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गरीबों के साथ धोखा, राशन के गेहूं में बदरपुर, चावल में कंकड़ Aligarh News

सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर अब तक आपने सड़ा राशन बांटने के मामले तो सुने होंगे लेकिन यहां भ्रष्टाचार का नया खेल सामने आया है। गेहूं में बदरपुर व चावल में कंकड़ बांटे जा रहे हैं। एक बोरे में आठ से दस किलो बदरपुर-कंकड़ निकल रहे हैं।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 07:26 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 03:09 PM (IST)
इस तरह की शिकायतें पूरे जिले में हैं।

अलीगढ़  सुरजीत पुंढीर : सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर अब तक आपने सड़ा राशन बांटने के मामले तो सुने होंगे, लेकिन यहां भ्रष्टाचार का नया खेल सामने आया है। गेहूं में बदरपुर व चावल में कंकड़ बांटे जा रहे हैं। एक बोरे में आठ से दस किलो बदरपुर-कंकड़ निकल रहे हैं। इस तरह की शिकायतें पूरे जिले में हैं, लेकिन अतरौली तहसील में अधिक हैं। क्षेत्र के गांव कल्याणपुरी रानी में मंगलवार को खूब हंगामा हुआ। कार्डधारकों ने मिलावटी गेहूं-चावल लेने से मना कर दिया। 

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22 कार्डधारक अंत्योदय

साढ़े चार हजार की आबादी वाले गांव में 494 कार्डधारक हैं। 22 कार्डधारक अंत्योदय के हैं। इनके लिए  सितंबर में 500 बोरे चावल व गेहूं का उठान हुआ है। मंगलवार को डीलर ने जैसे ही बोरे खोले तो उनमें गेहूं के साथ बदरपुर था, जिसे कार्डधारकों ने लेने मना कर दिया। डीलर उदयवीर का तर्क था कि गोदाम से ही बोरे आए हैं। जवां, धनीपुर व अकराबाद ब्लॉक की दुकानों पर भी इसी तरह की शिकायतें रहीं। 

12 गोदामों से उठान 

स्टेट फूड कॉर्पोरेशन (एसएफसी) के 12 गोदामों से डीलरों को एक माह में 12752 मीट्रिक टन राशन का उठान होता है। इसमें 7650 टन गेहूं व 5102 टन चावल होता है। इस राशन के 50 किलोग्राम वजन के करीब 2.50 लाख बोरे होते हैैं। जानकारों की मानें तो मिलावट का खेल गोदामों से ही शुरू होता है। एक बोरे पर पांच से छह किलो राशन की बचत होती है। डीलर भी यही खेल करते हैं। वे एक बोरे में तीन-चार किलो तक मिलावट कर देते हैं। इस तरह एक बोरे में 8-10 किलो तक मिलावट होती है। 

राशन वितरण की स्थिति

जिले में राशन की 1350 दुकानें हैं। इनसे साढ़े छह लाख कार्डधारक जुड़े हैं। इनमें 24 हजार अंत्योदय कार्डधारक हैं। एक अंत्योदय कार्डधारक को हर माह 20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल मिलता है। अन्य कार्डधारकों को प्रति यूनिट तीन किलो गेहूं व दो किलो चावल मिलते हैं। कोरोना काल में सरकार ने राशन को दोगुना कर दिया है। दो रुपये किलो गेहूं व तीन रुपये किलो चावल के हिसाब से कार्डधारकों से कीमत ली जाती है।

गोदाम से आए सभी बोरों में बदरपुर व कंकड़ की मिलावट है। मैंने कार्डधारकों को भी यही समझाया है। अगर उच्च अफसर राशन को बदलवा दें तो फिर सही लाने के लिए तैयार हूं। 

उदयवीर, राशन डीलर

अगर किसी दुकान पर बदरपुर या सड़ा-गला राशन पहुंचा है तो डीलर वितरण रोक दें। संबंधित तहसील पर संपर्क कर नए राशन का उठान करें। कार्डधारकों को सही राशन बांटा जाए। 

राजेश कुमार सोनी, जिला पूॢत अधिकारी


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