अलीगढ़ में यातायात जाम का कारण बन रहे ई रिक्शा, रेड लाइट की भी परवाह नहीं
प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ने के मकसद से सड़कों पर उतारे गए ई-रिक्शा अब समस्या का कारण बन गए हैं। आप शहर के किसी भी रास्ते पर निकल जाइये ई-रिक्शा की भरमार दिखेगी। ई-रिक्शा जहां चौराहों पर आड़े-तिरछे खड़े होकर व्यवस्था को बिगाड़ते हैं
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई लड़ने के मकसद से सड़कों पर उतारे गए ई-रिक्शा अब समस्या का कारण बन गए हैं। आप शहर के किसी भी रास्ते पर निकल जाइये, ई-रिक्शा की भरमार दिखेगी। ई-रिक्शा जहां चौराहों पर आड़े-तिरछे खड़े होकर व्यवस्था को बिगाड़ते हैं, वहीं प्रतिबंधित मार्गों में घुसकर आदेशों को ठेंगा दिखाते हैं। नंबर प्लेट तक नहीं लगाते, जिसके चलते रेड लाइट जंप करने से गुरेज नहीं करते। इनको न तो कार्रवाई का डर है, न ही किसी की जान की परवाह। मानकों से अधिक सवारी बिठाने वाले ई-रिक्शा धड़ल्ले से नियम-कायदे रौंद रहे हैं। पंजीकरण से लेकर इनके लिए रूट भी निर्धारित किए गए हैं। लेकिन, पुलिस, नगर निगम व आरटीओ की अनदेखी के चलते इनके हौसले बुलंद हैं।
ई रिक्शा चालकों की मनमानी
गुरुवार को शहर में बारिश के चलते वाहनों का दबाव भले ही कम था, मगर ई-रिक्शा धड़ल्ले से हर जगह दिखाई दे रहे थे। चौराहों के 100 मीटर के दायरे में ई-रिक्शा के खड़े होने पर रोक है। मगर गुरुवार दोपहर दो बजे क्वार्सी चौराहे पर आठ-10 ई-रिक्शा शहर को आने वाले रास्ते को बाधित करते हुए खड़े थे। बगल में ही ट्रैफिक पुलिसकर्मी मौन खड़े हुए थे। चालकों को इनका डर नहीं था। इनके चलते रोडवेज बसों व कार आदि को निकलने में मशक्तत करनी पड़ी। सवारियों को बिठाकर कुछ ई-रिक्शा निकल गए तो कुछ ही देर में वहां फिर से नए चालक खड़े हो गए। ये हाल सिर्फ क्वार्सी चौराहे का नहीं है, बल्कि कंपनीबाग बस अड्डे की और बदतर हैं। यहां ई-रिक्शा पूरे बस अड्डे को घेर लेते हैं। बसों के निकलने तक की जगह नहीं बचती। इसी तरह सारसौल बस स्टैंड पर भी चौराहे के बिल्कुल करीब पुलिस के सामने ही ई-रिक्शा सवारियों के इंतजार में खड़े होते हैं। वहीं चार सवारियों के मानक वाले ई-रिक्शा में छह से आठ सवारी बिठाई जाती हैं।
करीब 5100 ई-रिक्शा हैं रजिस्टर्ड
जिले में वर्तमान में 1540 ई-रिक्शा संभागीय परिवहन विभाग व 3600 ई-रिक्शा नगर निगम में रजिस्टर्ड हैं। लेकिन, इसके डेढ़ गुना ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। निगम से पंजीकृत ई-रिक्शा के लिए रूट व्यवस्था के अनुसार स्टीकरका रंग व छह रूट निधार्रित हैं। लेकिन, कोई नियम नहीं माने जाते।
ये हैं रूट
रूट 1
क्वार्सी नए प्राइवेट बस स्टैंड से चलने वाले ई रिक्शा रामघाट रोड, गुरुद्वारा रोड, छर्रा अड्डा से होते हुए गांधी पार्क बस स्टैंड तक। रेलवे स्टेशन से मीनाक्षी टाकीज होकर क्वार्सी प्राइवेट बस स्टैंड। गांधी पार्क बस स्टैंड से मीनाक्षी पुल, रामघाट रोड पर। क्वार्सी चौराहे से क्वार्सी फार्म दोदपुर मेडिकल रोड तक। ई रिक्शा का रंग हरा निर्धारित है।
रूट 2
नौरंगीलाल स्कूल से जमालपुर, अनूपशहर रोड फाटक, कलक्ट्रेट कचहरी मैदान रोड, दोदपुर रोड, कृषि फार्म तिराहे तक। मेडिकल कालेज से मैरिस रोड, लेखराज नगर रेलवे स्टेशन तक आना-जाना। ई रिक्शा का रंग नारंगी है।
रूट 3
