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मौसम का बदला मिजाज, अलीगढ़ में घर-घर बुखार का बसेरा Aligarh news

मौसम का बदला मिजाज सेहत के लिए काफी घातक साबित हो रहा है। डेंगू मलेरिया व बुखार का प्रकोप थम नहीं रहा। जनपद में अब तक डेंगू के 107 व मलेरिया के 78 मरीजों की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 10:59 AM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 11:15 AM (IST)
मौसम का बदला मिजाज सेहत के लिए काफी घातक साबित हो रहा है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  मौसम का बदला मिजाज सेहत के लिए काफी घातक साबित हो रहा है। डेंगू, मलेरिया व बुखार का प्रकोप थम नहीं रहा। जनपद में अब तक डेंगू के 107 व मलेरिया के 78 मरीजों की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है, जबकि निजी डाक्टरों व अस्पतालों में उपचार करा रहे मरीजों की संख्या इससे कहीं अधिक है। रविवार को स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने कई क्षेत्रों में घर-घर जाकर जांच की। इसमें 189 बुखार के रोगी पाए गए। 489 मरीजों को दवा भी दी गई। 71 लोगों की रक्तपट्टिका बनाई गई।

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घर घर जाकर सर्वे कर रही टीम

सीएमओ डा. आनंद उपाध्याय के नेतृत्व में पांच टीमों ने बुखार प्रभावित ग्राम सिहोर, गोपालपुरा सोनोठ, दिलोही, नगला मौलवी, जीवनगढ़, संजय गांधी कालोनी, नगला मान सिंह में घर-घर सर्वे (कुल 633 घर) किया। शिविर लगाकर मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवा दी गई। जिला मलेरिया अधिकारी डा. राहुल कुलश्रेष्ठ के नेतृत्व में लार्वा रोधी कार्रवाई की गई। लोगों को मच्छरों से बचाव के बारे में जागरूक किया। गांव सिहोर में परचून की दुकान से बुखार व अन्य बीमारी की दवा खरीेदे जाने की जानकारी मिली। सफाई व्यवस्था ठीक नहीं थी। डीपीआरओ को फोन कर सफाई कराने व सचिव के अनुपस्थित की सूचना दी गई। आंगनबाडी केंद्र व पंचायत घर बंद मिला।

28 जगह डेंगू का लार्वा

मलेरिया विभाग की टीमों ने हरदुआगंज क्षेत्र के ग्राम असगरपुर में पहुंचकर फागिंग कराई। यहां 782 घरों का भ्रमण कर 204 कूलर, 975 कंटेनर एवं अन्य पात्र चेक किए, जिसमें 28 जगह लार्वा मिला। डा शुएब असांरी, डा पंकज, सहायक मलेरिया अधिकारी जितेंद्र यादव, राजेश गुप्ता, मोनू, भूप सिंह, मदनमोहन, एएनएम कमलेश, आशा आदि उपस्थित रहे।

ठोस कदम उठाए सरकार

कांग्रेस नेता आगा यूनुस ने कहा, जिले में समय पर रोकथाम के उपाय न होने से डेंगू, मलेरिया व बुखार का प्रकोप बढ़ा है। जब समय था, तब सरकारी अमला वीआइपी व्यवस्था में लगी हुई थी। अस्पतालों में भर्ती मरीजों को देखने वाला कोई नहीं। निजी अस्पताल मनमानी कर रहे हैं। सरकार मरीजों को उचित उपचार के लिए ठोस कदम उठाए।


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