lockdown में ई-शाखा से हो रहा ध्वज प्रणाम, ऐसे हो रहीं हैं RSS की गतिविधियां Aligarh News
कोरोना वायरस की दहशत के बीच शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ई-शाखा की शुरूआत कर दी है। इस पर संघ की प्रार्थना और ध्वज प्रणाम तक की जा रही है। करीब 500 स्वयंसेवक इस पर सक्रिय हैं
अलीगढ़ [ राजनरायन]: कोरोना वायरस की दहशत के बीच शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने ई-शाखा की शुरूआत कर दी है। इस पर संघ की प्रार्थना और ध्वज प्रणाम तक की जा रही है। करीब 500 स्वयंसेवक इस पर सक्रिय हैं। इसमें अधिकतर बौद्धिक विषयों पर चर्चा हो रही है। देश के तमाम विषयों पर एप के जरिये वरिष्ठ प्रचारकों का मार्गदर्शन स्वयंसेवकों को मिलता है। अबतक छह वरिष्ठ प्रचारक सम-समायिक विषयों पर चर्चा कर चुके हैं। इसके पीछे संघ की गतिविधियां कभी न थमने देने की सोच है। अनेक बाधाएं आने पर भी 1925 में विजयादशमी के दिन शुरू हुआ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियां कभी रुकी नहीं।
सतत संपर्क जारी
संघ पर कई बार प्रतिबंध लगे। प्रत्यक्ष रूप से शाखाएं बंद रहीं, मगर सतत संपर्क चलता रहा। कोरोना वायरस के संकट में भी शाखाएं चालू रखने का यह तरीका अपनाया गया है। ब्रजप्रांत कार्यवाह राजपाल सिंह के निर्देश पर स्वयंसेवक घरों पर ही शाखा की गतिविधियां चला रहे हैं।
एक दूसरे से जुड़ रहे कार्यकर्ता
एप के जरिए कार्यकर्ता एक दूसरे से जुड़ते हैं और चर्चा करते हैं। किसी घर में दो तो किसी घर में एक ही परिवार के चार तक कार्यकर्ता होते हैं।
शहर में 106 शाखाएं
शहर में आज भी सुबह-शाम मिलाकर 106 शाखाएं लग रही हैं। सुबह 5:30 से 6:30 बजे तक शाखा का समय है। एप के जरिये स्वयंसेवक परिवार के साथ एक घंटे योग-व्यायाम, गीत और बौद्धिक कार्यक्रम करते हैं। अखिल भारतीय सहसंपर्क प्रमुख रामलाल, अखिल भारतीय पर्यावरण प्रमुख राकेश जैन आदि स्वयंसेवकों से एप से जुड़े हैं। उन्होंने स्वयंसेवकों से महापुरुषों की जीवनी पढऩे, सेवाकार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने को कहा है।
आंबेडकर जयंती पर संबोधन
ब्रजप्रांत संपर्क प्रमुख प्रमोद चौहान ने 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती पर स्वयंसेवकों को एप के माध्यम से संबोधित किया। बौद्धिक चर्चा की। डॉ. आंबेडकर के देश के लिए योगदान व संघर्ष की कहानी के बारे में बताया। संघ का कार्य सतत चलता रहता है। विषम परिस्थितियों में हम दोगुने उत्साह से काम करते हैैं। घरों में शाखाएं लग रही हैं। स्वयंसेवकों को एप व वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बौद्धिक संदेश दिया जाता है।
ललित कुमार, विभाग कार्यवाह
ई-शाखा के जरिए स्वयंसेवकों को बौद्धिक सत्र में जोड़ा जाता है। प्रेरक प्रसंग व बोधकथा सुनाते हैं। सेवाकार्य के बारे में बताते हैैं। वर्तमान में लोगों की मदद की ज्यादा जरूरत है।
प्रमोद भारद्वाज, ई-शाखा कोऑर्डिनेटर
एप के माध्यम से रामलाल, राकेश जैन का बौद्धिक प्राप्त हुआ। सेवाकार्य के बारे में जानकारी की। यह अच्छा समय है जब हम महापुरुषों के बारे में अधिक से अधिक जान सकते हैं।
भूपेंद्र शर्मा, प्रांत प्रचार टोली सदस्य