अलीगढ़ को स्मार्ट सिटी बनाने में प्रशासन के दामन पर गंदगी के दाग अच्छे नहीं
शहर के चौराहों को स्मार्ट बनाने में लगे अफसर गली-मोहल्लों की बदहाली को अनदेखा कर रहे हैं।
अलीगढ़ (जेएनएन) : शहर के चौराहों को स्मार्ट बनाने में लगे अफसर गली-मोहल्लों की बदहाली को अनदेखा कर रहे हैं। उखड़ी सड़कें, उफनती नालियां, जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर इन इलाकों की पहचान बन चुके हैं। ऐसा ही एक क्षेत्र ज्वालापुरी है, जहां समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। शिकायतें तमाम हुईं, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही। 'जागरण आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत रविवार को जागरण टीम वार्ड संख्या 40 के इस इलाके में क्षेत्रीय लोगों की परेशानियों से रूबरू हुई। इलाके के निवासी रमेश चंद्र शर्मा ने कहा है कि सड़कों पर जगह-जगह कूड़ा पड़ा रहता है। सफाई कर्मचारी नियमित नहीं आते। गंदगी, दुर्गंध से बुरा हाल है।साथ ही एक और निवासी अनीता शर्मा का कहना है कि नालियां टूटी हुई हैं। निकासी न होने से गंदा पानी सड़क पर आ जाता है। कोई देखने वाला नहीं है।
दो साल से नहीं मिली सुविधा
ज्वालापुरी के लोगों का कहना है कि यहां सफाई व्यवस्था लचर है। सफाई कर्मियों के नियमित न आने से यहां जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि पूर्व में सफाईकर्मी घरों से कूड़ा ले जाते थे, लेकिन दो साल से यह सुविधा नहीं मिल रही। क्षेत्र में कोई कूड़ेदान भी नहीं है, जिसमें कूड़ा डाला जा सके। इधर-उधर कूड़ा फेंक दिया जाता है, जिससे चारों ओर गंदगी फैली हुई है।
पंपिंग स्टेशन बेहाल
छर्रा अड्डे पर करीब 35 साल पहले बना पंपिंग स्टेशन लोड अधिक होने से ठीक प्रकार काम नहीं कर पा रहा। इसी से सिविल लाइंस के कई इलाके जुड़े हुए हैं। क्षेत्रीय पार्षद का कहना है कि पंपिंग स्टेशन की क्षमता बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेज चुके हैं, लेकिन निगम अफसर ध्यान नहीं दे रहे।
वार्ड की स्थिति
आबादी, 30000
मतदाता, 9500
पार्क, पांच
आंगनबाड़ी, आठ
मोहल्ले, 25
ओवरहेड टैंक, एक
ट्यूबवेल, चार
सफाईकर्मी, 30