देश भर में महक रही खुशबू, हींग उद्योग के विकास की उम्मीदों को लगे पंख
देशभर में महक रही हाथरस की हींग की खुशबू।
अलीगढ़ : इसमें कोई शक नहीं है कि हाथरस अपनी हींग की महक देशभर को महका रहा है, मगर इस उद्योग को अभी तक सरकारी संरक्षण न मिल पाने के कारण उस स्तर पर पनप नहीं पा रहा था, जिस स्तर से इसे आगे बढ़ना चाहिए। पहली बार प्रदेश सरकार ने हाथरस की हींग की महक महसूस की। हींग प्रसंस्करण शासन की महत्वाकाक्षी योजना में शामिल होने से यहा के कारोबारियों के साथ-साथ इस उद्योग से जुड़े व्यापारियों व कामगारों में भी उमंग छा गई है। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना के तहत लखनऊ में चल रही समिट में जनपद के 27 हींग उद्यमियों ने भाग लिया। इनमें से तीन उद्यमियों ने हींग की स्टॉल लगाकर जनपद के प्रमुख उत्पाद का प्रदर्शन किया।
राष्ट्रपति रामनाथ को¨वद ने कई स्टालों पर पहुंचकर विभिन्न जनपदों के उत्पादों का अवलोकन किया। समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्यपाल रामनाईक की प्रेरणा से उन्होंने यूपी के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 24 जनवरी 2018 को उत्पादों को बढ़ावा देने का ओडीओपी योजना शुरू की थी। यूपी में निवेश के लिए 4.68 लाख करोड़ के एमओयू साइन हुए थे। जिसमें 60 हजार करोड़ की नींव रखी जा चुकी है। 50 हजार करोड़ की योजनाएं प्रतीक्षा में हैं। सुरक्षा के मामलों में हमने अभूतपूर्व परिवर्तन किए हैं। लघु व कुटीर उद्योगों के जरिए गांव-गांव तक पहुंचा जाएगा। इसके लिए 250 करोड़ के प्रबंध अपने संसाधनों से किए गए हैं, जिसमें 1006 करोड़ का निवेश होगा। इससे 4095 परिवार सीधे लाभान्वित होंगे। इन उद्योगों के तकनीकी उन्नयन के लिए सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। पांच वर्ष में 25 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराए जाएंगे। हाथरस के हींग उद्योग को भी इस समिट से बड़ी सहूलियत मिलने की आस जागी है। हाथरस से गए व्यापारियों के साथ जिला उद्योग केंद्र के प्रतिनिधि रीतेश बंसल व शशांक सौरभ गए हैं।
लखनऊ से किया गया सीधा प्रसारण
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत लखनऊ में हुए समिट का सीधा प्रसारण यहां के उद्यमियों को दिखाने के लिए एनआइसी ने कलक्ट्रेट सभागार में इंतजाम किए थे। जिसमें जनप्रतिनिधि, अधिकारी व उद्यमी, महिला समूह शामिल हुए।
प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों के प्रमुख उत्पादों की ब्रां¨डग के लिए लखनऊ में समिट का आयोजन किया, जिसमें हाथरस के उद्यमी भी शामिल होने के लिए गए हैं। कार्यक्रम का लाइव प्रसारण दिखाने के लिए एनआइसी को व्यवस्था के निर्देश शासन स्तर से दिए गए थे। अवशेष उद्यमियों को स्थानीय स्तर पर ही आमंत्रित किया गया था। यहां भी हींग की स्टाल लगाई गई। लाइव प्रसारण का सभी ने सीधे देखा, जिसमें विधायक हरीशंकर माहौर, विधायक वीरेंद्र ¨सह राणा, पालिकाध्यक्ष आशीष शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष गौरव आर्य, जिलाधिकारी डा.रमाशंकर मौर्य, पीडी डीआरडीए चंद्रशेखर शुक्ला, एलडीएम कार्तिक कुमार, सहायक आयुक्त उद्योग दुष्यंत कुमार सहित तमाम अधिकारी, उद्यमी, महिला एनजीओ ने लाभ उठाया।
उद्यमियों को प्रोजेक्ट के लिए ऋण भी वितरित
