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AMU आरडीए के चिकित्सक बोले, देश की सुरक्षा के लिए खतरा नहीं हो सकता डॉ.कफील Aligarh News

एएमयू में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मथुरा जेल में बंद डॉ. कफील खां पर रासुका की कार्रवाई करने का यूनिवर्सिटी में विरोध शुरू हो गया है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 10:53 AM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 04:01 PM (IST)
AMU आरडीए के चिकित्सक बोले, देश की सुरक्षा के लिए खतरा नहीं हो सकता डॉ.कफील Aligarh News
AMU आरडीए के चिकित्सक बोले, देश की सुरक्षा के लिए खतरा नहीं हो सकता डॉ.कफील Aligarh News

अलीगढ़ [जेएनएन] : एएमयू में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में मथुरा जेल में बंद डॉ. कफील खां पर रासुका की कार्रवाई करने का यूनिवर्सिटी में विरोध शुरू हो गया है। जेएन मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) की ओर से मार्च निकाल कर डॉ. कफील से रासुका हटाने की मांग की गई। साथ ही कहा कि डॉ. कफील वो शख्स है जिसने देश भर में 50 से ज्यादा मुफ्त में हेल्थ कैंप लगाए। वो देश की सुरक्षा के लिए कैसे खतरा  हो सकता है। जो लोगों की जान को अपनी जान पर खेलकर बचाने की बात करता हो वह खतरा नहीं हो सकता। आरडीए मांग करता है कि डॉ. कफील से रासुका हटाकर रिहा किया जाए। डॉ. कफील 12 दिसंबर को एएमयू आए थे। जहां उन्होंने बाबे सैयद पर भड़काऊ बयान दिया था।

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आरडीए ने निकाला विरोध मार्च

दोपहर में निकाले गए मार्च के बाद आरडीए के अध्यक्ष डॉ. हमजा मलिक ने कहा कि पर जिस तरह से प्रदेश सरकार ने एनएसए लगाया उसके विरोध में हमने मार्च निकाला। डॉ. कफील वो शख्स है जिसने देश भर में 50 से ज्यादा मुफ्त में हेल्थ कैंप लगाए। वो देश की सुरक्षा के लिए कैसे खतरा  हो सकता है। जो लोगों की जान को अपनी जान पर खेलकर बचाने की बात करता हो वह खतरा नहीं हो सकता। आरडीए मांग करता है कि डॉ. कफील से रासुका हटाकर रिहा किया जाए। उधर, एएमयू के बाबे सैयद पर धरना जारी रहा। छात्र नेताओं ने सीएए के विरोध में अपनी बात रखीं।

एएमयू में ये दिया था भाषण

एएमयू में 12 दिसंबर को हुई सभा में डॉ. कफील खान ने कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) संविधान को मानने वाली नहीं, बल्कि नफरत की विचारधारा को फैलाने वाली है। भीड़ ङ्क्षहसा सरकार की सोची समझी साजिश है। इसकी आड़ में वो मुस्लिमों को डरा नहीं पाएगी। हमने भारत की संस्कृति में हमेशा पढ़ा व सुना है कि न ङ्क्षहदू बनेगा न मुसलमान बनेगा, इंसान की औलाद है इंसान बनेगा। मगर कैब लाकर मोटा भाई (अमित शाह) कह रहे हैं कि ङ्क्षहदू तो ङ्क्षहदू बनेगा व मुसलमान मुस्लिम ही बनेगा। जिनके कपड़े खुद खून से सने हों वो बाबा साहब के संविधान को क्या समझेंगे? सरकार ने कैब के जरिए ये बताया है कि हम किराएदार हैं। ऐसा ही पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को भी किराएदार होने का आभास कराया गया है। मगर इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। ये हम सबके वजूद की लड़ाई है। अलीगढ़ को इसमें लीडर बनना होगा।


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