सपा में नेताओं की धड़कन बढ़ाएंगे पूर्व विधायक जमीरउल्लाह, ये है रणनीति Aligarh News
समाजवादी पार्टी से दो बार विधायक रह चुके हाजी जमीरउल्लाह खान की घर वापसी को लेकर पार्टी के एक खेमे में खलबली मची हुई है। नेता खामोश हैं। उन्होंने जमीर के पार्टी में शामिल होने पर कोई प्रतिक्रिया भी नहीं दी है।
अलीगढ़, जेएनएन। समाजवादी पार्टी से दो बार विधायक रह चुके हाजी जमीरउल्लाह खान की घर वापसी को लेकर पार्टी के एक खेमे में खलबली मची हुई है। नेता खामोश हैं। उन्होंने जमीर के पार्टी में शामिल होने पर कोई प्रतिक्रिया भी नहीं दी है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जमीर की घर वापसी उनकी धड़कन बढ़ाए हुए है। शहर व कोल सीट से जमीर दो बार विधायक रह चुके हैं। जानकारों का मानना है कि टिकट की दाबेदारी करने में पूर्व विधायक किसी से पीछे रहने वाले नहीं हैं। उनके साथ बसपा के 10 पार्षदों ने भी सदस्यता ली है। इसे पार्टी भी भुला नहीं पाएगी।
वहीं, पूर्व विधायक जमीर उल्लाह खान का कहना है कि वह पुरानी बातें भुला चुके हैं। अब हर कदम पार्टी के हित में उठेगा। जो रूठे हैं, उन्हें मनाया भी जाएगा। जमीर की मुस्लिम वोट बैंक अच्छा है। 2007 में शहर विधानसभा सीट जीतने के बाद वह मुस्लिम नेता बनकर उभरे थे। 2012 के विधानसभा चुनाव में कोल विधानसभा सीट पर वह जीते। हालांकि, जीत का अंतर 500 वोट ही था। 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की कमान अपने हाथ में ले चुके अखिलेश यादव ने कोल विधानसभा से उनका टिकट काटकर अज्जू इश्हाक को दिया। इस नए प्रयोग से पार्टी को कोई लाभ नहीं हुआ। अज्जू को हार का सामना करना पड़ा था। कोल सीट पर अज्जू और सलमान शाहिद लंबे समय से तैयारी कर रहे हैं । लॉकडाउन में सलमान शाहिद ने सबसे अधिक इसी क्षेत्र में राहत सामग्री बांटी थी।
क्षत्रिय वोट साधेंगे अर्जुन
40 ग्राम प्रधानों के साथ सपा में शामिल हुए अर्जुन सिंह क्षत्रिय वोटों को साधेंगे। हरदुआगंज के गांव अलहदादपुर निवासी अर्जुन सिंह की अलीगढ़ में विश्वविद्यालय के लिए हुए आंदोलन में अहम भूमिका रही थी। 2009 में शुरू हुए इस अांदोलन में वह सपा छात्रसभा के साथ कूदे थे। रंजीत चौधरी के साथ लखनऊ पहुंचे अर्जुन ने कहा कि क्षत्रिय समाज हमारे साथ है। पार्टी हित में पूरे मनोयोग से कार्य करेंगे।
जो जमीर उल्लाह के साथ आए वहीं सपा में गएः रतनदीप
जासं, अलीगढ़: बसपा के जिलाध्यक्ष रतनदीप सिंह ने पूर्व प्रत्याशी सगीर अहमद समेत कई बसपा पार्षदों के सपा में जाने पर कहा कि जो लोग हाजी जमीर उल्लाह के साथ आए थे, वहीं वापस चले गए। जमीर उल्लाह के कहने पर ही इन लोगों को टिकट दिए। कार्यकर्ताअों ने मेहनत के साथ इन्हें जिताया। ये लोग केवल स्वार्थ के लिए बसपा में रहे। सपा में लौटकर बसपा को धोखा दिया। इनके खिलाफ पार्टी स्तर से अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। आगामी नगर निगम चुनाव में इन पार्षदों को अपनी हैसियत का अंदाजा भी लग जाएगा। इस बार संगठन से जुड़े कार्यकर्ताअों को ही चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा।