अलीगढ़ में दीवाली का तोहफा मान गरीबों का हड़प लिया राशन
दीवाली से पहले गरीबों को राशन बांटने के लिए डीएम भले ही आदेश जारी किया हो, लेकिन डीलरों ने इसे धूल में मिला दिया।
अलीगढ़ (जेएनएन)। दीवाली से पहले गरीबों को राशन बांटने के लिए डीएम भले ही आदेश जारी किया हो, लेकिन डीलरों ने इसे धूल में मिला दिया। गांव-देहात के अधिकांश डीलरों ने तो दीवाली का तोहफा समझकर राशन को हड़प लिया। शिकायत के बाद डीएम ने डीएसओ के नेतृत्व में कमेटी गठित कर 24 घंटे में जांच रिपोर्ट मांगी है।
1365 दुकान जिले में
जिले में सरकारी राशन की 1365 दुकानें हैं। इनमें 210 निकाय क्षेत्र में, बाकी गांवों में हैं। कुल 6.25 लाख कार्डधारक हैं। इनमें करीब 24 हजार अंत्योदय कार्ड धारक हैं, बाकी पात्र गृहस्थी के। राशन कार्ड धारकों के लिए हर महीने करीब एक लाख कुंतल गेहूं व चावल आता है। प्रति यूनिट के हिसाब से तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल दिए जाते हैं, अंत्योदय कार्ड धारक को एकमुश्त 20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल मिलता हैं। कीमत तीन व दो रुपये है।
पांच नवंबर तक बांटना था
सात नवंबर को दीवाली थी। सरकार ने नवंबर का राशन पांच नवंबर तक बांटने का आदेश दिया था। डीएम ने यहां सभी डीलरों को पत्र देकर समय से उठान कराकर राशन बांटने के निर्देश दिए। डीएसओ को राशन बंटवाने की जिम्मेदारी दी गई।
बैठाई जांच
कुछ डीलरों ने आदेश पर अमल करते हुए समय से राशन बांट दिया, लेकिन अधिकांश ने नहीं बांटा। वे राशन न मिलने का भी भ्रम फैला रहे हैैं। डीएम के पास इस तरह की कई शिकायतें आ चुकी हैं। इसमें गंगीरी, अकराबाद, लोधा व धनीपुर की सबसे अधिक हैं। डीएम ने डीएसओ के नेतृत्व में कमेटी गठित की है। कमेटी को 24 घंटे में जांच करनी है कि कितनों ने आदेश पर अमल किया और कितनों ने नहीं।
जांच के बाद होगा मुकदमा दर्ज
डीएसओ नीरज सिंह का कहना है कि सरकार ने दीवाली से पहले राशन बांटने के निर्देश दिए थे, लेकिन इसके बाद भी कुछ डीलरों ने राशन नहीं बांटा है। जांच कराई जा रही है। इसके बाद मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई होगी।