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मास कॉम पेपर लीक में पुलिस के पास ठोस सबूत, एएमयू मौन

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 23 मई को मास कम्युनिकेशन प्रवेश परीक्षा का पेपर लीक होने के पुलिस के पास पुख्ता सबूत हैं जिन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Sun, 02 Jun 2019 03:48 PM (IST)Updated: Sun, 02 Jun 2019 03:48 PM (IST)
मास कॉम पेपर लीक में पुलिस  के पास ठोस सबूत, एएमयू मौन
मास कॉम पेपर लीक में पुलिस के पास ठोस सबूत, एएमयू मौन

अलीगढ़ (जेएनएन)। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 23 मई को मास कम्युनिकेशन प्रवेश परीक्षा का पेपर लीक होने के पुलिस के पास पुख्ता सबूत हैं, जिन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। एएमयू इंतजामिया इस इंतजार में है कि पुलिस सबूत सौंपे। इस कारण अभी तक परीक्षा निरस्त करने पर फैसला नहीं लिया है। वहीं, अभ्यर्थियों में पेपर लीक होने की खबर से खलबली मची हुई है।

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ऐसे खुला पेपर लीक का भेद

प्रवेश परीक्षा एएमयू के शारीरिक शिक्षा विभाग व सांख्यिकी विभाग में हुई थी। 30 सीट के लिए 555 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। परीक्षा में 403 अभ्यर्थी शामिल हुए। उसी दिन बैचलर ऑफ लाइब्रेरी साइंस (बीलिब) की प्रवेश परीक्षा थी। 26 मई को हुई एमबीए की प्रवेश परीक्षा का पेपर लीक होने से यूनिवर्सिटी में पेपर लीक होने का भेद खुला था। पुलिस ने पुलिस ने कन्नौज में थाना सोरिख क्षेत्र के गोसाईगंज निवासी एएमयू के पूर्व छात्र हैदर, शमशाद मार्केट के फिरोज आलम उर्फ राजा, इरशाद व तारिक खान को गिरफ्तार कर यह भेद खोला था। राजा ने 23 मई को हुई बीलिब प्रवेश परीक्षा का पेपर लीक होने की भी जानकारी दी थी। इस कारण इंतजामिया ने दोनों परीक्षाओं को निरस्त कर दिया था। राजा से पूछताछ में कोचिंग संचालक सुभान का नाम सामने आया था। सुभान ने 23 मई को ही हुई मास कॉम की प्रवेश परीक्षा में पेपर लीक होने की जानकारी पुलिस को दी।

कोचिंग संचालक ने दी परीक्षा

 सीओ  सिविल लाइन अनिल समानिया के मुताबिक सुभान मास कॉम का पेपर लीक होने के पुख्ता सबूत हमारे पास हैं। इस परीक्षा में कोचिंग संचालक भी बैठा था। उसी के मोबाइल में पेपर मिला है। पेपर इरशाद के जरिये फिरोज तक पहुंचा। जांच जारी है।

सभी विभागों में फैला है जाल?

वाटर ब्वॉय इरशाद की ड्यूटी अक्सर आट्र्स फैकल्टी और सोशल साइंस फैकल्टी में रहती है। मास कॉम की परीक्षा शारीरिक शिक्षा विभाग और सांख्यिकी विभाग में हुई थी। सवाल ये उठता है कि राजा को पेपर किसने उपलब्ध कराया था। अगर इरशाद ने कराया था तो वो ड्यूटी छोड़कर वहां कैसे पहुंच गया? अगर नहीं तो दूसरा भेदिया कौन है, जिसने पेपर चुराकर राजा को दिया। सवाल ये भी हैं कि क्या सभी विभागों में पेपर लीक का नेटवर्क चल रहा है।

जानकारी मिलने पर होगी कार्रवाई

एएमयू के प्रवक्ता प्रोफेसर शाफे किदवई का कहना है कि पुलिस की ओर से अभी मास कॉम का पेपर लीक होने की जानकारी नहीं मिली है। इसके बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।

एमएचआरडी से शिकायत

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. पुष्पेन्द्र पचौरी ने एएमयू हुए पेपर लीक मामले की शिकायत  मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से ट्वीट के जरिए शिकायत की है। कहा है इसकी गहनता से जांच हो। कुलपति संस्था के मुखिया हैं और वो अपनी जिम्मेदारी से बच नही सकते। उनको स्वत ही हट जाना चाहिए।

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