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CBI In Hathras: बूलगढ़ी में मौका-ए-वारदात पर ढाई घंटे चली CBI की छानबीन, सीबीआइ को अहम सुराग मिले, जानिए विस्‍तार

बूलगढ़ी मामले में सीबीआइ की टीम मंगलवार को पूरे एक्शन में दिखी। टीम ने बूलगढ़ी जाकर पड़ताल की। गांव से 300 मीटर पहले मौका-ए-वारदात पर करीब ढाई घंटे तक बारीकी से छानबीन की। रास्ते को पुलिस ने करीब ढाई घंटे तक रोके रखा था।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 08:55 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 08:55 PM (IST)
CBI In Hathras: बूलगढ़ी में मौका-ए-वारदात पर ढाई घंटे चली CBI की छानबीन, सीबीआइ को अहम सुराग मिले, जानिए विस्‍तार
बूलगढ़ी मामले में सीबीआइ की टीम मंगलवार को पूरे एक्शन में दिखी।

हाथरस, जेएनएन। बूलगढ़ी मामले में सीबीआइ की टीम मंगलवार को पूरे एक्शन में दिखी। टीम ने बूलगढ़ी जाकर साढ़े चार घंटे तक पड़ताल की। गांव से 300 मीटर पहले मौका-ए-वारदात पर करीब ढाई घंटे तक बारीकी से छानबीन की। पहले तो खुद ही घटना के बारे में मौके पर जाकर समझा और फिर पीडि़ता के भाई और फिर मां को बुलाकर उनसे घटना उनकी जुबानी बारीकी से जाना-समझा। इस दौरान बूलगढ़ी जाने वाले रास्ते को पुलिस ने करीब ढाई घंटे तक रोके रखा था। 

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रोड पर भी आवागमन बंद कराया

सीबीआइ टीम सुबह साढ़े 10 बजे तक बूलगढ़ी पहुंचकर जांच पड़ताल करने की जानकारी मिल रही थी। इसलिए मीडिया का जमावड़ा भी गांव में हो गया थी। पुलिस भी मुस्तैद हो गई थी। रोड की एक तरफ बाजरा का खेत है जहां घटना हुई थी, वहीं दूसरी तरफ पीली पट्टी लगाकर सभी को रोक दिया गया। वहीं से घटनाक्रम की कवरेज करने की छूट दी गई थी। रोड पर भी आवागमन बंद कर दिया गया था। मीडिया को सीबीआइ टीम ने मिलने की कतई अनुमति नहीं थी। साढ़े 11 बजे सीबीआइ टीम की करीब आठ गाडिय़ां में घटनास्थल पर पहुंचीं। गाडिय़ों से टीम के सभी सदस्य उतरे और पहले सड़क किनारे खड़े होकर मौका-ए-वारदात को देखा। यह समझने की कोशिश की कि सुबह के वक्त जिस सड़क पर रोजाना ही आवाजाही रहती है, वहां से वह घटनास्थल कितने कदम दूर है। सीबीआइ के अफसर पैदल ही उस स्थान पर गए जहां पीडि़ता और कुछ कदम पर मां घास काटने की बात कह रही थी। सड़क से यह जगह करीब 50 मीटर ही दूर है। टीम के सदस्यों ने सही जानकारी करने के लिए पीडि़ता के बड़े भाई को बुलाया और उससे करीब 40 मिनट तक पूरे घटनाक्रम को समझा।

पुलिस ने मीडिया को रोका

पूछा कि कैसे-कैसे क्या-क्या हुआ था। घटना के वक्त कौन-कौन मौजूद था। पूरे घटनाक्रम को बारी-बारी से समझा। इसके बाद करीब एक बजे जिला अस्पताल अपनी सेहत का परीक्षण कराकर एंबुलेंस से लौट रहीं पीडि़ता की मां को बुलाकर उनसे घटना के बारे में मौका-ए-वारदात पर बुलाकर समझा। इस दौरान कई बार मीडिया ने टीम के करीब जाने की कोशिश की, मगर हर बार पुलिस ने रोक दिया। सीबीआइ के साथ सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लैब की टीम भी थी। टीम ने अपने तरीके से घटना के साक्ष्य जुटाए। टीम के सदस्यों ने इस दौरान काफी देर तक आपस में घटना के बारे में चर्चा भी की और घटना के सच की छानबीन करते दिखे। खास बात यह थी कि सीबीआइ की टीमों के सदस्यों ने पीडि़ता की मां और बेटे से बातचीत अलग-अलग की थी। तेज धूप और गर्मी में भी सीबीआइ के अफसर भी घटनास्थल पर बारीकियां जानने में जुटे रहे। जानने के दौरान माथे का पसीना पोंछते नजर आए। इस दौरान कई बार सीबीआइ टीम के अफसरों को पानी की बोतलें भिजवाई गईं। 


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