Hathras Case: CBI ने पिता व भाइयों से अलग-अलग सात घंटे ली जानकारी, हर पहलू पर की पड़ताल
बूलगढ़ी प्रकरण में एक्शन में आई सीबीआइ ने जांच तेज कर दी है। मामले की गहनता से पड़ताल कर रही सीबीआइ ने बुधवार को मृतका के स्वजन से पौने सात घंटे तक हर पहलू की जानकारी ली। अलीगढ़ रोड स्थित कृषि कार्यालय में सीबीआइ का अस्थाई कार्यालय बना है।
हाथरस, जेएनएन। बूलगढ़ी प्रकरण में एक्शन में आई सीबीआइ ने जांच तेज कर दी है। मामले की गहनता से पड़ताल कर रही सीबीआइ ने बुधवार को मृतका के स्वजन से पौने सात घंटे तक हर पहलू की जानकारी ली। घटना से जुड़े विभिन्न बिंदुओं को जाना और साक्ष्य भी एकत्रित किए। मृतका के स्वजन के मौखिक के साथ लिखित बयान भी दर्ज किए।
कृषि कार्यालय में सीबीआइ का अस्थाई कार्यालय बना
अलीगढ़ रोड स्थित कृषि कार्यालय में सीबीआइ का अस्थाई कार्यालय बना है। कैंप कार्यालय के बाहर सुबह से ही सुरक्षा का सख्त घेरा रहता है। दोपहर ठीक बारह बजे एसडीएम व सीओ की निगरानी में मृतका के पिता और दोनों भाइयों को सुरक्षाकर्मी कार्यालय पर लेकर आए। जांच अधिकारी डीएसपी सीमा पाहूजा की देखरेख में पड़ताल का सिलसिला शुरू हुआ। टीम ने सभी से अलग-अलग बैठाकर बातचीत की। यह जानने की कोशिश की कि घटना के दिन आखिर कब क्या हुआ था, उस दिन कौन कहां पर था। घटना के समय मौके पर कौन-कौन था, पुलिस की भूमिका क्या रही। जेएन मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल में कब क्या हुआ, अंतिम संस्कार कैसे कराया गया, ऐसे बहुतेरे सवालों से स्वजन को दो-चार होना पड़ा। सभी के पहले बयान लिए गए। एक-एक बात को नोट किया गया। फिर जरूरी बयान को दर्ज किया गया। इस दौरान मीडिया से दूरी बनाई गई।
मीडिया के सवालों से बचे स्वजन
शाम को पौने सात बजे मृतका के स्वजन कार्यालय से बाहर आए। इस दौरान मीडिया ने उनसे जानकारी लेने की कोशिश की लेकिन वे बिना किसी सवाल का जवाब दिए चुपचाप गाड़ी में बैठकर गांव के लिए निकल गए। मीडिया भी दौड़ी लेकिन, किसी को भी कुछ कहने का मौका नहीं दिया। सवा सात बजे वे घर पहुंचे। इसके बाद घर का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया।
जब बाहर आईं जांच अधिकारी
शाम चार बजे के लगभग जांच अधिकारी सीमा पाहूजा कैंप कार्यालय से बाहर निकलीं। उनसे मीडिया ने सवाल किया तो वे बिना कुछ बोले कार में सवार होकर सीधे अलीगढ़ की ओर रवाना हो गईं। इसके बाद भी टीम स्वजन से सघन पड़ताल करती रही। करीब एक घंटे बाद वह लौट आईं।
स्वजन को खिलाया खाना
सीबीआइ की पड़ताल दिन प्रतिदिन कड़ी होती जा रही है। ऐसे में टीम के सदस्यों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन स्तर से की गई। लेकिन, टीम ने स्पष्ट इंकार करते हुए जिला प्रशासन से दूरी बना ली है। साथ ही 17 पैकेट बाहर के पुलिस कर्मी को भेजकर मंगाए गए। इसमें दाल-चावल, रोटी, रायता और चावल थे। मृतका के स्वजन को भी भोजन खिलाया गया। इसके अलावा चाय भी पिलाई गई।
सीसीटीवी कैमरे देखे
सीबीआइ की टीम के तीन सदस्य जिला बागला अस्पताल की इमरजेंसी पर पहुंचे। जहां टीम ने सीसीटीवी कैमरों के बारे में पड़ताल की। यह भी पूछताछ की कि यह कैमरा चालू है? इसकी रिकॉर्डिंग के बारे में जानते हुए फोटो भी तलब किए हैं। यह भी जानना चाहा कि क्या पीडि़ता को जिला अस्पताल लाया गया था। उस समय ड्यूटी पर कौन चिकित्सक थे? इसके बाद टीम सीएमएस से भी मिली। उनसे वार्ता करते हुए पांच मिनट बाद ही टीम वहां से लौट आई। सीएमएस डॉ. आइवी ङ्क्षसह से इस संबंध में जानकारी चाही गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया। सीएमओ डॉ. ब्रजेश राठौर ने भी वार्ता से इन्कार कर दिया।
आज परिवार की महिलाओं से ले सकती है जानकारी
सीबीआइ की जांच में पिता व भाइयों से बातचीत के बाद अब परिवार की महिलाओं को भी टीम जानकारी लेने के लिए बुला सकती है। उनसे भी हर पहलू पर बात की जाएगी। टीम ने मंगलवार को घटना स्थल व श्मशान स्थल का निरीक्षण करने के बाद वहां से साक्ष्य एकत्रित किए। उनके साथ फोरेंसिक टीम भी थी। टीम ने खेत की मिट्टी, श्मशान से राख, चप्पल व प्लास्टिक की कट्टी को अपने कब्जे में लिया है। अन्य जो भी साक्ष्य वारदात से संबंधित थे, उनको भी टीम ने एकत्रित किया है।