अलीगढ़, जागरण संवाददाता। सर्दी बढऩे के साथ ही कोहरे का कहर भी शुरू हो गया है। इसका यातायात पर भी गहरा असर देखने को मिल रहा है। कोहरे से ट्रेन व रोडवेज बसों की रफ्तार थम रही है और उनकी लेटलतीफी शुरू हो गई है। इतना ही नहीं रेलवे ने कोहरे के चलते ट्रेनों को रद करना भी शुरू कर दिया है। घने कोहरे के चलते शुक्रवार को कई ट्रेनें आधे घंटे से लेकर दो घंटे तक की देरी से स्टेशन पर पहुंची। इससे यात्रियों को सफर में काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं।
यह हैं हालात
रोडवेज बसों में रात में सफर करने वाले यात्रियों की यात्रा तो मानों पहाड़ चढऩे जैसी हो गई है। अधिकतर बसों की खिड़कियों के शीशे टूटे हुए हैं जिनसे अंदर घुसती सर्द हवाएं शरीर में सिहरन पैदा कर रही हैं और वे सफर में ठिठुरने को मजबूर हैं। सबसे अधिक परेशानी महिला, बुजुर्ग, बच्चे व मरीजों को उठानी पड़ रही है। कड़ाके की सर्दी में शुक्रवार शाम गांधीपार्क बस स्टैंड से अलीगढ़ से आगरा जा रही बस में यात्री सर्दी से खुद को बचाए हुए थे। बस के पिछले हिस्से के अलावा कई खिड़कियों के शीशे भी टूटे हुए थे। सफर कर रहे खुर्जा के विकास कुमार ने बताया कि थोड़ी देर बाद ठंड और बढ़ जाएगी। सफर करना जरुरी है, लेकिन रोडवेज को यात्रियों की कोई ङ्क्षचता नहीं की है। इससे उन्हें ठिठुरते हुए सफर करना पड़ रहा है। मथुरा से मेरठ जा रही बस में सवार यात्री मुकेश गोयल ने बताया कि बस बेहद जर्जर हालत में है और इसका दरवाजा व खिड़की के शीशे टूटे हुए हैं, इससे ठिठुरन भरे मौसम में यात्रा करने को मजबूर हैं। रोडवेज के अलीगढ़ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक मोहम्मद परवेज खाने ने बताया कि सभी बसों में टूटे शीशे बदलवाने के साथ ही खिड़की व दरवाजों की मरम्मत के साथ ही कोहरे से निपटने के लिए आल बेदर लाइटें लगवाई गई हैं। वर्कशाप से बसों का निरीक्षण कराकर मिलने वाली खामियों को दूर कराने के बाद ही उन्हें रूट पर भेजने के निर्देश दिए गए हैं। लापरवाही पर संबंधित पर कार्रवाई होगी। कोहरे में यात्रियों की संख्या को देखते हुए रात्रिकालीन बस सेवाओं की संख्या भी घटाई-बढ़ाई जाएगी।
स्टेशन पर नहीं ठंड से बचाव के उपाय
सुबह व रात के समय सर्दी का सितम बढऩे लगा है, लेकिन ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को ठंड से बचाने के लिए कोई उपाय नहीं किए गए हैं। कोहरे के चलते ट्रेनों के देरी से चलने पर उनके स्टेशन पर आने का इंतजार करने वाले यात्रियों को टिकट घर के पास हाल, यात्री प्रतीक्षालय व प्लेटफार्म पर खुले में ठिठुरते हुए देखा जा सकता है। अभी तक रेलवे के स्तर से यात्रियों को सर्दी से बचाने की कोई व्यवस्था नहीं की है। नगर निगम ने भी अलाव आदि की कोई व्यवस्था नहीं कराई है।
रैनबसेरे खुलने का इंतजार
ठंड बढऩे के साथ राहगीरों की परेशानी बढ़ गई। ठंड अचानक बढ़ गई है, लेकिन अभी तक अस्थाई रैनबसेरे नहीं बने हैं, इससे उनकी रातें खुले आसमान के नीचे बीत रही हैं।
सेहत का रखे ध्यान
जिला अस्पताल स्थित आयुष ङ्क्षवग के प्रभारी डा. नरेंद्र चौधरी ने बताया कि यह मौसम ब'चों के साथ बड़ों की सेहत भी बिगाड़ सकता है। इसलिए सभी को ठंड से बचाव की जरूरत है। सुबह व रात्रि के समय घर से बाहर निकलें तो पर्याप्त गरम कपड़े पहनकर ही। बुजुर्ग व बीमार गर्म पानी का सेवन शुरू कर सकते हैं। सांस व हृदय रोगियों को ज्यादा सुबह मार्निंग वाक पर नहीं जाना चाहिए। ठंड ज्यादा महसूस हो तो घर पर ही टहलें या व्यायाम करें।
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