Poet Conference : गंजापन देखकर निडर को धनी न समझो, हर गंजा धनवान नहीं होता Aligarh news
तोताराम सरस ने तन बंसती मन बसंती सिर बसंती पाग है। सबरस मुरसानी ने स्वारथ को जो भी जीते हैं उनकी क्या जिंदगानी है। श्याम सुंदर अकिंचन ने चोट दर चोट सहता है यह घायल का मुकद्दर है। लिपट कर पायल बजती है ये पायल का मुकद्दर है।
अलीगढ़, जेएनएन : वसंत पंचमी मेले के तहत इगलास में आयोजित कवि सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि वीरेंद्र सिंह यादव व विशिष्ट अतिथि तहसीलदार सौरभ यादव ने दीप जलाकर किया। सरस्वती वंदना उन्नति भारद्वाज ने की।
खूब गुदगुदाया कवियों ने
तोताराम सरस ने तन बंसती मन बसंती, सिर बसंती पाग है। सबरस मुरसानी ने स्वारथ को जो भी जीते हैं, उनकी क्या जिंदगानी है। श्याम सुंदर अकिंचन ने चोट दर चोट सहता है यह घायल का मुकद्दर है। लिपट कर पायल बजती है ये पायल का मुकद्दर है। बाबा देवी सिंह निडर ने गंजापन देखकर निडर को धनी न समझो, हर गंजा धनवान नहीं होता है। राधा चौधरी ने कब तक बनी रहोगी सूरजमुखी, प्रतीक्षा खत्म, बारी है अब प्रतिज्ञा की। भुवनेश चौहान चिंतन ने जिस दिन हर गद्दार खत्म हो जाएगा, मेरा हिंदुस्तान चमन हो जाएगा। वहीं विजय प्रकाश भारद्वाज, ब्रजेश पंडित, अजय मिश्र दबंग, सतीश दीक्षित, गुंजन अग्रवाल, अविनाश पाराशर, रानू शर्मा, जतन चौधरी, अरविंद भारद्वाज ने काव्य पाठ किया।