CAA Protest: AMU में भड़काऊ भाषण देने वाले डॉ. कफील की पेशी, NSA पर निर्णय होना बाकी Aligarh News
मथुरा जेल में बंद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में भड़काऊ भाषण देने के आरोपित डॉ. कफील को मंगलवार को लखनऊ में एडवाइजरी बोर्ड के समक्ष पेश किया गया।
अलीगढ़ [जेएनएन]: मथुरा जेल में बंद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में भड़काऊ भाषण देने के आरोपित डॉ. कफील को मंगलवार को लखनऊ में एडवाइजरी बोर्ड के समक्ष पेश किया गया। कफील के साथ डीएम व एसपी सिटी ने भी अपना पक्ष रखा। बोर्ड ने करीब दो घंटे तक तीनों का पक्ष सुना। कफील पर लगाई गई रासुका पर एक सप्ताह में निर्णय लिया जाएगा।
एएमयू में दिया था भड़काऊ भाषण
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में 12 दिसंबर को एएमयू में आयोजित सभा के दौरान डॉ. कफील ने भड़काऊ भाषण दिया था। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ भी टिप्पणी की थी। 13 दिसंबर को सिविल लाइंस थाना में मुकदमा दर्ज हुआ। 15 दिसंबर को एएमयू में बवाल हुआ था। 29 जनवरी को यूपी एसटीएफ ने डॉ. कफील को मुंबई से गिरफ्तार किया और एक फरवरी को अलीगढ़ लाया गया। यहां जहां एक घंटे के अंदर मथुरा जेल भेज दिया। 10 फरवरी को सीजेएम कोर्ट से कफील को जमानत मिल गई, लेकिन तीन दिन तक उसे रिहा नहीं किया गया, बल्कि प्रशासन ने कफील पर रासुका की कार्रवाई कर दी। इसके बाद कफील के अधिवक्ता इरफान गाजी ने अपना पक्ष रखा था।
लखनऊ में रखी अपनी बात
डीएम चंद्रभूषण सिंह, एसपी सिटी अभिषेक कुमार व डॉ. कफील की लखनऊ में एडवाइजरी बोर्ड सामने पेशी हुई। दोपहर करीब साढ़े तीन से साढ़े पांच बजे तक बोर्ड ने डीएम, एसपी सिटी व कफील की बातें सुनीं। डीएम ने बोर्ड को बताया कि 12 दिसंबर को कफील के भाषण के बाद शहर का माहौल बिगड़ा था। इसी के चलते रासुका लगाई गई। वहीं कफील ने भी अपनी सफाई दी कि वह गोरखपुर से गए थे।
एक सप्ताह में होगा निर्णय
अलीगढ़ से उनका मतलब नहीं है। उनके जाने के बाद माहौल बिगडऩे से उनका कोई लेना-देना नहीं है। अब एक सप्ताह में निर्णय लिया जाएगा कि कफील पर रासुका की कार्रवाई होगी या नहीं।