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Hathras: साहसी कमांडो को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई, युद्ध अभ्यास के दौरान हुए हादसे में हुए थे शहीद

Farewell to Commando with Military Honors लेह लद्दाख में हुए अभ्यास के दौरान शहीद पैरा कमांडो का पार्थिव शरीर पैतृक गांव खेड़ा बरामई लाया गया तो अंतिम दर्शन को जनसैलाब उमड़ पड़ा। उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।

By Mohammad Aqib KhanEdited By: Published: Tue, 30 Aug 2022 09:27 PM (IST)Updated: Tue, 30 Aug 2022 09:27 PM (IST)
Hathras: साहसी कमांडो को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई : जागरण

हाथरस, जागरण संवाददाता: सर्जिकल स्ट्राइक में जौहर दिखाकर आतंकवादियों को मारने वाले एवं सेना पदक से सम्मानित की लेह लद्दाख (एलएसी) में हुए अभ्यास के दौरान पैराशूट न खुलने से मौत की खबर से हर कोई द्रवित है। पैरा कमांडो के नायब सूबेदार हरवीर सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार की दोपहर बाद पैतृक गांव खेड़ा बरामई लाया गया तो अंतिम दर्शन को जनसैलाब उमड़ पड़ा। उन्हें सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।

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खेड़ा बरामई के रहने वाले सुग्रीव सिंह के बेटे हरवीर सिंह ने 2002 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे। ग्यारह वर्ष सेना में अपनी बहादुरी का जलवा दिखाने वाले इस जवान की बहादुरी, निपुणता को देखते हुए वर्ष 2013 में पैरा कमांडो के लिए चयनित किया गया। उस समय से अब तक लगातार हरवीर सिंह पैरा कमांडो के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे। वर्ष 2019 में पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक करने वाली टीम में भी वह शामिल रहे थे। दिल्ली, बेंगलुरु, कश्मीर में सेवा देने के बाद आगरा में तैनात थे। कुछ दिन पहले ही उन्हें लेह लद्दाख ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया था। अंतिम बार जब हरवीर सिंह गांव आए थे तो छोटे भाई हेमंत से मकान बनवाने सहित अन्य जरूरी काम निपटाए थे। दो दिन पहले अपने पिता से भी वीडियो काल पर बात की थी, तथा एलएसी पर हो रहे पैराशूट युद्धाभ्यास की एक वीडियो भी भेजी गई थी। एलएसी पर चल रहे युद्धाभ्यास के बारे में भी चर्चा की थी। हरवीर सिंह अपने अधीनस्थ जवानों को सैन्य अभ्यास करा रहे थे। सैन्य अभ्यास के दौरान दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में पैराशूट न खुलने से उनकी जान चली गई। पैरा कमांडो की मौत की घटना ने स्वजन को तोड़ कर रख दिया। परिवार में हाहाकार मचा हुआ है और गांव में भी मातमी सन्नाटा छा गया।

पैरा कमांडो का पार्थिव शरीर सादाबाद पहुंचा। तिरंगे के साथ फूलों से सजे सेना के वाहन गाड़ी को सजाया गया और कमांडो के पार्थिव शरीर को खुली गाड़ी में रख कर राया मार्ग से होते हुए गांव लाया गया। गांव में गाड़ी के पहुंचते ही गाड़ी के पीछे सैकड़ों की संख्या में लोग नारे लगाते हुए चल रहे थे। पार्थिव शरीर पहुंचते ही घर परिवार में हाहाकार मच गया। मां पत्नी बच्चे बहन भाई बिलख बिलख कर रोने लगे।

अंत्येष्टि स्थल पर जवान की पत्नी भी अंतिम दर्शनों के लिए पहुंची इसके उपरांत साथी पैरा कमांडो द्वारा सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। विधायक प्रदीप चौधरी उर्फ गुड्डू, जिलाधिकारी रमेश रंजन, पुलिस अधीक्षक देवेश कुमार पांडेय, खादी ग्रामोद्योग सदस्य महेंद्र सिंह आचार्य, पुलिस उपाधीक्षक ब्रह्मा सिंह, एसडीएम शिवजी प्रभारी निरीक्षक आशीष कुमार सिंह, जिला पंचायत सदस्य केशव देव चौधरी, सुआ पहलवान, रालोद नेता प्रवीण पौनिया, पूर्व विधायक प्रताप चौधरी, ओमवीर सिंह, प्रधान मुकेश चौधरी, सैन्य अधिकारियों पुष्प चक्र कमांडो को अंतिम विदाई दी। इसके उपरांत कमांडो के 15 वर्षीय पुत्र सत्यवीर सिंह द्वारा उसे मुखाग्नि दी । हरवीर सिंह के दोनों बेटों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनके पिता दोनों नातियों को संभालते रहे।

दोनो पुत्रो को भी भेजूंगी देश की सेवा के लिए

हाथरस: शहीद नायब सूबेदार पैरा कमांडो हरवीर सिंह की पत्नी पवन देवी का करुण क्रंदन देखकर सभी की आखें नम हो गईं। अंतिम विदाई के समय उन्होंने अपने आंसुओं को रोका और भारत माता की जय के नारे लगाए। उनकी बहादुरी को देखकर पूरा माहौल भारत माता के जयकारों से गूंज उठा। पवन देवी ने कहा कि वह दोनों बेटे 15 वर्षीय सत्यवीर और 12 वर्षीय आकाश को भी सेना में भेजेंगी। दोनों आर्मी पब्लिक स्कूल आगरा में क्रमश: कक्षा नौ तथा सात में पढ़ रहे हैं।


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