खैर में नकली शराब बनाने की फैक्ट्री पकड़ी, पुलिस को भनक तक नहीं Aligarh news
राजपुर में फैक्ट्री ही स्थापित कर दी। यहां शराब बनाने की मशीन ड्रम और तमाम सामग्री मिली है। हजारों लीटर खुली नकली देशी व अंग्रेजी शराब भी है।
अलीगढ़, [जेएनएन]। खैर कस्बा के गांव राजपुर में एसओजी टीम ने नकली शराब बनाने की फैक्ट्री पकड़ी है। अभी तक जिले में नकली शराब पकड़ी जाती थी, मगर राजपुर में फैक्ट्री ही स्थापित कर दी। यहां शराब बनाने की मशीन, ड्रम और तमाम सामग्री मिली है। हजारों लीटर खुली नकली देशी व अंग्रेजी शराब भी है। करीब 450 नकली शराब की पेटियां बरामद हुई हैं। सवाल यह है कि सोफा चौकी क्षेत्र में यह कारोबार चलने के बाद भी पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी यह चर्चा का विषय बना हुआ है।
अलीगढ़ एसओजी टीम को लंबे समय से खैर के गांव राजपुर में नकली शराब की फैक्ट्री के संचालन की सूचना मिल रही थी। तीन दिनों से टीम रेकी में लगी हुई थी, जिससे कोई चूक न हो। बुधवार को शाम पांच बजे एसओजी टीम ने राजपुर गांव स्थित फैक्ट्री में छापेमारी की। टीम को देखते हुए कुछ कर्मचारी भाग गए। टीम को हजारों लीटर खुली नकली शराब मिली। करीब 450 पेटी नकली शराब भी बरामद हुई। इसमें देसी और अंग्रेजी शराब भरी हुई थी। सैकड़ों संख्या में खाली पउवा, रैपर व ढक्कन बरामद हुए। माना जा रहा है कि नकली शराब इनमें भरकर बेची जा रही थी। 1000 लीटर शराब से भरी टंकी, 10 केन के साथ सैकड़ों लीटर केमिकल भी बरामद हुआ है। शराब बनाने वाली मशीन भी मिली है। इससे पता चलता है कि अवैध कारोबारी कितने सयाने थे। एसओजी टीम ने राजपुर निवासी करुआ और शरीफ को गिरफ्तार कर लिया है। एसओजी टीम के साथ खैर कोतवाली और सोफा चौकी की भी टीम थी।
सरकारी दुकान भी चलती थी
जिस मकान में फैक्ट्री चल रही थी उसी मकान में देसी शराब की सरकारी दुकान का ठेका भी है। यह नारायणपुर निवासी शकुंतला देवी के नाम से है। एसओजी टीम ने सूचना देकर आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर राजेश यादव और पीनांक त्रिपाठी को भी बुला लिया। आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर ने सरकारी दुकान से जांच के लिए सेंपल लिए हैं।
दो विभागों को भनक नहीं
नकली शराब फैक्ट्री के संचालन के मामले में बड़ा सवाल उठ रहा है कि दो विभागों को भी इस बारे में मालूम नहीं। सोफा पुलिस फैक्ट्री के बारे में पता ही नहीं कर सकी। वहीं, सरकारी देसी शराब की दुकान के पीछे फैक्ट्री चल रही थी तो आबकारी विभाग भी इस बारे में नहीं जान सका, जबकि ठेका देने से पहले विभाग दुकान और आसपास के स्थान का निरीक्षण करता है। अब सवाल यह उठता है कि कैसे दो-दो विभाग को इस अवैध कारोबार के बारे में पता नहीं चल सका। खैर में अभी दस दिन पहले ही अरनी चौराहे के पास खेत में नकली शराब का जखीरा बरामद हुआ था।
इनका कहना है
खैर में यह दूसरा मामला है। आबकारी विभाग की भी टीम मौके पर पहुंची थी। अभी कितना माल पकड़ा गया है, इस बारे में जानकारी नहीं हो पाई है। यदि सरकारी दुकान की मिलीभगत मिली तो लाइसेंस निरस्त की कार्रवाई होगी।
धीरज शर्मा, जिला आबकारी अधिकारी