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Aligarh CBSE School Bus Driver: पहले तो कोरोना काल में चले गए चालक, अब डेटा देने में अटक रहे हाथ

Aligarh CBSE School Bus Driver जिले में करीब 55 से 60 सीबीएसई से संबद्ध प्राइवेट स्कूलों का संचालन हो रहा है। इनमें से ज्यादातर विद्यालय अपना ट्रांसपोर्टेशन खुद संचालित करते हैं। कई विद्यालय वाहन की सुविधा विद्यार्थियों को नहीं देते हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 04:39 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 04:39 PM (IST)
Aligarh CBSE School Bus Driver: पहले तो कोरोना काल में चले गए चालक, अब डेटा देने में अटक रहे हाथ
55 से 60 सीबीएसई से संबद्ध प्राइवेट स्कूलों का संचालन हो रहा है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। जिले में करीब 55 से 60 सीबीएसई से संबद्ध प्राइवेट स्कूलों का संचालन हो रहा है। इनमें से ज्यादातर विद्यालय अपना ट्रांसपोर्टेशन खुद संचालित करते हैं। कई विद्यालय वाहन की सुविधा विद्यार्थियों को नहीं देते हैं। जिन विद्यालय संचालकों के पास खुद के वाहन हैंं उनके सामने स्थिति विकट खड़ी हो गई है। पहले कोरोना काल में वाहन चालक काम छोड़कर चले गए। अब जो वाहन चालक जैसे-तैसे मिले हैं उनका डेटा देने में संचालकों के हाथ अटक रहे हैं।

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यह है मामला

परिवहन विभाग की ओर से मांगे गए स्कूली बस चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस संबंधी डेटा व चरित्र प्रमाणपत्रों को देने में शैक्षणिक संस्थान संचालक आनाकानी कर रहे हैं। जबकि परिवहन विभाग ने दो माह पहले शासन के निर्देश पर यह डेटा मांगा था। एआरटीओ अमिताभ चुतर्वेदी ने बताया कि अब विद्यालय संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। दो बार उनको सूचना देने के लिए नोटिस जारी किया गया जा चुका है। शासन के निर्देशों की अवहेलना करने का इनको दोषी माना जाएगा। विद्यालय संचालकों को आखिरी बार एक सप्ताह का समय दिया गया है। स्कूल संचालक बस या जो भी अन्य वाहन विद्यार्थियों को लाने और छोड़ने के लिए चलवा रहे हैं। उनके चालकों का डेटा चरित्र प्रमाण पत्र सहित हर हाल में भेजना अनिवार्य है। पिछले दिनों डीएम की अध्यक्षता में हुई सड़क सुरक्षा सप्ताह की बैठक में भी इस बात को रखा गया था। डीआइओएस व बीएसए को इस मामले से अवगत करा दिया गया है।

ड्राइविंग लाइसेंस का सत्‍यापन

एआरटीओ ने बताया कि जिले में प्राथमिक शिक्षा के सीबीएसई और हिंदी माध्यम के मिलाकर कुल 175 स्कूल हैं, जिनमें से 32 ने अपने चालकों के डीएल का सत्यापन कराया है और 13 ने चरित्र प्रमाण पत्र जमा किया है। माध्यमिक शिक्षा के सीबीएसई और हिंदी माध्यम के मिलाकर कुल 98 स्कूल हैं, जिनमें से 18 ने अपने चालकों के डीएल का सत्यापन कराया है और 78 ने चरित्र प्रमाण पत्र जमा किया है। उच्चाशिक्षा के कुल 47 शैक्षणिक संस्थान हैं, जिनमें से एक ने ही डीएल का सत्यापन कराया है। चरित्र प्रमाण पत्र अभी तक किसी ने भी नहीं दिया है। इस रिकार्ड को डीएम की बैठक में पेश भी किया गया था। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जो भी स्कूल संचालक डेटा उपलब्ध कराने में आनाकानी कर रहे हैं या जिनके पास डेटा मौजूद ही नहीं है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।


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