अलीगढ़ में महंगाई का 'मर्ज'... दवा दे रहीं 'दर्द'
दाल-रोटी ही महंगी नहीं हुई है बल्कि दवा की कीमतें भी उछाल मार रही हैं। इससे मरीज अपनी बीमारी और महंगे इलाज के दोहरे दर्द से कराह रहे हैं।
अलीगढ़ (विनोद भारती)। दाल-रोटी ही महंगी नहीं हुई है, बल्कि दवा की कीमतें भी उछाल मार रही हैं। इससे मरीज अपनी बीमारी और महंगे इलाज के दोहरे दर्द से कराह रहे हैं। केमिस्टों के अनुसार जीएसटी लागू होने व कंपनियों की पॉलिसी से दवाएं महंगी हुई हैं।
इस समय 850 तरह की दवाएं
डीपीसी (ड्रग प्राइज कंट्रोलर) के दायरे में हैं। जानकारों की मानें तो इसमें गंभीर बीमारियों की कम इस्तेमाल होने वाली दवाएं ही ज्यादा शामिल हैं। सामान्य एंटीबायोटिक, एंटी एलर्जिक, दर्द निवारक, क्रीम व अन्य दवाएं सूची से बाहर हैं, इससे इनके दाम निरंतर बढ़ रहे हैं। यही नहीं, जो दवाएं डीपीसी में आकर सस्ती हुई हैं, कई कंपनियों ने उनका निर्माण कम कर दिया है या बिल्कुल बंद कर दिया है।
डायबिटीज व बीपी की दवा भी महंगी
बाजार में जिन दवाओं की कीमतें तेजी से बढ़ रहीं हैं, उनमें डायबिटीज, बीपी, थायराइड आदि बीमारियों की दवाएं भी शामिल हैं। कुछ माह पूर्व डायबिटीज की दवा डायनाग्लिप्ट एमफोर्ट की 10 गोली का पत्ता 90 रुपये का था, अब 105 रुपये व ग्लाइकिंड एम की 10 गोली का पत्ता 56 रुपये की बजाय 61 रुपये में मिल रहा है। ब्लड प्रेशर की दवा एमलोकाइंड की 10 गोली का पत्ता 20.70 रुपये से बढ़कर 23.26 रुपये का हो गया है। थायराइड की दवा एल्ट्रॉक्सिन-100एमजी की 10 गोली का पत्ता 108 से 125 रुपये में मिल रहा है।
दर्द निवारक भी महंगे
डिस्प्रिन की 10 गोली का पत्ता 4.74 से बढ़कर 11.20 रुपये, मोबीजोक्स 140 से बढ़कर 158 रुपये, सेराडोन 24 रुपये से बढ़कर 29 रुपये का हो गया गया। अन्य दर्द निवारक दवा व इंजेक्शन भी छह माह के भीतर 10 से 20 फीसद तक महंगे हुए हैं।
दवा, पुरानी कीमत, नई कीमत (रुपये में)
बीटाडीन लोशन, 88.44, 97
बीटाडीन आइंटमेंट, 99.20,119
केजेड (एंटी फंगल),174, 185 जेडएफआइ (एंटीबायोटिक), 89, 101
क्रीमालेक्स (पेट), 140, 158
एलेग्र्रा-125, 138.20, 156.60
मोक्सीकाइंड सीएन-625, 133, 144.75
रिनीफाल (पेट, छाले), 33, 38
फ्लोजन (दर्द, सूजन), 72.30, 80
क्वाडिडर्म क्रीम (खुजली), 48, 57
विक्स वेपोरब-25एमजी, 62, 70
झंडूबाम-8एमएल, 32, 35
टेरामाइसिन, 7.15, 9.14
(नोट-दवा की कीमत प्रति 10 गोली में दी गई है)
पब्लिक पीड़ा
आम आदमी है परेशान
शाहपाड़ा के गौरव गांधी ने बताया कि दवाएं महंगी होने से आम आदमी परेशान है। सरकार को सामान्य जीवनरक्षक दवाएं भी सस्ती करनी चाहिएं। क्वार्सी के चमन लाल बताते हैं कि सरकार को सामान्य दवाएं तुरंत सस्ती करनी चाहिएं। जो दवाएं सरकारी अस्पताल में मुफ्त हैं, वही बाहर काफी महंगी हैं।
कंपनियां मनमाने तरीके से बढ़ा रहीं रेट
रिटेलर्स केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री उमेश श्रीवास्तव ने बताया कि दवाओं व सर्जिकल सामान पर 28 फीसद तक जीएसटी है। डीपीसी में सामान्य इस्तेमाल की दवाएं शामिल करने से ही गरीब मरीजों को राहत मिलेगी। कंपनियां भी मनमाने ढंग से रेट बढ़ा देती हैं।