अलीगढ़ में गंगा, यमुना उफान पर, छह हजार बीघा फसल जलमग्न Aligarh news
दादों के गांव सांकरा से गुजर रही गंगा के पानी से गांवरुस्तम नगर सीकरी गहतौली आदि गांवों के लिए जाने वाली सड़कें डूब गईं। दोपहर 12 बजे नरौरा बैराज से गंगा में 2.18 लाख क्यूसेक पान
अलीगढ़ (जेएनएन)। गंगा और यमुना उफान पर हैं। खतरे के निशान को पार कर पानी आसपास के गांवों में जाने लगा है। दादों के गांव सांकरा से गुजर रही गंगा के पानी से गांवरुस्तम नगर, सीकरी, गहतौली आदि गांवों के लिए जाने वाली सड़कें डूब गईं। दोपहर 12 बजे नरौरा बैराज से गंगा में 2.18 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। वहीं, टप्पल क्षेत्र में यमुना का पानी गांव रामगढ़ी, अमरगढ़ी, शेरपुर, महाराजगढ़ आदि गांवों में पहुंच गया। इन क्षेत्रों में छह हजार बीघा फसल जलमग्न हो गई है। राजस्व निरीक्षक अनिल शर्मा ने बताया कि हथिनी कुंड से बुधवार को ढाई लाख क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है। इससे यमुना में अभी और जलस्तर बढ़ेगा।
दो गांव में कराई मुनादी
यमुना में भी तेजी से जल स्तर बढ़ रहा है। जल स्तर खतरे के निशान से दो वर्ग मीटर नीचे चल रहा है। रात तक जल स्तर में और अधिक वृद्धि की संभावना बनी हुई है। इसके चलते प्रशासन अलर्ट है। पीएसी यमुना व गंगा से लगते गांवों में भेजी जा रही है। यमुना के किनारे बसे दो गांवों में मुनादी करा दी। वहीं, कलक्ट्रेट में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया है। एडीएम वित्त उदय सिंह ने बताया कि अभी स्थिति नियंत्रण में है। बचाव के पूरे इंतजाम किए गए हैं।
यमुना की स्थिति
यमुना में खतरे का निशान 200 मीटर पर है। सोमवार को यहां पानी 197 मीटर पर था। यह खतरे के निशान से तीन मीटर नीचे है। दो दिन पहले हरियाणा के हथनीकुंड से 8.28 लाख पानी छोड़ गया है। यमुना में जल स्तर बढऩे लगा है। प्रशासनिक अफसरों की मानें तो एक-दो दिन में पानी खतरे के निशान से ऊपर जा सकता है। सभी विभागों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। महाराजगढ़, पीपरी व शेरपुर के लोगों को गांव छोडऩे के लिए तैयार रहने के निर्देश दे दिए गए हैं। टप्पल मंडी में बाढ़ चौकी बना दी गई है।
महाराजगढ़, शेरपुर व पीपरी वालों को किया सावधान
जट्टारी में एसडीएम खैर पंकज कुमार व सीओ ने यमुना किनारे बसे गांवों का भ्रमण किया। घरबरा के माजरा महाराजगढ़, पीपरी व शेरपुर में मुनादी कराई गई। लोगों से कहा गया कि बाढ़ आने से पहले ही तैयारी कर लें। पशुओं के लिए चारे का इंतजाम कर लें। एसडीएम ने बताया कि हथिनी कुंड से छोड़ा गया पानी मंगलवार देर रात तक टप्पल पहुंच गया। महाराजगढ़ व पखोदना में बाढ़ चौकी बनाई गई हैं। स्थायी बाढ़ चौकी टप्पल के थाने व मंडी में बनाई गई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अफसर बाढ़ के समय ही आते हैं। उसके बाद कोई नहीं आता। कई बार अफसरों ने गांव को दूसरी जगह शिफ्ट करने का आश्वासन दिया है, लेकिन हुआ कुछ नहीं। हमें हर वर्ष बाढ़ का सामना करना पड़ता है। यमुना में इतना पानी 1978 में हथिनीकुंड से छोड़ा गया था।
ग्रामीणों ने की बंदा बनाने की मांग
खैर विधायक अनूप प्रधान ने यमुना के आसपास के गांवों में जाकर लोगों मुलाकात की और प्रभावित गांवों के लोगों से कुछ दिन के लिए सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा। वहीं, ग्र्रामीणों ने उनसे नदी पर बंदा बनाने की मांग की।