फरार बंदी : सासनीगेट चौराहे पर गाड़ी पर लटके व हाथरस अड्डे पर फरार हो गए थे बंदी Aligarh News
हाथरस के किशोर न्यायालय में पेशी के बाद लौटते समय फरार हुए दोनों बंदी सासनीगेट चौराहे पर जाली काटकर पुलिस वाहन पर लटके थे और हाथरस अड्डे पर आकर फरार हो गए थे।
अलीगढ़ (जेएनएन) : हाथरस के किशोर न्यायालय में पेशी के बाद लौटते समय फरार हुए दोनों बंदी सासनीगेट चौराहे पर जाली काटकर पुलिस वाहन पर लटके थे और हाथरस अड्डे पर आकर फरार हो गए थे। ऐसा दावा करने वाले पुलिस अफसर बंदियों को पकडऩा तो दूर, रविवार तक उनका सुराग तक नहीं लगा सके। इस मामले में निलंबित दोनों पुलिस कर्मियों फिरोज अली व अफरोज खां को रविवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जमानत मिल गई। पुलिस की तीन टीम बंदियों की तलाश में जुटी हैं।
ये था मामला
यहां की जेल से सगीर (26) निवासी धुबई हसायन हाथरस व मुकेश उर्फ छोटू (30) निवासी समदपुर, सादाबाद हाथरस हाल निवासी दयाल गार्डन सिकंदरा आगरा की मथुरा स्थित किशोर न्यायालय में शनिवार को पेशी थी। दोनों को पुलिस वाहन में सिपाही अवधेश यादव व शशि यादव लेकर गए थे। वापसी में सगीर व मुकेश को जेल तक लाने की जिम्मेदारी हाथरस पुलिस लाइन में तैनात कांस्टेबल फिरोज अली व हेड कांस्टेबल अफरोज खां की थी। अफरोज रास्ते में ही उतर गया। शाम को पुलिस वाहन जेल के गेट पर पहुंचा और लॉक खोला तो उसमें बैठे सगीर व मुकेश गायब मिले।
सासनीगेट चौराहे व हाथरस अड्डे के बीच हुए फरार
एसएसपी आकाश कुलहरि ने बताया कि पुलिस टीमों ने मडराक टोल प्लाजा से लेकर जेल के गेट तक रास्ते भर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली हैं। फुटेज में बंदी मडराक टोल पर जहां बैठे दिखे हैं तो रूसा मेडिकल सेंटर पर लगे कैमरे में गाड़ी के पीछे लटके दिखाई पड़े हैं। हाथरस अड्डे के पास दोनों गाड़ी से गायब हो गए हैं। संभावना है कि वे भीड़-भाड़ वाले रास्ते पर गाड़ी के धीमे होने पर ही उतरकर भागे हैं। पुलिस की तीन टीमें उनकी धरपकड़ के लिए सक्रिय हैं। संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है।
शातिर हैं दोनों बंदी
फरार बंदी सगीर व मुकेश बेहद शातिर हैं और दोनों पर कई
आपराधिक मुकदमें चल रहे हैं। लापरवाही बरतने पर हाथरस के प्रतिसार निरीक्षक सुरेश पाल सिंह ने सिविल लाइन थाने में सिपाही अफरोज खां व फिरोज अली के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। दोनों को जेल के बाहर से ही गिरफ्तार कर लिया गया। रविवार को उन्हें रिमांड मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया। जहां से जमानत मिल गई।