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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 33 साल बाद सीएम, योगी पहली बार aligarh news

सीएम योगी का अलीगढ़ आना नौवीं बार है लेकिन एएमयू आना पहली बार है। यूनिवर्सिटी में डेढ़ घंटा रुकर कोरोना से जंग के लिए मास्टर प्लान बनाने का भी काम करेंगे। 33 साल बाद कोई सीएम एएमयू आए हैं। इनसे पहले नारायणदत्त तिवारी आए थे।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 11:30 AM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 11:30 AM (IST)
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 33 साल बाद सीएम, योगी पहली बार aligarh news
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार एएमयू आए।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : कोरोना के कहर से तिलमिलाई अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर केंद्र व राज्य सरकार भी चिंतित हैं। यही वहजह है कि कुलपति को हर तरह से सयोग देने का वादा करने के 48 घंटे के अंदर ही सीएम योगी आदित्यनाथ अलीगढ़ आए हैं।  वे सीधे एएमयू आए। उनका अलीगढ़ आना नौवीं बार हुआ है। लेकिन, एएमयू आना पहली बार है। यूनिवर्सिटी में डेढ़ घंटा रुकर कोरोना से जंग के लिए मास्टर प्लान बनाने का भी काम करेंगे। यह भी खास बात है कि 33 साल बाद कोई सीएम एएमयू आए हैं। इनसे पहले नारायणदत्त तिवारी आए थे। 

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आरक्षण व्यवस्था को लेकर मुखर रहे योगी 

एएमयू में आरक्षण व्यवस्था को लेकर योगी शुरू से मुखर रहे हैं। राजा महेंद्र प्रताप और एएमयू को लेकर कई बार बयान दे चुके हैं। इगलास दौरे के दौरान उन्होंने राजा महेंद्र प्रताप यूनिवर्सिटी का एलान किया था।

इसलिए एएमयू गए 

कोरोना की दूसरी लहर एएमयू के लिए घातक साबित हुई है। यूनिवर्सिटी के 19 शिक्षकों के जान गंवाई है। देश-दुनिया में विख्यात एएमयू में इतनी संख्या में शिक्षकों की मौत ने केंद्र व राजय सरकार को चिंता में डाल दिया है। कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने भी कैंपस के आसपास नए वायरस के पनपने की आशंक जताते हुए कोविड के सैंपल जांच को भेजे हैं। कुलपति से बातचीत में मुख्यमंत्री ने शिक्षकों के निधन पर दुख जताया था। एएमयू में उनके दौरे को इसी से जोड़कर माना जा रहा है।

डिजास्टर वार्ड की जरूरत 

जेएन मेडिकल कालेज में किसी भी आपात स्थिति से निपटने की व्यवस्था नहीं है। इसके लिए डिजास्टर वार्ड होना जरूरी है। जिसमें 150-200 बैड की व्यवस्था होती है। भूंकप, बड़ा हादसा या किसी महामारी में इसी वार्ड का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा जेएन मेडिकल कालेज में आक्सीजन गैस का संकट है। यहां हर रोज 100 से अधिक बडे़ आक्सीजन सिलेंडर की जरूरत होती है, जो नहीं मिले रहे।


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