धनीपुर प्राइवेट बस स्टैंड से चलने होने वाले ई रिक्शा गांधी पार्क बस स्टैंड तक। एटा रोड चौराहे से क्वार्सी बाईपास व क्वार्सी चौराहे तक। रेलवे स्टेशन से धनीपुर प्राइवेट बस स्टैंड तक। ई रिक्शा का रंग नीला है।
रूट 4
सासनीगेट चौराहे से चलने वाले गांधी पार्क बस स्टैंड तक आना-जाना। ई रिक्शा का रंग काला निर्धारित है।
रूट 5खेरेश्वर चौराहा प्राईवेट बस स्टैंड से गांधी पार्क बस स्टैंड तक। बरौला पुल के नीचे से आइटीआइ रोड होते गांधी पार्क बस स्टैंड तक आना-जाना। ई रिक्शा का रंग लाल निर्धारित है।
रूट 6
ऊपरकोट से देहलीगेट चौराहे से होते हुए गूलर रोड मसूदाबाद बस स्टैंड, खैर रोड उदयसिंह जैन रोड, पत्थर बाजार, मालगोदाम तक आना जाना रहेगा। ई रिक्शे का रंग बैंगनी है।
ये हैं प्रतिबंधित मार्ग
- अब्दुल्ला तिराहे से अमीरनिशा की तरफ
- दोदपुर से अमीरनिशा कती तरफ
- मीरुमल चौराहे से रेलवे रोड की तरफ
- मदारगेट चौराहे से फूल चौराहे की तरफ
- बारहद्वारी से सब्जी मंडी की तरफ
- बारहद्वारी से अब्दुलकरीम चौराहे की तरफ
- मामू भांजा तिराहा से मीरुमल की तरफ
- मधेपुरा तिराहे से सेंटर प्वाइंट की तरफ
- महाजन पैलेस से मीनाक्षी पुल पर दुबे के पड़ाव की तरफ
- कठपुला पर दोनों तरफ प्रतिबंधित।
- गोवर्धन मार्केट से रेलवे रोड पर पत्थर बाजार में।
अलग होता है ड्राइविंग लाइसेंस
ई-रिक्शा के ड्राइविंग लाइसेंस भी अलग होते हैं, मगर शहर में बिना लाइसेंस के ही कई लोग ई-रिक्शा चला रहे हैं। यहां तक कि कम उम्र के बच्चे भी ई-रिक्शा चलाते हैं, जिन पर किसी की नजर नहीं पड़ती है।
लोगों की प्रतिक्रिया
हौली चौक पर हर वक्त ई-रिक्शा खड़े रहते हैं। इनकी वजह से आमजन को समस्या झेलनी पड़ती है। कई बार शिकायत की जा चुकी है। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इस बड़ी समस्या पर संबंधित विभाग को ध्यान देना चाहिए।
ललित शर्मा, होली चौक
ई-रिक्शा की कोई पहचान नहीं होती है। न ही ये मानकों का पालन करते हैं। रेलवे रोड पर बुरा हाल है। अव्यवस्थित तरीके से ई-रिक्शा चलने के चलते दुकानदारों को परेशानी होती है। कई बार वाद-विवाद तक हो जाता है।
प्रशांत अग्रवाल, रेलवे रोड
रूट के हिसाब से ही ई-रिक्शा का संचालन होना चाहिए। अक्सर देखने को मिलता है कि ई-रिक्शा चालक मनमानी से संचालन करते हैं। इसकी निगरानी पुलिस व नगर निगम को करते हुए कार्रवाई भी करनी चाहिए।
प्रताप सिंह, गौंडा रोड
बड़ा बाजार में ई-रिक्शा ने पूरी व्यवस्था बिगाड़ रखी है। इसी के चलते व्यापार प्रभावित होता है। जाम के चलते दुकानों पर ग्राहक नहीं रुकते। ऐसे में पुलिस प्रशासन को गंभीरता से संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।
मुनेंद्र वार्ष्णेय, बड़ा बाजार
जो नए ई-रिक्शा हैं, उन सभी का पंजीकरण कराया जा रहा है। वहीं पुराने ई-रिक्शा चालकों को रिप्लेस करने संबंधी लगातार बैठके की गई हैं। ई-रिक्शा चालकों को बताया गया है कि अपने प्रपत्र पूरे रखें। कोई भी खामी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
फरीदुद्दीन, आरटीओ प्रवर्तन
रोड सेफ्टी के तहत चलाए गए अभियान के दौरान ई-रिक्शा चालकों से वार्ता की गई थी। इसमें बताया गया था कि जिन लोगों ने पंजीकरण नहीं कराया है, वो करा लें। अब बिना पंजीकरण वाले ई-रिक्शा सड़क पर चलने नहीं दिए जाएंगे। इनके खिलाफ सीधे कार्रवाई होगी। वहीं कलर व रूट को लेकर भी प्रभावी पालन कराया जाएगा।मुकेश चंद्र उत्तम, एसपी ट्रैफिक