हाथरस में पटाखों ने निकाला पर्यावरण का दम
यूपी के एनसीआर में शामिल जिलों की बात करें तो गाजियाबाद में 452 व नोएडा में 446 तक पहुंच गया। इसका असर अलीगढ़ और हाथरस में दिखाई दिया। शुक्रवार को धनतेरस और शनिवार को दीपावली पर चलाए गए पटाखों का असर रविवार को दिखाई दिया।
हाथरस, जेएनएन। आखिर हुआ वही, जिसका अंदेशा था। दीपावली पर मनमाने पटाखे चलाने से प्रदूषण का स्तर बढऩे से वायु गुणवत्ता सूचकांक 173 प्वाइंट और बढऩे से 365 प्वाइंट तक पहुंच गया, जबकि दीपावली से पहले 192 तक पहुंच गया था। लोगों ने प्रतिबंध के बावजूद साधारण बारूद से तैयार पटाखे अधिक चलाए। इसमें तेज आवाज के साथ अधिक धुएं वाले पटाखे अधिक थे। शुक्रवार को धनतेरस और शनिवार को दीपावली पर चलाए गए पटाखों का असर रविवार को दिखाई दिया। इसके कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक में बढ़ोतरी दर्ज की गई।
बिगड़े हालात : एनसीआर और यूपी के 10 शहरों में प्रदूषण को देखते हुए एनजीटी ने पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया था। यह प्रतिबंध यूपी के एनसीआर में शामिल बुलंदशहर जिले तक लागू किया गया था। दीपावली से पहले हवा चलने से धूल के कण फैलने से वायु गुणवत्ता सूचकांक अलीगढ़ और हाथरस जनपद का 192 प्वाइंट चल रहा था। दीपावली के बाद रविवार को बुलंदशहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 428 तक पहुंच गया। जबकि 14 नवंबर यानी शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 398 था। यूपी के एनसीआर में शामिल जिलों की बात करें तो गाजियाबाद में 452 व नोएडा में 446 तक पहुंच गया। इसका असर अलीगढ़ और हाथरस में दिखाई दिया। अलीगढ़ में रविवार को सूचकांक 375 प्वाइंट और हाथरस में 365 प्वाइंट रिकॉर्ड किया गया।
साधारण किस्म के पटाखे खूब चलाए
लोगों ने प्रतिबंध के बावजूद साधारण बारूद से तैयार पटाखे अधिक चलाए। इसमें तेज आवाज के साथ अधिक धुएं वाले पटाखे अधिक थे। शुक्रवार को धनतेरस और शनिवार को दीपावली पर चलाए गए पटाखों का असर रविवार को दिखाई दिया। इसके कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक में बढ़ोतरी दर्ज की गई।