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घबराएं नहीं..हर बुखार डेंगू नहीं होता

इन दिनों डेंगू के प्रकोप से हर कोई सहमा हुआ है। यूं तो डेंगू से सभी प्रभावित हैं बच्चों पर ज्यादा असर पडता है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 07:52 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 07:52 PM (IST)
घबराएं नहीं..हर बुखार डेंगू नहीं होता

जागरण संवाददाता, अलीगढ़: इन दिनों डेंगू के प्रकोप से हर कोई सहमा हुआ है। यूं तो डेंगू किसी को भी हो सकता है, लेकिन बच्चों को इसका खतरा अधिक होता है। क्योंकि, उनकी रोग प्रतिरक्षण प्रणाली कमजोर होती है। सुबह और शाम के समय डेंगू के मच्छर सबसे अधिक सक्रिय होते हैं। इसी समय बच्चे घर के बाहर होते हैं। इस दौरान वे तमाम तरह के कीटाणुओं और वायरस के संपर्क में भी आते हैं। इसलिए बच्चों को डेंगू व अन्य बीमारियों से बचाव के लिए सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। डेंगू में प्लेटलेट्स गिरना सामान्य है, लेकिन इससे घबराना बिल्कुल नहीं हैं। डेंगू के 99 फीसद मरीज ठीक हो रहे हैं। वहीं, हर बुखार डेंगू भी नहीं होता। इसलिए यह सोचें कि बच्चे को कैसे बीमारियों से सुरक्षित रख सकते हैं। यह सलाह बन्नादेवी, मसूदाबाद स्थित बंसल नर्सिंग होम के संचालक व वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. प्रदीप बंसल ने दी है। वह बुधवार को दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में पाठकों के सवालों का जवाब देने के लिए उपस्थित हुए। पेश हैं प्रमुख सवाल-जवाब..।

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तीन वर्षीय बच्चा है। उसे 15 दिन से सर्दी, जुकाम व बुखार है। कहीं डेंगू तो नहीं।

- योगेंद्र सिंह, नगलिया गोराला।

इस समय मौसमी वायरल का भी प्रकोप है। इसलिए घबराना नहीं। बच्चे वाले कक्ष में बीड़ी, सिगरेट या क्वाइल का धुआं नहीं होना चाहिए। उन्हें अन्य मरीजों से भी दूर रखें। पैरासिटामोल व खांसी का कोई सीरप दें। यदि लाभ न मिले तो डाक्टर से संपर्क करें, स्वयं एंटीबायोटिक न दें।

सवा दो साल के बेटे को दो दिन से बुखार है। खांसी भी शुरू हो गई है। धड़कन भी कुछ तेज महसूस हो रही है।

- सिद्धार्थ, गंभीरपुरा।

पैरासिटामोल से यदि बुखार नहीं उतरा है तो ताजा पानी में कपड़े को भिगोकर शरीर को पौछें। पानी, दूध, सूप आदि तरल पदार्थों का खूब सेवन कराएं। डेंगू हो या वायरल, अधिक से अधिक तरल पदार्थ देना जरूरी है।

16 माह के बच्चे को किसी कारणवश मां का दूध नहीं मिल पाया है। वह जल्दी-जल्दी बीमार होता है। कुछ दिनों से सर्दी है। खांसी के साथ दूध व अन्य खाना पलट रहा है।

- ध्यानपाल सिंह, गभाना।

बच्चे को दिन में चार से पांच बार भपारा दें। सिरहाना कुछ ऊंचा करके सुलाएं। कमरे में धुआं न हो। डाक्टर से संपर्क कर दवा लें।

साढ़े सात साल के बेटे को चार पांच दिन पहले बुखार आया। अब काफी कमजोरी महसूस हो रही है।

- विमलेश चौहान, त्रिमूर्ति नगर।

वायरल में शरीर के अंदर पानी के साथ अन्य तत्वों की कमी हो जाती है। अब बच्चे को ज्यादा से ज्यादा पीने वाली चीजों का सेवन कराएं। पानी, मट्ठा, नारियल पानी, हरी सब्जी व अन्य पोषक आहार दें। वायरल में पांच से 10 दिन सामान्य होने में लग जाते हैं।

मेरी दो साल की बेटी को मंगलवार रात तेज बुखार आया। क्षेत्र में डेंगू फैला हुआ है। उपचार बताएं।

- आकाशदीप, सुजानपुर अतरौली।

- बच्चों के बुखार होने पर घबराना बिल्कुल नहीं है। तुरंत घर में रखा पैरासिटामोल सीरप या टेबलेट दिन में तीन बार देना शुरू कर दें। यदि लाभ नहीं मिलता तो डाक्टर के पास जाने में संकोच न करें। हां, झोलाछाप के पास समय बेकार नहीं करना है।

बच्चों को डेंगू व मलेरिया से कैसे बचाएं

- शीतल, टप्पल।

डेंगू हो या मलेरिया, दोनों ही बीमारियां मच्छरों के काटने से होती हैं। इसलिए बच्चे हों या बड़े, सभी का मच्छरों से बचाव जरूरी है। इसके लिए घर के अंदर या आसपास, कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें। साफ-सफाई रखें, ताकि लार्वा पनप ही न पाए। दिन में भी कमरे में लिक्विड जलाकर रखें। क्योंकि, डेंगू का मच्छर दिन में ही काटता है। सबसे जरूरी बात सभी लोग पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।

इन्होंने भी लिया परामर्श

हाथरस से चिराग, आइटीआइ रोड रामनगर से शिखर शर्मा, प्रतिभा कालोनी से दीपक सिंह, सारसौल से पुष्पेंद्र, खैर रोड से सुंदरपाल, हरदुआगंज से अहमद सईद, अकराबाद से जगत सिंह, जलाली से लक्ष्य प्रताप, अतरौली से भीम प्रकाश आदि हैं।


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