अलीगढ़ में कुर्सी, मेज व आला...हुआ लाखों का घोटाला!
आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को बनने से पहले ही भ्रष्टाचार का दीमक चाट रहा है।
अलीगढ़ (विनोद भारती)। आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों को बनने से पहले ही भ्रष्टाचार का दीमक चाट रहा है। दरअसल, जेम पोर्टल से 30 लाख रुपये में खरीदे गए कुर्सी, ऑफिस टेबल, वेटिंग एरिया चेयर, फूड स्टेप फॉर बेड, स्टैथौस्कोप (आला), ब्लड प्रेशर मॉनीटर आदि सामान में घोटाले की बू आ रही है। पर्दा उस समय उठा, जब सीएमओ के अधीन स्टोर इंचार्ज और एसीएमओ स्टोर ने इसे बाजार से तीन-गुना महंगा और घटिया क्वालिटी का बताते हुए स्टाक में लेने से साफ इन्कार कर दिया। सीएमओ ने जेम पोर्टल व आयुष्मान भारत के नोडल अधिकारियों से स्पष्टीकरण तो मांगा ही है, फर्मों को भी नोटिस जारी करते हुए सामान बदलवाने के निर्देश दिए हैं।
तीन फर्मों से खरीदा सामान
स्वास्थ्य विभाग ने 30 सब सेंटरों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाने के लिए 30 लाख रुपये का फर्नीचर व उपकरण जेम पोर्टल से खरीदा है। जिन तीन फर्मों से सामान खरीदा गया है, वे सभी लखनऊ की हैं। इनमें मैसर्स रोहित इंडस्ट्रीज, मैसर्स लक्ष्मी ट्रेडर्स, मैसर्स सिद्धि विनायक एंटरप्राइजेज शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो इन फर्मों का आपस में गहरा संबंध है। सुनियोजित तरीके से जेम की आड़ में तीनों फर्मों को अलग-अलग दिखाकर महंगा व घटिया सामान को सबसे सस्ता दर्शाकर खरीद लिया गया।
ऐसे हुआ खेल
जेम पोर्टल से 13500 रुपये में खरीदी गई आफिस टेबिल खरीदी गई है, जो बाजार में चार हजार से ज्यादा की नहीं है। इसी तरह 12500 में खरीदी गई वेटिंग एरिया चेयर भी बाजार में 6000हजार रुपये की मिल जाएगी। 2800 रुपये में खरीदी गई कंटेंपररी ऑफिस चेयर बाजार में 500-600 रुपये, 580 रुपये में खरीदी टार्च बाजार में अधिकतम 150 रुपये, 1549 में खरीदा गया ब्लड प्रेशर मानीटर बाजार में 350 रुपये तक, 1673 रुपये में खरीदा गया स्टेथोस्कॉप बाजार में 150-200 रुपये, 2360 रुपये में खरीदा फुट स्टेप (बेड के लिए) बाजार में 150-200 रुपये में आसानी से उपलब्ध है। इसी तरह अन्य सामान भी औने-पौने दामों पर खरीदकर बजट बजट का बंटाधार कर दिया गया। यही नहीं फर्मों ने जो सामान भेजा, वह पोर्टल पर दर्शाए गए सामान से भिन्न है। बता दें यह सामान जेम प्रभारी व एसीएमओ डॉ. अनुपम भास्कर व आयुष्मान भारत के नोडल डॉ. खानचंद की निगरानी में खरीदा गया है।
खुले आसमान के नीचे पड़ा सामान
करीब एक माह पूर्व फर्मों ने सामान की आपूर्ति की। स्टोर इंचार्ज विनय अग्निहोत्री ने महंगा व घटिया बताते हुए उसे स्टॉक में लेने से इन्कार कर दिया। एसीएमओ स्टोर डॉ. पीके शर्मा भी सामान को देखने बाद संतुष्ट नहीं हुए। तब से 30 लाख रुपये से खरीदा गया सामान सीएमओ के आवासीय परिसर में खुले आसमान के नीचे पड़ा धूल व जंग खा रहा है।
वित्त लेखाधिकारी ने रोका भुगतान
सामान की आपूर्ति के बाद भुगतान के लिए पत्रावलियां वित्त एवं लेखाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की गईं। स्टोर इंचार्ज व एसीएमओ स्टोर की आपत्ति के मद्देनजर वित्त लेखाधिकारी ने भुगतान रोक दिया।
नोडल अफसरों से मांगा स्पष्टीकरण
सीएमओ ने 27 अप्रैल को डॉ. अनुपम भास्कर व डॉ. खानचंद को ही जांचाधिकारी नियुक्त करते हुए तीन बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है। इसमें जेम पोर्टल से जारी क्रय आदेश व प्राप्त सामान की गुणवत्ता समान होने, पोर्टल से जारी क्रय आदेश व प्राप्त सामान के मूल्य सुंसगत होने, जेम पोर्टल व बाजार दर के तर्क संगत होने का स्पष्ट जवाब मांगा गया है। निर्देश दिए हैं कि यदि सामान सही नहीं मिलता तो फर्मों को नोटिस जारी कर उसे वापस या बदलवाया जाए।
गुणवत्ता सही नहीं होगी तो वापस होगा सामान
कार्यवाहक सीएमओ डॉ.पीके शर्मा ने बताया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए खरीदे गए सामान की क्वालिटी ठीक नहीं है। दो सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है, इसमें जेम प्रभारी व आयुष्मान भारत के नोडल को ही जांचाधिकारी नियुक्त किया है। यदि सामान ठीक नहीं हुआ तो वापस किया जाएगा।