डेंगू वार्ड में भर्ती मिले सामान्य मरीज मच्छरदानी तक नहीं Aligarh news
डेंगू की रोकथाम के लिए कितनी तैयारियां हैं इसका सच रविवार को सीएमओ डॉ. भानुप्रताप ङ्क्षसह कल्याणी के सामने ही आ गया। जिला अस्पताल के औचक निरीक्षण को पहुंचे सीएमओ को डेंगू वार्ड में ही तमाम खामियां मिलीं। वार्ड में भर्ती बुखार के मरीजों को मच्छरदानी नहीं दी गई थीं।
अलीगढ़, जेएनएन : डेंगू की रोकथाम के लिए कितनी तैयारियां हैं, इसका सच रविवार को सीएमओ डॉ. भानुप्रताप ङ्क्षसह कल्याणी के सामने ही आ गया। जिला अस्पताल के औचक निरीक्षण को पहुंचे सीएमओ को डेंगू वार्ड में ही तमाम खामियां मिलीं। वार्ड में भर्ती बुखार के मरीजों को मच्छरदानी तक नहीं दी गई थीं। इमरजेंसी ट्रे में दवा व उपकरण गायब मिले। सीएमएस को व्यवस्था में सुधार करने के निर्देश दिए।
सीएमओ ने लिया जायजा
दोपहर में सीएमओ डेंगू के इलाज व अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए अचानक जिला अस्पताल पहुंच गए। इमरजेंसी के डेंगू वार्ड में कोई मरीज भर्ती नहीं मिला। स्टाफ ने बताया कि कुछ मरीज भर्ती थे, जो ठीक होकर घर चले गए। अन्य मरीज वार्ड नंबर सात में बनाए गए डेंगू वार्ड में ही भर्ती हैं। सीएमओ वार्ड सात में पहुंचे तो उसमें चार-पांच मरीजों के पास मच्छरदानी नहीं थीं। मरीजों को मच्छरदानी उपलब्ध न कराने कारण स्टाफ से पूछा तो जवाब मिला कि सभी सामान्य बुखार के मरीज हैं, इसलिए नहीं दी गई हैं। सीएमओ ने नाराजगी जताते हुए कहा कि डेंगू वार्ड में अन्य मरीज भर्ती किए गए हैं तो मच्छरदानी उपलब्ध कराई जाएं। स्टाफ की बोलती बंद हो गई। सीएमओ ने रिकॉर्ड चेक किया तो डॉक्टर ने मरीजों की प्लेटलेट्स व अन्य दवा देने के लिए विवरण तो लिखा था, मगर मरीज को प्लेटलेट््स चढ़ाई गई अथवा दवा दी गई, यह दर्ज नहीं था। इमरजेंसी ट्रे में कई दवा व अन्य सामग्री नहीं थी। सीएमओ ने कहा कि यह लापरवाही ठीक नहीं है। जिला अस्पताल में आने वाले प्रत्येक मरीज को चिकित्सीय सुविधाएं दी जाए। डेंगू की जांच व इलाज में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएमएस से लिखित में जवाब भी मांगने की बात कही।
इमरजेंसी के गेट पर मरीज की मौत को लेकर गंभीर
शनिवार को जिला अस्पताल की इमरजेंसी के गेट पर मरीज के दम तोडऩे की घटना को सीएमओ ने गंभीरता से लिया। दैनिक जागरण में इस संबंध में खबर प्रकाशित होने के बाद सीएमओ ने सीएमएस डॉ. रामकिशन से घटना की जानकारी मांगी। कहा, यदि कोई लापरवाही बरती गई है तो दोषी डॉक्टर व स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की जाए। जागरण को बताया कि इस संबंध में सीएमएस को पत्र भी लिखा जाएगा।