PFI in Hathras Case : वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो सकती है पेशी
बूलगढ़ी में युवती की माैत की आड़ में यूपी में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश से पीएफआई और उसके सह संगठन कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) का नाम आया था। आरोपितों की वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पेशी हो सकती है।
हाथरस, जेएनएन। बूलगढ़ी में युवती की माैत की आड़ में यूपी में जातीय हिंसा भड़काने की साजिश से 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया' (पीएफआई) और उसके सह संगठन कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) का नाम आया था। पिछले दिनों मथुरा में पकड़े गए सीएफआइ के चार सदस्यों को हाथरस पुलिस भी रिमांड पर लेगी। इसके लिए पुलिस ने बी-वारंट मथुरा जेल में दाखिल किया था। अब आज चारों आरोपितों की वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पेशी हो सकती है।
जतीय हिंसा, दंगा कराने की साजिश
हाथरस की मृतका के मामले में जतीय हिंसा, दंगा कराने जैसी बड़ी साजिश रची गई है। पीड़िता के परिवार 50 लाख रुपये दिलाने के लिए प्रलोभन दिया गया। इसका ऑडियो वायरल होने के बाद खुफिया तंत्र भी सकि्रय हो गया। अराजक तत्वों द्वारा जातीय विद्वेष फैलाकर सरकार की छवि को धूमिल करने की साजिश, शांति व्यवस्था को बिगाड़ने का प्रयास करने के मामले में हाथरस के चंदपा थाने में अज्ञात लोगों कि खिलाफ राष्ट्रद्रोह समेत 20 संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। पीएफआइ और सीएफआइ के चार सदस्यों को मथुरा पुलिस ने एक्सप्रेस-वे से गिरफ्तार किया था। मथुरा पुलिस द्वारा पकड़े गए अतीक उर रहमान, निवासी-नगला थाना रतनपुरी मुजफ्फरनगर, सिद्दीकी निवासी बेंगारा थाना मल्लपुरम, मसूद अहमद, निवासी-जरवल थाना व कस्बा जरूर रोड जनपद बहराइच और आलम निवासी घेर फतेह खान थाना कोतवाली जनपद रामपुर के पास से लैपटॉप, मोबाइल और अन्य सामग्री भी बरामद हुआ था। बी-वारंट मथुरा जेल में दाखिल किया जा चुका है। आज उन चारों आरोपिताें की हाथरस की अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हो सकती है। पुलिस अधीक्षक विनीत जयसवाल का कहना है कि यह न्यायिक प्रक्रिया है,चारों आरोपितों की पेशी आज वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए हो सकती है।