राम मंदिर लहर में चुनाव जीते थे पूर्व विधायक मुनीष गौड़
छत गिरकर हुई पूर्व विधायक मुनीष गौड की मौत।
अलीगढ़ : बरौली के पूर्व भाजपा विधायक मुनीष गौड़ की मकान की छत से गिरकर मौत हो गई। क्वार्सी स्थित श्मशान गृह में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान अनेक राजनीतिक, गैर राजनीतिक, समाजसेवी व शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे। मृदुभाषी और राजनीतिक संघर्ष के लिए उन्हें सदा याद किया जाएगा। खास बात यह रही कि राम मंदिर लहर में चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंच गए थे। पूर्व विधायक मुनीष गौड़ ने दिग्गज नेता एवं मौजूदा भाजपा विधायक ठा.दलवीर सिंह को हराया था।
बताते चलें कि मुनीष गौड़ परिवार के साथ रामघाट रोड पर स्वर्ण जयंती नगर स्थित अवंतिका कॉलोनी में रहते थे। बड़े बेटे विवेक गौड़ के अनुसार पिता का कई दिनों से दिल्ली में इलाज चल रहा था। हाल ही में सर गंगाराम हॉस्पिटल से दवा लेकर आए थे। मां रजनी गौड़ के साथ पहली मंजिल पर थे। घबराहट महसूस होने पर खुली हवा में दूसरी मंजिल पर चले गए। छत पर टहलते हुए रेलिंग पर आए और नीचे मेनगेट के सामने सिर के बल आ गिरे। गेट के सामने फर्श की टाइल्स से उनका सिर टकराया था, टाइल्स भी टूट गई। उन्हें वरुण ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे। यहां डॉ. संजय भार्गव ने परीक्षण के बाद मृत घोषित कर दिया।
ये रहा जीवनकाल
मुनीष गौड़ के पिता कालीचरन गौड़ मूलरूप से बुलंदशहर में थाना अहमदगढ़ के गांव मीरापुर निवासी थे। करीब 50 साल पहले जवां क्षेत्र के गांव पौहिना फरीदपुर में आकर बस गए और यहीं खेतीबाड़ी शुरू कर दी। कालीचरन गौड़ के दो बेटे शिवकुमार गौड़ व मुनीष गौड़ ने यहीं जन्म लिया। दोनों की शिक्षा-दीक्षा भी अलीगढ़ में हुई। शिवकुमार प्रॉपर्टी डीलिंग के साथ कासिमपुर पावर हाऊस में ठेकेदारी करते हैं। मुनीष गौड़ हरदुआगंज समेत तीन स्थानों पर पेट्रोल पंप के साथ शराब के ठेके चलाते थे। प्रॉपर्टी डीलिंग व ठेकेदारी भी करते थे।
पहली बार चुनाव लड़कर जीते
पूर्व सांसद शीला गौतम के करीबी रहे मुनीष गौड़ भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता थे, जिसका इनाम भी 1993 में हुए मध्यावधि चुनाव में मिला। तब भाजपा ने हाथरस विधानसभा क्षेत्र से रामवीर उपाध्याय के स्थान पर राजवीर सिंह पहलवान को टिकट दी थी। जातीय समीकरण बनाने व ब्राहमण मतदाताओं को साधने के लिए यशपाल सिंह चौहान के स्थान पर बरौली विधानसभा क्षेत्र से मुनीष गौड़ को टिकट दिया। मुनीष पहली बार चुनाव लड़े और धुर प्रतिद्वंद्वी ठा. दलवीर सिंह को मात देकर विधायक बने। वे सिर्फ 13 माह विधायक रहे। 1997 में हुए चुनाव में मुनीष गौड़ को मात्र 1200 वोटों के अंतराल से ठा. दलवीर सिंह से मात खानी पड़ी। वे बाद में कई बार टिकट के प्रबल दावेदार रहे, लेकिन पार्टी ने नहीं दिया। मुनीष गौड़ भाजपा के जिलाध्यक्ष पद समेत कई अन्य जिम्मेदार पदों पर भी रहे। वे राजनीति में खासे सक्रिय थे।
जानलेवा हमले में हुए थे घायल
पूर्व विधायक पर दो जुलाई-16 को उनके आवास के बाहर जानलेवा हमला हुआ था। गोली लगने से घायल हुए। हमले में भाजपा नेता राजेश भारद्वाज को सुपारी देने के आरोप में जेल जाना पड़ा। बीते साल भी उनके हरदुआगंज स्थित पेट्रोल पंप से कैश लेकर जा रहे कर्मचारियों से बदमाश करीब साढ़े छह लाख रुपये लूटकर ले गए थे।
रोते बिलखते छोड़े परिजन
पूर्व विधायक ने पत्नी रजनी गौड़ पूर्व जिला पंचायत सदस्य, चार बेटे विवेक गौड़, दीपू उर्फ दीपक गौड़, अभिषेक गौड़ व राज गौड़ समेत अन्य परिजनों को रोते-बिलखते छोड़ा है।
सांत्वना दी
सूचना पर सांसद सतीश गौतम, पूर्व जिलाध्यक्ष नत्थी सिंह, गौरव शर्मा, डॉ. राजीव अग्रवाल, मुकेश जिंदल, युवा भाजपा नेता विजय प्रताप सिंह, चंद्रमणि कौशिक, शिवनारायण शर्मा, बेबी सिंह प्रधान आदि मुनीष गौड़ के घर पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी। श्रम व निर्माण समिति के अध्यक्ष ठा. रघुराज सिंह ने कहा कि उन्होंने अच्छा साथी खो दिया। पूर्व ब्लॉक प्रमुख शशि सिंह, सतेंद्र पाल सिंह ने कहा कि मृदुभाषी स्वभाव के थे।
रेलिंग की कम ऊंचाई बनी हादसे का सबब
पूर्व विधायक करीब 24 फीट ऊंचाई से गिरे थे। दूसरी मंजिल तक ऊंचाई इतनी ही है। सड़क की ओर जिस रेलिंग के सहारे खड़े थे, वो ढाई फीट की है। पूर्व विधायक को घुटने से कुछ इंच ऊपर तक ही सहारा मिला होगा। परिजनों की मानें तो घबराहट के चलते वे संतुलन नहीं बना पाए और नीचे आ गिरे।