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अलीगढ़ के मॉडल स्कूलों में पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर मिलेगा प्रवेश

अलीगढ़ (गौरव दुबे): एक अप्रैल से शुरू हो रहे नए सत्र में जिले में चार पंडित दीनदयाल उपाध्याय (मॉडल

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Mar 2018 10:10 AM (IST)Updated: Fri, 23 Mar 2018 11:23 AM (IST)
अलीगढ़ के मॉडल स्कूलों में पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर मिलेगा प्रवेश
अलीगढ़ के मॉडल स्कूलों में पहले आओ, पहले पाओ की तर्ज पर मिलेगा प्रवेश

अलीगढ़ (गौरव दुबे): एक अप्रैल से शुरू हो रहे नए सत्र में जिले में चार पंडित दीनदयाल उपाध्याय (मॉडल स्कूल) संचालित होने हैं। अभी शुरुआत में इन स्कूलों में कक्षा 9वीं व 11वीं में ही विद्यार्थियों का प्रवेश कराया जाएगा। प्रवेश, पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर दिया जाएगा। इस बार अधिकारियों ने प्रवेश के लिए परीक्षा को तरजीह नहीं दी है। अगर प्रवेश परीक्षा के आधार पर स्कूलों में दाखिले दिए गए तो मॉडल स्कूल एक बार फिर खाली ही रह जाएंगे। पिछले साल छलेसर में संचालित हुए मॉडल स्कूल में प्रवेश परीक्षा कराकर दाखिला देने की प्रक्रिया अपनाई गई थी। परीक्षा पास करने में कोई भी छात्र-छात्राएं सक्षम नहीं हुए थे। एक भी परीक्षार्थी दाखिला पाने में सफल नहीं हो सका था। इसके बाद अधिकारियों ने यू टर्न लेते हुए पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर बच्चों को प्रवेश दिए थे। इस बात को ध्यान में रखते हुए इस साल मॉडल स्कूलों में शुरुआत से ही प्रवेश प्रक्रिया के लिए परीक्षा को दरकिनार किया गया है। टमोटिया, खेड़ासत्तू, जहराना और बड़ेसरा में मॉडल स्कूल संचालित होने हैं। डीआईओएस डॉ. धमर्ेंद्र शर्मा ने कहा कि नए सत्र से हर हाल में मॉडल स्कूलों का संचालन किया जाना है। इस संबंध में शासन के सख्त व स्पष्ट निर्देश हैं। पिछले साल वह अलीगढ़ में तैनात नहीं थे, लेकिन पता करने पर पाया कि पिछले साल काफी प्रवेशार्थी परीक्षा को उत्तीर्ण नहीं कर पाए थे, जिसके चलते उनको दाखिला नहीं दिया जा सका था। और स्कूल में मात्र 5 से 7 बच्चे ही बमुश्किल पंजीकृत हो पाए थे। इस बार पहले आओ पहले पाओ के तहत बच्चों को प्रवेश दिए जाएंगे। अगर आवेदन ज्यादा आते हैं तो परीक्षा कराने पर विचार किया जाएगा। चारों मॉडल स्कूल में फर्नीचर के लिए चार-चार लाख रुपए के हिसाब से कुल 16 लाख रुपए भेजें गए हैं।

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नहीं बैठना पड़ेगा टाटपट्टी पर: चारों मॉडल स्कूलों में फर्नीचर के लिए इस बार पहले से ही 16 लाख रुपए की राशि भेजी गई है। इससे एक बात तो तय है कि इस बार बच्चों को टाट पट्टी पर बैठकर पढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी। पिछले साल शुरू हुए छलेसर के मॉडल स्कूल में फर्नीचर ना आ पाने के कारण पढ़ाई की शुरुआत किराए की टाटपट्टी व शिक्षकों के लिए किराए की कुर्सियों से की गई थी। यह व्यवस्था मॉडल स्कूल के नाम को पलीता लगा रही थी। इसलिए इस बार पहले से ही फर्नीचर के लिए बजट भेज दिया गया है। डीआईओएस कार्यालय के सहायक वित्त एवं लेखा अधिकारी अश्रि्वनी कुमार पाडे ने बताया कि शासन स्तर पर लखनऊ से ही फर्नीचर की खरीद की जा रही है। वहीं से फर्नीचर मॉडल स्कूलों में भेजा जाएगा।


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