौरवशाली इतिहास को जन-जन तक पहुंचाया जाए, जागरूक होंगे युवा
अमृत महोत्सव गौरव गाथा है, वीरता और साहस की कहानी है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अमृत महोत्सव गौरव गाथा है, वीरता और साहस की कहानी है। अमृत महोत्सव के माध्यम से वीरों को जानने का मौका मिल रहा है। मंगलवार को सावरकर नगर के माडर्न स्कूल में अध्यात्मिक गुरु सुनील कौशल महाराज ने अमृत महोत्सव समारोह में उत्साह से भर दिया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए लाखों वीर सपूतों ने अपने प्राणों की बाजी लगा दी। अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया। मगर, ऐसे लोगों को सामने नहीं लाया गया। उन्हें इतिहास के पन्नों पर वो स्थान नहीं दिया गया।

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युवाओं को जागरूक करना जरूरी

अमृत महोत्सव के माध्यम से अब ऐसे वीर सपूतों को सामने लाया जा रहा है। आरएसएस ने इसकी शुरुआत करके नई पीढ़ी को गौरव गाथा की विरासत दे दी है। नई पीढ़ी को बताने का काम किया है कि हमारे देश के महान सपूत ने कैसे हंसते-हंसते प्राणों की बाजी लगा दी। सुनील कौशल महाराज ने कहा कि आजादी के इतिहास के पन्नों पर उदइया का नाम दर्ज नहीं हो सका। सैड़कों अंग्रेजों को मौत के घाट उतार दिया था। अंग्रेजों को दौड़ा-दौड़ा कर मारा था, स्थिति यह थी कि अंग्रेज उदइया के नाम से कांपते थे, मगर ऐसे शूरवीर को भी इतिहास के पन्नों पर जगह नहीं दी गई। सुनील कौशल महाराज ने कहा कि आज नई पीढ़ी मेरे सामने हैं, वो देश को बदलने का माद्दा रखती है। आपको उठ खड़े होना है, देश के प्रति समर्पण की भावना रखनी है। बहुत बड़ा बदलाव हो रहा है। लोग सनातन धर्म की ओर लौट रहे हैं, उन्हें पता है कि अन्य धर्माें में सुख-शांति नहीं है। लोक कल्याण की बात नहीं करते हैं। इसलिए अब समय आ गया है कि अपने धर्म का व्यापक प्रचार-प्रसार करें, जन-जन में देशभक्ति की भावना पैदा करें।

बदली बयार, आया बदलाव

सुनील कौशल महाराज ने कहा कि 2014 के बाद परिवर्तन होने से यह सब हो पा रहा है, वरना पहले देशभक्तों के बारे में कोई जानना नहीं चाहता था। आजादी के 70 साल बाद भी यह नहीं सोचा गया कि महान सपूतों को लोगों के सामने लाया जाए, जिनके बलिदान से हमें आजादी मिली थी। अध्यक्षता कर रहे दान सहाय ने कहा कि आरएसएस ने महान सपूतों को बाहर लाकर महान कार्य किया है। कार्यक्रम के माध्यम से नई पीढ़ी गौरवशाली इतिहास के बारे में जान सकेगी। नगर संघचालक मुकेश अग्रवाल तारा ने कहा कि यह आरएसएस राष्ट्रवादी विचारों का प्रवाह है, इस प्रवाह को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। कार्यक्रम में अमृत महोत्सव के कोल विधायक अनिल पाराशर, संयोजक आलोक याज्ञनिक, सह संयोजक रश्मि पंकज, विभाग सह सेवा प्रमुख टीकम, कुटुंब प्रबोधन के संयोजक आचार्य रोहिताश्व, भाजपा जिला महामंत्री शिव नारायण शर्मा, पार्षद विजय तोमर अतिथि के रुप में मौजूद थे। नगर कार्यवाह प्रदीप ने सभी का आभार जताया। सह नगर कार्यवाह भूपेंद्र, धर्म जागरण प्रमुख मानव, संपर्क प्रमुख ललित, प्रचार प्रमुख पंकज, योग प्रमुख हरवीर सह संयोजक पर्यावरण जितेंद्र आदि मौजूद थे।


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