स्वच्छता के सिपाहियों नहीं भा रहा ड्रेस कोड, ये है खास वजह
नगर निगम ने ड्रेस कोड लागू किया था। सभी सफाई कर्मचारियों को वर्दी बांटी गईं। लेकिन इस भीषण गर्मी ने इन कर्मचारियों को ड्रेस कोड नहीं भा रहा। वर्दी के रूप में कर्मचारियों को ट्रेक सूट दिए गए थे जिन्हें कर्मचारी पहने पसीने से तरबतर हो जाते हैं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। स्वच्छता के सिपाहियों की पहचान कराने के लिए नगर निगम ने ड्रेस कोड लागू किया था। सभी सफाई कर्मचारियों को वर्दी बांटी गईं। लेकिन, इस भीषण गर्मी ने इन कर्मचारियों को ड्रेस कोड नहीं भा रहा। वर्दी के रूप में कर्मचारियों को ट्रेक सूट दिए गए थे, जिन्हें कर्मचारी पहने पसीने से तरबतर हो जाते हैं। यही वजह है कि कर्मचारी वर्दी छोड़कर रोजमर्रा के कपड़े पहन कर ही सफाई व्यवस्था में जुटे हैं। विभागीय अधिकारी भी उनकी मजबूरी समझते हैं, इसलिए टोकते नहीं।
सफाई कर्मियों को बांटी थी ड्रेस
फरवरी में नगर निगम अधिकारियों ने 2500 सफाई कर्मचारियों को वर्दियां दी थीं। कर्मचारी वर्दी पहनकर ड्यूटी करने लगे। नगर आयुक्त गौरांग राठी ने इनका हौसला बढ़ाया। कहा था, वर्दी चाहे पुलिस की हो या सफाई कर्मचारी की, राष्ट्र और मानव सेवा करने का जज्बा इसको पहनने वाले के दिल में होना चाहिए, वर्दी और अपने काम पर गर्व करें। सभी सफाई कर्मचारियों को नियमित वर्दी पहन कर ही अपने कार्यस्थल पर जाने के निर्देश दिए गए। शहर में पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, दमकल की तरह की सड़कों पर नगर निगम के सफाई कर्मचारी भी वर्दी पहन कर आएं, इसके लिए नगर आयुक्त की पहल पर एचडीएफसी बैंक ने सहयोग करते हुए नगर निगम के सेवाभवन में सफाई कर्मचारियों को नीली वर्दी वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया था। वर्दी वितरण कार्यक्रम के पहले चरण में नगर निगम के आठ सर्किल में तैनात 2500 सफाई कर्मचारियों को वर्दी दी गईं। नगर आयुक्त ने सफाई कर्मचारियों की तरह सभी विभागों के सभी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को भी नीली वर्दी देकर अपने कार्यस्थल पर आने के दिशा-निर्देश दिए थे। बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत वर्दी वितरण किया गया है। लेकिन, गर्मी का मौसम शुरू होते ही वर्दियों उतरने लगीं। हालात ये हो गए हैं कि वर्दी पहनने की कर्मचारी सोच भी नहीं रहे। मौसम के मिजाज देखते हुए नगर निगम अधिकारी कर्मचारियों को टोक नहीं रहे।