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Door to door vaccination campaign too: 340 बूथों पर होगा कोरोना टीकाकरण

कोविड-19 टीकाकरण अभियान में ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने और आगे बढ़कर अधिक से अधिक संख्या में शहर वासियों से टीके की पहली और दूसरी डोज लेने की अपील लोगों से लगातार की जा रही है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 06:24 AM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 06:24 AM (IST)
अब तक करीब 30 लाख टीके जनपद में लगाए जा चुके हैं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कोविड-19 टीकाकरण अभियान में ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने और आगे बढ़कर अधिक से अधिक संख्या में शहर वासियों से टीके की पहली और दूसरी डोज लेने की अपील लोगों से लगातार की जा रही है। इसके लिए शुक्रवार को भी 340 से अधिक बूथों पर टीकाकरण किया जाएगा। इसके अलावा डोर-टू-डोर भी टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया गया है। अब तक करीब 30 लाख टीके जनपद में लगाए जा चुके हैं।

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संविदा कर्मी निभा रहे अहम भूमिका

सीएमओ ने बताया कि उन्होंने कहा कि कोविड का खतरा अभी टला नहीं है । ऐसे में जब तक संपूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त न कर लिया जाए तब तक अपनी सुरक्षा अपने हाथ में है । कोविड प्रोटोकाल का पालन भी अनिवार्य समझें और पूरी शक्ति से कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करें। नए वैरिएंट का खतरा बढ़ गया है। इसलिए आज ही टीका लगवाने केंद्रों पर पहुंचे। हालांकि, संविदा कर्मियों की हड़ताल से टीकाकरण अभियान बाधित हो गया है। इतने बूथों के जरिए जहां, पहले 50 हजार तक टीके लग रहे थे, अब संख्या घटकर 10 हजार पर रह गई है। क्योंकि, टीकाकरण में संविदा कर्मी ही सबसे अहम भूमिका निभा रहे हैं।

एडस से बचाव को जागरूकता जरूरी

अलीगढ़ : एएमयू के तहफ्फुजी व समाजी तिब विभाग में विभागाध्यक्ष प्रो. रूबी अंजुम की अगुवाई में अजमल खान तिब्बिया कालेज एवं अस्पताल परिसर में विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कालेज के प्राचार्य प्रो. शगुफ्ता अलीम ने कहा कि एड्स के खतरों और इसकी रोकथाम के बारे में सभी को जागरूक होना चाहिए। इस बीमारी के लक्षणों के बारे में जन जागरूकता ही इसके प्रसार को रोकने का मुख्य उपाय है। फैकल्टी आफ यूनानी मेडिसिन के डीन प्रो. एफएस शेरानी ने बताया कि इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित थीम ‘असमानता को खत्म करो, एड्स को खत्म करो’ है। किसी व्यक्ति को असुरक्षित तरीके से सुई लगाने, असुरक्षित रक्त चढ़ाने तथा पुरानी सीरिंज और ब्लेड के पुनः उपयोग से एड्स हो सकता है। प्रो. रूबी अंजुम ने एड्स नियंत्रण के विभिन्न उपायों पर अपने विचार साझा किए। अस्पताल प्रभारी डा मुहम्मद मोहसिन ने कहा कि सामाजिक स्तर पर एचआइवी से संबंधित सेवाओं तक पहुंच में बहुत असमानता पाई जाती है। इसे पाटने की जरूरत है। डा. अम्मार इब्ने अनवर और डा अब्दुल अजीज खान ने भी प्रकाश डाला।


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