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पंचायत चुनाव के पांच साल पूरे अलीगढ़ के गांव नगला पदम में वादे अधूरे Aligarh news

जब भी चुनाव आतेे हैं तो बीते दिनों में क्या मिला? इस सवाल पर चर्चा होने लगती है। जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित नगला पदम का भी यही हाल है। बीते पांच सालों में गांव के विकास के लिए कई कार्य हुए लेकिन ये पर्याप्त नहीं रहे।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Sat, 20 Feb 2021 06:28 AM (IST)Updated: Sat, 20 Feb 2021 07:45 AM (IST)
इस राजस्व गांव में प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक कुल नौ सरकारी विद्यालय मौजूद हैं।

श्याम सुंदर, अलीगढ़ः जब भी चुनाव आतेे हैं तो बीते दिनों में क्या मिला? इस सवाल पर चर्चा होने लगती है। जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित नगला पदम का भी यही हाल है। हालांकि, बीते पांच सालों में गांव के विकास के लिए कई कार्य हुए, लेकिन ये पर्याप्त नहीं रहे। पिछले चुनाव में किए गए कई वादे अभी पूरे नहीं हो सके हैं। लोगों का कहना है कि गांव के समुचित विकास के लिए बड़ी योजना की जरूरत है। इसमें इंटर कालेज,  बैंक, अस्पताल प्राथमिकता में हों। पंचायत चुनाव निकट हैं। इसलिए गांव के लोग फिर इन सुविधाओं की मांग करने लगे हैं।  

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शिक्षकों का गांव है नगला पदम

इस गांव के करीब 30 लोग शिक्षक के रूप में सेवा दे रहे हैं। इसके अलावा भी सेना और विभिन्न सरकारी सेवा में लगे लोगों की ज्यादा संख्या होने के कारण अपनी अलग पहचान रखता है। लेकिन, विडंबना यह है कि गांव में जूनियर हाई स्कूल तक ही विद्यालय है। आगे की शिक्षा के लिए बच्चों को चंडौस या खैर जाना पड़ता है। खास तौर पर लड़कियों को ज्यादा समस्या का सामना करना पड़ता है। हालांकि, इस राजस्व गांव में प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक कुल नौ सरकारी विद्यालय मौजूद हैं।

जागरूक ग्रामीणों ने बनाई है समिति

यहां के ग्रामीणों द्वारा नगला पदम विकास समिति नाम से एक समिति बनाई गई है, जो गांव में युवाओं को शिक्षा के प्रति जागरूक करने और विकास कार्यों में अनदेखी की निगरानी करने का कार्य कर रही है।

स्वास्थ्य केंद्र है लेकिन डॉक्टर नहीं

गांव में उप स्वास्थ्य केंद्र है। ग्रामीणों का कहना हैैकि केंद्र पर डाक्टर मौजूद नहीं रहतेे। सामान्य सी बीमारी में भी लोगों को इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है।

गोशाला है फिर भी फसल की सुरक्षा भगवान भरोसे

इस गांव में गोशाला तो है लेकिन बाहर घूमते निराश्रित गोवंश और नील गायों से अपनी फसलों की सुरक्षा करना किसानों के लिए चुनौती बना हुआ है।

पाइपलाइन ने बनी बात बिगाड़ी

गांव में ग्राम प्रधान द्वारा कराए गए इंटरलाकिंग  कार्य से ग्रामीणों खुश कर दिया, लेकिन पानी की टंकी की पाइप लाइन डालने के लिए बनने के तुरंत बाद ही इसे तोड़कर कर ग्रामीणों की खुशी पर पानी फेर दिया गया है।

गांव को मिला लाभ 

756 शौचालय

156 विधवा पेंशन

78 वृद्धा पेंशन

12 विकलांग पेंशन

21 प्रधानमंत्री आवास

गांव को जरूरत है

गांव में जल निकासी के लिए भूमिगत नाला बारात घर की जरूरत है। ग्रामीणों का कहना है कि  हाईस्कूल और उससे ऊपर की शिक्षा के लिए विद्यालय खेलकूद का मैदान होना चाहिेए।  उप स्वास्थ्य केंद्र पर प्रतिदिन डाक्टर की तैनाती  हो और  पशु अस्पताल और बैंक की स्थापना कराई जाए। 

पांच साल में कराए गए प्रमुख विकास कार्य

गांव के रस्तों पर करीब आठ किलो मीटर  सीसी कार्य, जिसके अंतर्गत 76 रास्ते पक्के करे गए हैं। आठ विद्यालयों एवं पंचायत घर का सुंदरीकरण कराया गया है। मनरेगा के तहत करीब 60 किलोमीटर चकरोड़ों का चौड़ीकरण हुआ है।  

पूर्ण राजस्व गांव

नगला पदम, रेशरा,नगला बादाम, शोभा नगला, सिद्ध नगर, नगला गूलर।

इनका कहना है

गांव के लगभग सभी रास्ते पक्के हैं। स्कूलों व पंचायत भवन का सुंदरीकरण आदि अनेक विकास कार्य कराए गए हैं। तालाब के सुंदरीकरण  एवं पार्क का कुछ काम शेष रह गए हैं जिन्हें भविष्य में पूरा किया जाएगा। 

निवर्तमान ग्राम प्रधान मालती देवी

ग्रामीणों का कहना

भानु प्रताप सिंह कहते हैं कि गांव में आठवीं से आगे की पढ़ाई के लिए विद्यालय होना चाहिए। रमेशचंद्र शर्मा गांव में तालाब की सफाई न होने से नाखुश हैं। नीतेंद्र चौहान गांव में प्रतिदिन डाक्टर की मौजूदगी चाहते हैं। अनुज चौहान पाइप लाइन के लिए तोड़े गए रास्तों से खफा हैं।


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