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अलीगढ़ में उठी मांग, पीतल की मूर्ति को जीएसटी मुक्त किया जाय Aligarh news

राजनाथ सिंह सरकार में वैट (वैल्यू एडिड टैक्स) के दौर में इस उत्पादन पर टैक्स नहीं था। फिर पांच फीसद वैट लगा दिया गया। नई कर व्यवस्था के तहत जब जीएसटी का उदय हुआ तो पहले 18 फीसद यह कर लगा दिया गया।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 07:22 AM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 07:22 AM (IST)
अलीगढ़ में उठी मांग, पीतल की मूर्ति को जीएसटी मुक्त किया जाय Aligarh news
अलीगढ़ में ताला व हार्डवेयर निर्माण के साथ पीतल की मूर्ति व स्टैच्यु का निर्माण भी होता है।

अलीगढ़, जेएनएन : पीतल मूर्ति व स्टेच्यु कारोबार देश-दुनिया में अपनी चमक बिखेर रहा है। राजनाथ सिंह सरकार में वैट (वैल्यू एडिड टैक्स) के दौर में इस उत्पादन पर टैक्स नहीं था। फिर पांच फीसद वैट लगा दिया गया। नई कर व्यवस्था के तहत जब जीएसटी का उदय हुआ, तो पहले 18 फीसद यह कर लगा दिया गया। विरोध के बीच जीएसटी काउंसिल ने इस पर 12 फीसद कर दिया। उद्यमियों का तर्क है कि पीतल की मूर्ति व स्टैच्यु ढलाई कर तैयार किया जाता है। केंद्र सरकार हस्तशिल्पियों को बढ़ावा देने के लिए तमाम दावे कर रही है। इस लिए जीएसटी को समाप्त किया जाए।

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40 से अधिक बड़े कारोबारी हैं यहां 

अलीगढ़ में ताला व हार्डवेयर निर्माण के साथ पीतल की मूर्ति व स्टैच्यु का निर्माण भी होता है। 40 से अधिक बड़े कारोबारी देश-दुनिया के बाजार में अपने उत्पादनों का निर्यात करते हैं। 500 रुपया के सालाना इस कारोबार से 50 हजार से अधिक लोगों की रोजी रोटी जुड़ी हुई हैं। ढाई भट्ठी के साथ रिताई, चिताई, पालिश की छोटी छोटी यूनिटें भी स्थापित हैं। इस कारोबार को आधुनिकता से जोड़ने व व्यवस्थित करने के लिए हार्डवेयर पार्क को विकसित करने की मांग भी अर्से से है। इस पार्क के विकसित होने से मूर्ति निर्माताओं को एक व्यवस्थित यूनिटें स्थापित करने का मौका मिलेगा। इस बजट में यह सबसे महत्वपूर्ण मांग है।

इनका कहना है

पीएम- सीएम हस्तशिल्पियों को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। अलीगढ़ निर्मित पीतल की मूर्ति व स्टैच्यु ढलाई कर बनते हैं। इनके बाने की सारी प्रक्रिया हाथ से होती है। आटोमेशन का दूर दूर तक कोई संबंध नही। पीतल मूर्ति को जीएसटी से मुक्त किया जाए। बजट में वितमंत्री से इसे टैक्स मुक्त करने की उम्मीद है।

- विपिन विहारी गुप्ता, पीतल मूर्ति निर्माता व निर्यातक

हमारा शहर स्मार्ट सिटी के तहत विकसित किया जा रहा है। पीतल की मूर्ति व स्टैच्यु बनाने का काम पारंपरिक है। पुराने शहर में छोटी-छोटी यूनिटें हैं। कारोबार की बेहतरी के लिए पीतल मूर्ति व स्टैच्यु निर्माण की यूनिटों को आधुनिकता से जोड़ने के लिए एक पार्क स्थापित किया जाए। यह प्रावेट, पब्लिक व पार्टनशिप की थी पर हो। केंद्र सरकार योेजना को लांच करे।

- कपिल वार्ष्‍णेय, पीतल मूर्ति निर्माता व निर्यातक


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