मुख्यमंत्री तक पहुंची सुपरवाइजर की निजी गाड़ी में पुष्टाहार मिलने की शिकायत
आंगनबाड़ी केंद्रों पर चलने वाली योजनाओं का मकसद नौनिहालों को सेहतमंद व शिक्षित बनाना है। इसके लिए सरकार करोड़ों रूपये खर्च करती है मगर इस पुष्टाहार से बच्चों की बजाय अधिकारियों का पेट भर रहा है।
अलीगढ़ : आंगनबाड़ी केंद्रों पर चलने वाली योजनाओं का मकसद नौनिहालों को सेहतमंद व शिक्षित बनाना है। इसके लिए सरकार करोड़ों रूपये खर्च करती है, मगर इस पुष्टाहार से बच्चों की बजाय अधिकारियों का पेट भर रहा है। धनीपुर के सीडीपीओ कार्यालय से गुरुवार को निजी गाड़ी में जा रहे पुष्टाहार देखकर तो यही लगता है। इसका वीडियो वायरल होने के मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की गई है। बता दें कि हरदुआगंज के सीएचसी परिसर में स्थित धनीपुर ब्लाक के सीडीपीओ कार्यालय से गुरुवार शाम को दो गाड़ियों में पुष्टाहार के कार्टून भरे जाने की खबर फैली तो लोग वहां पहुंचे, तब तक एक गाड़ी निकल चुकी थी। दूसरी स्कार्पियो निकलने की तैयारी में थी। ये गाड़ी यहां तैनात महिला सुपरवाइजर की थी। वह भी साथ थी। विरोध के चलते उन्हें गाड़ी खोलनी पड़ी, जिसमें करीब एक दर्जन तेल, घी व अन्य पुष्टाहार के कार्टून भरे थे। सामान को इस तरह ले जाने के बारे में पूछने पर वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाईं और सामान को दोबारा गोदाम में रखवाकर बिना जबाव दिए चलीं गई। ये सब कैमरे की नजर में हुआ। दूसरी गाड़ी खुद सीडीपीओ की बताई गई है।
आंगनबाड़ी का बताया
गया सामान
इस मामले का वीडियो वायरल होने के बाद सीडीपीओ सुमन वर्मा सुपरवाइजर के बचाव में आईं। उनका तर्क था कि एक आंगनबाड़ी की तबीयत खराब थी। सामान उस तक पहुंचाने को निकाला गया था। ये पूछने पर जब पुष्टाहार को आंगनबाड़ी सेंटर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी महिलाओं के समूह की है, तो शाम 5:30 बजे इस गाड़ी में बिना रिकार्ड क्यों जा रहा था, तो इस बात का जबाव सीडीपीओ के पास भी नहीं था।
आंगनबाड़ी कौन : हरदुआगंज में सीडीपीओ के दफ्तर के बगल में ही गोदाम है। यहां से धनीपुर ब्लॉक के 222 सेंटरों को पुष्टाहार पहुंचाया जाता है। सुपरवाइजर अपनी निजी गाड़ी से कौन से सेंटर का सामान ले जा रही थी। उस आंगनबाड़ी का नाम पूछने पर उन्होंने पहले बैरामगढ़ी की आंगनबाड़ी बेबी का नाम लिया फिर नयाबांस हरदुआगंज की आंगनबाड़ी सूरजमुखी का सामान बताते हुए उन्हें बेहद बीमार बताया। जबकि शुक्रवार को सूरजमुखी अच्छी भली सीडीपीओ सेंटर पर बैठी देखी गई। कार्यालय पर रिकार्ड दुरुस्त करने की कवायद भी चल रही थी।
सुबह चार बजे आई
गाड़ी किसकी थी
गुरुवार शाम को सामान निकलने का वीडियो वायरल होने के बाद मची हलचल के बीच शुक्रवार भोर में एक गाड़ी सीडीपीओ कार्यालय पर आने की चर्चा रही। तड़के चार बजे के करीब गोदाम खोलकर सामान का आदान प्रदान करने के बाद गाड़ी निकल गई। इस बावत सीडीपीओ से पूछने पर उन्होंने अनभिज्ञता जताई। वहीं एक बात साफ है कि आंगनबाड़ी व जिम्मेदारों की मिलीभगत से पुष्टाहार माफिया का आहार बना रहा है। वहीं इस मामले में एसडीएम कोल रंजीत सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि सीडीपीओ सुपरवाइजर की निजी गाड़ी में रखे सामान को गोदाम में रखे जाने की वीडियो मिली है। रिकार्ड चेक कराया जाएगा। गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री से शिकायत
इस मामले में सामाजिक संस्था स्मार्ट विजन फाउंडेशन की प्रबंधक राजकुमारी शर्मा ने सभी साक्ष्यों सहित मुख्यमंत्री को शिकायत भेजकर जीरो टालरेंस के तहत उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।