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अलीगढ़ से राशन ले जा रहे किसान नेताओं को जेवर टोल प्लाजा पर रोका

भाकियू पदाधिकारी चिल्ला बॉर्डर से धरनास्थल पर ले जा रहे थे राशन नेताओं ने गाड़ियों से उतार लिए थे झंडे राशन देख पुलिस को हुआ शक।

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Dec 2020 01:56 AM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2020 01:56 AM (IST)
अलीगढ़ से राशन ले जा रहे किसान नेताओं को जेवर टोल प्लाजा पर रोका
अलीगढ़ से राशन ले जा रहे किसान नेताओं को जेवर टोल प्लाजा पर रोका

जासं, अलीगढ़ : नोएडा-दिल्ली के चिल्ला बॉर्डर पर धरनारत किसानों के लिए अलीगढ़ से राशन ले जा रहे किसान नेताओं को जेवर टोल पर पुलिस ने रोक लिया। किसान नेताओं को इसकी आशंका था, इसलिए गाड़ियों ने संगठन के झंडे-स्टीकर हटा दिए, लेकिन राशन नहीं छिपा पाए। राशन पर नजर पड़ते ही पुलिस ने गाड़ियों को लौटा दिया। किसान नेताओं ने टप्पल होकर दूसरे मार्गों से धरनास्थल पर राशन पहुंचाया।

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चिल्ला बॉर्डर पर अलीगढ़ समेत कई जिलों के किसान व संगठन धरना दे रहे हैं। इनके राशन की व्यवस्था किसान संगठन करा रहे हैं। भाकियू (भानु) के पदाधिकारी रविवार को तीन गाड़ियों में राशन लेकर चिल्ला बॉर्डर के लिए निकले थे। प्रदेश महासचिव डॉ. शैलेंद्र पाल सिंह ने बताया कि गाड़ियों से स्टीकर, झंडे पहले ही उतार लिए थे, लेकिन ज्यादा मात्रा में रखे राशन पर नजर पड़ते ही जेवर बोर्डर पर चेकिग कर पुलिस ने पूछताछ शुरू कर दी। शक होने पर गाड़ियां लौटा दीं। अन्य मार्गों से होकर राशन पहुंचाया गया। प्रदेश उपाध्यक्ष जैकी ठाकुर ने बताया कि किसान नेताओं को धरने से दूर रखा जा रहा है। भाकियू (हरपाल गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरपाल सिंह ने कहा कि मांग पूरी होने तक धरना जारी रहेगा। भारत बंद को सफल बनाया जाएगा।

उग्र प्रदर्शन नहीं, सहयोग

की करेंगे अपील

भारत बंद को लेकर किसान संगठन तैयारी कर रहे हैं। चिल्ला बॉर्डर पर भी इसे लेकर चर्चा हुई। डॉ. शैलेंद्र ने बताया कि भारत बंद की रणनीति सोमवार को बनाई जाएगी। संगठन नेतृत्व का विचार है कि आठ दिसंबर को उग्र प्रदर्शन न कर दुकान व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद करने की अपील की जाए। सभी व्यापारी बंधु प्रतिष्ठान बंद रखकर किसानों का सहयोग करें।

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सरकार जो कानून बनाती है, उसका धरातल पर पालन नहीं होता। 23 फसलों का समर्थन मूल्य तय कर अच्छा फैसला लिया, लेकिन किसानों को लाभ कहां मिला। धान और गेहूं की खरीद हो रही है। मक्का की खरीद देरी से शुरू की। इसका भी लक्ष्य तय कर दिया। प्रतिदिन 300 कुंतल ही खरीदा जाएगा। बाजरा व अन्य उत्पाद समर्थन मूल्य से कम कीमत में बिक रहे हैं।

नवाब सिंह, बाबूपुर

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केंद्र सरकार के कुछ फैसले सही हैं। किसानों को अपना उत्पाद कहीं भी बेचने के लिए स्वतंत्र कर दिया है। मंडियों के बंधन से किसान मुक्त हो चुका है। जैविक बाजार भी उपलब्ध करा दिया, लेकिन समर्थन मूल्य को लेकर ठोस रणनीति नहीं बनाई। इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। नीतियों का लाभ किसानों को मिले तो विरोध ही नहीं होगा।

सतीश तोमर, कैथवारी


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