जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह : पहले कदम पर ही बुलंद हुआ विजय का सितारा Aligarh News
राजयोग लिखा है तो किस्मत साथ देती ही है। ऐसा ही हुआ इस बार नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह के साथ। सियासी रण में एक अनजान घरेलू महिला को चंद दिनों की राजनीति ने जिले की बुलंदियों तक पहुंचा दिया है।
By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Updated: Sun, 04 Jul 2021 07:02 AM (IST)
अलीगढ़, सुरजीत पुंढीर। राजयोग लिखा है तो किस्मत साथ देती ही है। ऐसा ही हुआ इस बार नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष विजय सिंह के साथ। सियासी रण में एक अनजान घरेलू महिला को चंद दिनों की राजनीति ने जिले की बुलंदियों तक पहुंचा दिया है। हालांकि, इस सफलता के बीच में कई कठिन रोड़े भी आए। कभी मूल निवास के जिला पंचायत वार्ड का आरक्षण बदला तो कभी चुनाव प्रचार में बाहरी होने का विरोध भी झेला। विपक्षियों ने भी पीछे खींचने के लिए पूरा जोर लगाया, लेकिन राजयोग ने इन मुश्किलों को सफलता में बदल दिया। मुस्कराहते चेहरे से विजय सिंह आगे बढ़ती और शनिवार को अध्यक्ष की कुर्सी पर एतिहासिक विजय पताका लहरा दी।
विजय सिंह पीछे नहीं हटीं, हिम्मत कभी नहीं हारीधनीपुर ब्लाक वार्ड नंबर 39 के गांव सोनोठ गोकुलपुर निवासी श्योराज सिंह की पत्नी विजय सिंह एक घरेलू महिला हैं। पिछले कुछ दिनों से इस वार्ड से जिला पंचायत सदस्य के चुनाव की तैयारी कर रही थीं। इस वार्ड में क्षत्रिय मतदाता अधिक हैं। उम्मीद थी कि यहां से आसानी से जीत जाएंगी, लेकिन आरक्षण में यह वार्ड अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गया। ऐसे में शुरुआत में ही इन्हें एक झटका लगा। परिवार व समर्थकों के साथ इन्होंने कई दिनों तक जिले के अन्य वार्डों को लेकर चर्चा की। अंत में गंगीरी ब्लाक का वार्ड नंबर 47 का नाम तय किया, हालांकि, इस वार्ड के मतदाताओं के लिए यह अनजान थीं। समाज का वोट भी ज्यादा नहीं था, ऐसे में पार्टी ने भी टिकट के लिए काफी सोच विचार किया। नामांकन के अंतिम दिन भाजपा से इन्हें समर्थित प्रत्याशी घोषित किया गया। इसके बाद विजय सिंह ने क्षेत्र में मेहनत शुरू की। 15-20 दिन लगातार वार्ड में चुनाव प्रचार किया। हालांकि, कुछ लोगों ने बाहरी होने की बात कहकर विरोध भी किया, लेकिन विजय सिंह पीछे नहीं हटी और मेहनत करती रहीं।
राेमांचक जीत की दर्जदो मई को पंचायत चुनाव परिणाम आए तो इसमें शुरुआत से ही प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी डा. सीवी सिंह ने विजय को कड़ी टक्कर दी। मतगणना के बीच में तो लगा कि अब इनके लिए जीत मुश्किल होगी, लेकिन अंत में किस्मत ने साथ दिया और कांटे की टक्कर में महज 671 वोटों से जीत दर्ज की। किस्मल का साथ आगे भी जारी रहा। भाजपा ने भी नामांकन वाले दिन ही इन्हें अध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी घोषित किया। अब इसी किस्मत व मेहनत के सहारे इन्हें अध्यक्ष पर बाजी मार ली।
गंगीरी का बढ़ा गौरवविजय सिंह के अध्यक्ष पद की कुर्सी पर काबिज होने से गंगीरी ब्लाक का भी गौरव बढ़ गया है। यह यहीं के पंचम वार्ड से सदस्य हैं। ऐसे में इस वार्ड के लोगों की भी विकास की उम्मीद बढ़ गई है। क्षेत्रीय लोगों में भी जश्न का माहौल हैं। हालांकि, इतनी ही खुशी धनीपुर ब्लाक के लोगों में भी है। विजय सिंह मूल निवासी इसी ब्लाक के गांव की हैं।
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