हींग उद्योग सहित तमाम लघु व कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने की मंशा के अनुरूप आए प्रोजेक्ट को स्वीकृति प्रदान करने के लिए साढ़े सात करोड़ रुपये के ऋण वितरित किए जाने हैं। यहां कलक्ट्रेट में एक करोड़ रुपये के ऋण प्रमाण पत्र दिए गए। वहीं लखनऊ में साढ़े छह करोड़ के ऋण प्रमाण पत्र तीन दिन चलने वाली समिट में दिए जाएंगे। इसके साथ ही महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए टूल किट भी वितरित किए गए। हाथरस कलक्ट्रेट सभागार में यूपी समिट के उद्घाटन सत्र के बाद विधायक सिकंदराराऊ वीरेंद्र ¨सह राणा, विधायक हाथरस हरी शंकर माहौर, नगरपालिका अध्यक्ष आशीष शर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष गौरव आर्य तथा जिलाधिकारी डॉ. रमा शंकर मौर्य ने जनपद के लाभार्थियों को मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना, राज्य स्तरीय हस्तशील पुरस्कार योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना तथा अन्य योजना के तहत लाभार्थियों को प्रमाण पत्र तथा टूलकिट का वितरण किया, ताकि यह उद्यमी अपने उद्योगों को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसर पैदा कर सकें और प्रदेश की तरक्की के साथ स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ सकें। इस दौरान परियोजना निदेशक चंद्रशेखर शुक्ला, अपर जिला सूचना विज्ञान अधिकारी आलोक माहेश्वरी आदि थे।
तीन स्टालों ने बिखेरी हींग की खुशबू
जनपद के सुप्रसिद्ध उत्पाद हींग की खुशबू को देश व विदेश में नई पहचान दिलाने के लिए लखनऊ में आयोजित ब्रां¨डग समिट में यहां के हींग उत्पादों को प्रदर्शनी में शामिल किया गया, जिसमें हाथरस की आरबी इंडस्ट्रीज के मालिक बांके बिहारी अग्रवाल, फेयर डील इंडस्ट्रीज के मनोज अग्रवाल, दुर्गा इंडस्ट्रीज के राजेश अग्रवाल ने अपने उत्पाद प्रदर्शनी में लगाए। जहां दूर दराज से आए तमाम उद्यमियों सहित लोगों ने अवलोकन किया और हींग भी खरीदी। यह स्टाल तीन दिन तक समिट में लगी रहेंगी।
हाथरस में दो दर्जन से अधिक हींग के कारखाने
कभी दाल-दलहन, तिलहन व सूत-कपास उद्योग में देशभर में धाक रखने वाले हाथरस की ख्याति पाच दशक से हींग नगरी के रूप में उभरी है। इस समय अंतराल में परंपरागत उद्योग भले ही दरकते चले गए, मगर हींग कारोबार यहा जड़ें जमाता चला गया। आज शहर में दो दर्जन से ज्यादा हींग तैयार करने के बड़े कारखाने हैं, ट्रेडर्स की संख्या तो यहा सैकड़ों में है। देखा जाए तो यह कारोबार यहा हजारों हाथों को काम दे रहा है। प्रदेश सरकार ने अपनी महत्वाकाक्षी योजना वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट के तहत यहा के हींग प्रसंस्करण का चयन किया है। इससे अब हाथरस के इस उद्योग को और भी परवान चढ़ने की उम्मीद जाग गई है।
हींग उद्योग अब करेगा तरक्की
हींग व्यापारी अतुल अग्रवाल ने बताया कि हींग उद्योग को सरकारी संरक्षण न मिलने से यह उस स्तर पर नहीं पनप पा रहा था, जिस स्तर पर यहा के कारोबारी मेहनत कर रहे थे। अब चूंकि इसे प्रदेश सरकार ने अपनी महत्वाकाक्षी योजना में शामिल कर लिया है, निश्चित ही यह उद्योग और तरक्की करेगा।
वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट योजना का मिलेगा फायदा
हींग व्यापारी राकेश बंसल ने बताया कि वर्तमान में हाथरस की पहचान ही हींग नगरी के रूप में है। प्रदेश सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट योजना में इसे शामिल कर सराहनीय कार्य किया है। इससे यहा के इस उद्योग को और बढ़ावा मिलेगा और उद्यमियों को सुविधाएं भी मुहैया होंगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलेगी पहचान
हींग कारोबारी राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि हाथरस का हींग उद्योग सरकार की महत्वाकाक्षा योजना में शामिल होना खुशी की बात है। पहली बार किसी सरकार ने इस उद्योग की सुध ली है, निश्चित ही इससे हाथरस के हींग उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसे पहचान मिलेगी।