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गरीबों की गठरी में भ्रष्टाचार की सेंध, अमीरों के बने अंत्योदय कार्ड Aligarh news

गरीबों की गठरी में भ्रष्टाचार की सेंध लग गई है। अंत्योदय योजना के लाभार्थियों को उनके हिस्से का अनाज नहीं मिल रहा है। नौकरशाह भी सबकुछ जान अनजान बने हुए हैं। गरीबों को जहां दो जून की रोटी नहीं मिल रही है कोटेदार व विभागीय कर्मी मालामाल हो रहे हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 05:46 AM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 07:14 AM (IST)
अंत्योदय कार्ड धारकों को हर महीने एक मुश्‍त 35 किलो राशन मिलता है।

अलीगढ़, जेएनएन।  गरीबों की गठरी में भ्रष्टाचार की सेंध लग गई है। अंत्योदय योजना के लाभार्थियों को उनके हिस्से का अनाज नहीं मिल रहा है। नौकरशाह भी सबकुछ जान अनजान बने हुए हैं। गरीबों को जहां दो जून की रोटी नहीं मिल रही है, वहीं कोटेदार व विभागीय कर्मी मालामाल हो रहे हैं। तमाम अपात्रों के नाम अंत्योदय कार्ड बने हुए है। यह हर महीने मुफ्त राशन की मलाई मार रहे हैं। शिकायतों के बाद अब विभाग से जांच के आदेश हुए हैं।

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गरीबों को श्रेणी के आधार पर जारी हाेते हैं अंत्‍योदय कार्ड

गरीबों को उनकी श्रेणी के आधार पर अंत्योदय कार्ड जारी किए जाते हैं। सरकारी अमला उनकी पात्रता की कई स्तर पर जांच के बाद कार्ड जारी करने का दावा करता रहा है, लेकिन इसके बाद जिले में सैकड़ों अमीरों के अंत्योदय कार्ड बन गए हैं। विभागीय कर्मी व काेटेदार की मिलीभगत से हर महीने यह राशन भी ले रहे हैं, जबकि पात्र गरीब अंत्योदय कार्ड बनवाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

यह मिलता है फायदा

सरकार राशन के लिए दो तरह के कार्ड जारी करती है। इसमें निचले तबके के गरीब परिवारों को अंत्योदय कार्ड दिए जाते हैं। वहीं, सामान्य गरीब परिवारों को पात्र गृहस्थी कार्ड दिए जाते हैं। अंत्योदय कार्ड धारकों को हर महीने एक मुश्‍त 35 किलो राशन मिलता है। इलाज व आवास योजना में भी इन कार्ड धारकों को मदद मिलती है। पेंशन समेत अन्य योजनाओं में भी इसका प्रयोग होता है। वहीं, पात्र गृहथी को पांच किलो प्रति यूनिट मिलता है।

अंत्योदय कार्ड के लिए यह हैं प्रमुख मानक

  • -लाभार्थी परिवार भूमिहीन होना चाहिए
  • -परिवार के पास आय अर्जन का कोई सशक्त माध्यम न हो
  • -घर में कोई भी चार पहिया बाहन या शस्त्र न हो

सत्यापन के हुए आदेश

शासन के आदेश पर अब पात्र गृहस्थी व अंत्योदय कार्ड धारकों के सत्यापन के आदेश हुए हैं। इसमें पूर्ति विभाग की टीम सभी कार्ड धारकों के गांव-गांव जाकर पड़ताल करेगी। इसमें अगर कोई अपात्र व्यक्ति मिलता है तो उसका कार्ड निरस्त किया जाएगा। अब शासन स्तर से कार, बहुमंजिला भवन समेत कई अन्य श्रेणियों में पात्र गृहस्थी के कार्ड भी निरस्त करने के निर्देश दिए हैं। वहीं पिछले तीन महीने में 1200 के करीब कार्ड निरस्त हो चुके हैं। इनमें अधिकतर लाभार्थी ऐसे हैं, जो गांव में ही नहीं रहते हैं।

केस : 1

स्वर्ग जा चुकी मां का भी अंत्योदय कार्ड

जवां ब्लाक के एक गांव में डीलर ने अपने परिवार से पुत्र वधु व अपनी मृतक मां का भी अंत्योदय राशन कार्ड बनवा रखा है, जबकि, डीलर का पुत्र पशु चिकित्सक है। इनके पास गांव में आठ-10 लाख की जमीन है। वहीं, मथुरा रोड पर भी एक बड़ा प्लाट पड़ा हुआ है। घर में बाइक समेत अन्य सभी सुख सुविधाएं हैं। कई बार शिकायत हो चुकी है, लेकिन अब तक राशन कार्ड नहीं कटे हैं।

केस - 2

शहर के गांधी पार्क क्षेत्र में एक महिला का बहुमंजिला मकान बना हुआ है। बेटा सरकारी कर्मचारी है। परिवार के अन्य लोग भी नौकरी करते हैं। हर महीने घर में हजारों की आय होती है, लेकिन इसके बाद भी इनका अंत्योदय कार्ड बना हुआ है। अब हर महीने यह गरीबों के हिस्से का राशन ले रही हैंं, लेकिन विभागीय अफसरों को इनकी भनक तक नहीं हैं।दय कार्ड को लेकर शिकायत के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं। वहीं, शासन के निर्देश पर अंत्योदय के साथ पात्र गृहस्थी राशन कार्ड के भी जांच के आदेश कर दिए गए हैं।

राजेश कुमार सोनी, डीएसओ


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