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Lockdownः ब्रज में गूंजे कोरोना गीत...तैने ब्रजवासिन की छीन लियौ, जलेबी व कचौड़ी कौ दोना

गीत के साथ ही वाद्ययंत्र ने इस गीत को और कर्णप्रिय कर दिया है। घरों में बैठकर लोग परिवार के साथ सुनकर इसका आनंद उठा रहे हैं।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Mon, 13 Apr 2020 08:50 AM (IST)Updated: Mon, 13 Apr 2020 04:02 PM (IST)
Lockdownः ब्रज में गूंजे कोरोना गीत...तैने ब्रजवासिन की छीन लियौ, जलेबी व कचौड़ी कौ दोना
Lockdownः ब्रज में गूंजे कोरोना गीत...तैने ब्रजवासिन की छीन लियौ, जलेबी व कचौड़ी कौ दोना

 राज नारायण सिंह, अलीगढ़ : ब्रज की धुन में माधुर्य रस की खान है। कोरोना वायरस से पूरी दुनिया दहशत में है, वहीं ब्रज में कोरोना गीतों की धूम मची है। सोशल मीडिया और यूट्यूब पर कई गीत तो सुपर हिट हो गए हैं। गीत के माध्यम से तमाम जागरूकता के संदेश भी दिए जा रहे हैं, जिससे गांव व गलियों में लोग सावधानी भी बरत रहे हैं। ब्रज का यह गीत तो हर किसी की जुबान पर है। 'तूको ठौर मिलेगो ना, करौना तेरो नास जाए गो, तैने ब्रजवासिन की छीन लियौ, जलेबी व कचौड़ी कौ दोनाÓ। इस समय यह गीत खूब चल रहा है। इस गीत में ब्रज की टोन को खूब पकड़ा है। गीत के साथ ही वाद्ययंत्र ने इस गीत को और कर्णप्रिय कर दिया है। घरों में बैठकर लोग परिवार के साथ सुनकर इसका आनंद उठा रहे हैं।

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गीत जो बन गए खास

जयपुर के रंगकर्मी व संगीतकार मुकेश वर्मा ने भी एक ब्रज लोकगीत पर कोरोना गीत की रचना की है। गीत के बोल गांव के देहरी से लेकर गलियों की कहानियां कहते हैं। रिश्तों को भी चासनी की तरह लपेटे हैं। 'बहुत बोरी बीमारी है, यासे पूरी दुनिया हारी है, ना ही सास बचे, ना ही नंद, दरवाजे कर लो बंदÓ यह गीत भी खूब धूम मचा रहा है। शहर के भी कलाकार कोरोना पर गीत की रचना करके इसे सोशल मीडिया डाल रहे हैं। संगीत कलाकार सामाजिक सेवा समिति के अध्यक्ष जगदीश गोस्वामी कहते हंंै कि किसी कलाकार की यही असली पहचान होती है, कि वह किसी भी माहौल पर रचना कर सकता है। उनकी टीम ने भी कोरोना पर गीत रचे हैं।  'गली-गली में कोरोना जाते, बचके रहियो, सब जग में याने पैर पसारे, कोऊ देश बचो ना, जाते बचके रहियोÓ लोग खूब सुन रहे हैं। एक अन्य गीत भी है, 'आतंक ही आतंक मचा दिया, कोरोना पूरी दुनिया में, कोरोना तू ऐसा वायरस है, जिसका न निकलना इलाज कोईÓ

गायक बोले

पुष्पेंद्र साईं का कहना है कि एक कलाकार का मुख्य उद्देश्य मनोरंजन करना होता है। हम गीतों के माध्यम से लोगों का दिल जीतने का काम करते हैं। इस समय कोरोना पर गीत रचना खूब हो रही है। समय ऐसा है, इसलिए लोग पसंद भी कर रहे हैं। सुनोज सक्सेना का कहना है कि ब्रज के बोल अनमोल हैं। जुबां पर चढ़ जाते हैं। ताल भी खूब बैठती है। इसलिए अलीगढ़ ही नहीं पूरे देश में लोग आजकल कोरोना पर गीत पसंद कर रहे हैं। हम लोग सोशल मीडिया के माध्यम से दर्शकों तक पहुंचा रहे हैं। ज्ञनेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि गीत मन को सुकून पहुंचाते हैं। इस समय लोगों का मन विचलित है। हम कलाकारों की जिम्मेदारी है कि मधुर गीत की रचना करके उनके मन को हल्का करें। कोरोना पूरी दुनिया में छाया है, इसलिए इस पर गीत बन रहे हैं।


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