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कारोबारी की पत्नी बोली, रिवॉल्वर लेकर गई थी, कुछ होता तो छह गोलियां बदमाशों पर चला देती Aligarh news

मेरे दिमाग में सिर्फ यही चल रहा था कि पति को कैसे बचाऊं? लग रहा था कि किसी को बताऊंगी तो कुछ अनहोनी न हो जाए इसलिए बदमाशों से मिन्नतें कीं।

By Sandeep SaxenaEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2020 06:38 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jun 2020 08:10 AM (IST)
कारोबारी की पत्नी बोली, रिवॉल्वर लेकर गई थी, कुछ होता तो छह गोलियां बदमाशों पर चला देती Aligarh news

अलीगढ़[जेएनएन]: मेरे दिमाग में सिर्फ यही चल रहा था कि पति को कैसे बचाऊं? लग रहा था कि किसी को बताऊंगी तो कुछ अनहोनी न हो जाए, इसलिए बदमाशों से मिन्नतें कीं। फोन पर हाथ-पैर जोड़े। जितने पैसे घर में थे, सब बटोरकर ले गई। बैग में अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर भी रख ली। सोच लिया था कि अगर कुछ गलत हुआ तो छह की छह गोलियां बदमाशों पर चला दूंगी। यह कहना है 57 वर्षीय लक्ष्मी का, जो ये सोचकर गईं थीं कि किसी तरह पति को वापस लाना है। चाहें बदमाशों से मुकाबला क्यों न करना पड़े।

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 बुजुर्ग मगर हिम्मत से जवां

बुजुर्ग मगर हिम्मत से जवां लक्ष्मी अपने पति के साथ कारोबार में हाथ बंटाती हैं। उन्हें लेन-देन की जानकारी भी रहती है। अपनी सुरक्षा के लिए  लाइसेंसी रिवॉल्वर ले रखी है। दैनिक जागरण से बातचीत में लक्ष्मी ने कहा कि जिस वक्त बदमाशों का फोन आया, वह नौकर राजू के साथ दुबे के पड़ाव पर किसी काम से गई थीं। फोन आया तो घबरा गईं। जो-जो दिमाग में आता गया, सब किया। फोन पर बात करते-करते घर पहुंचीं। एक बैग में पांच लाख रुपये डाले। अपने पर्स में सबसे नीचे रिवॉल्वर रखी। ऊपर पानी की बोतल और उसके ऊपर एक लाख रुपये। बेटे को कुछ नहीं बताया।

बदमाशों ने कई बार लोकेशन बदली

नौकर को भी सिर्फ साथ चलने को कहा। बदमाशों ने कई बार लोकेशन बदली, मगर हारी नहीं। कभी नहर, तो कभी तहसील पर बुलाया। हाथरस रोड स्थित एक भ_े के पास पहुंचे। नौकर को दूर खड़ा किया। बदमाशों ने लक्ष्मी को कार में बिठाया। रुपये गिने और झुझला गए। पर्स झपटा और एक लाख और निकाल लिए। रिवाल्वर तक हाथ नहीं जा पाया। ऊपर पानी की बोतल थी। जब पति को सही सलामत वापस ले आईं, तब जाकर सुकून मिला।

चेन उतारकर फिर पहनी, कोई गहना नहीं उतारा

पति की जान बचाने के लिए लक्ष्मी ने बदमाशों से उसी भाषा में बात की, जैसे वो बोल रहे थे। घर से निकलने से पहले गले की चेन उतार ली। फिर ये सोचकर पहन ली कि अगर बदमाश नहीं माने तो चेन देकर मिन्नतें कर लूंगी। चूडिय़ां भी नहीं उतारी थीं।

अखबार पढऩे का मिला फायदा

लक्ष्मी बताती हैं कि मुझे अखबार पढऩे का शौक है। वहां हर तरह की खबर आती है, जो हमें जागरूक और सतर्क करती है। शायद इसी का नतीजा है कि मुसीबत के वक्त मेरे दिमाग ने अच्छा काम किया।

पुलिस की जितनी तारीफ करूं... कम है

लक्ष्मी ने कहा कि मुझे यकीन नहीं था कि पुलिस इतनी तेजी से काम करेगी। हमारा पूरा सहयोग किया। सुरक्षाकर्मी भी दिया गया है। पुलिस की जितनी तारीफ करूं... कम है। इस घटना के बाद मेरे मन में पुलिस की छवि बदल गई है। एक कर्मचारी गायब है। उसी पर शक है। उम्मीद है कि पुलिस बदमाशों को पकड़ लेगी।

हाथरस के ही होंगे बदमाश

लक्ष्मी के मुताबिक, बदमाशों ने जितनी बार लोकेशन बदली, वह संकरे रास्ते थे। वह सभी लोकेशन हाथरस में पड़ती हैं। रास्तों की इतनी अच्छी जानकारी उसी को होती है, जो वहां रहता हो। हो सकता है कि बदमाश हाथरस के ही हों। तहसील के पास परिचित के घर पहुंचे पति को छुड़ाकर लक्ष्मी सीधे तहसील के पास एक परिचित के घर पहुंची। बेटे मयंक ने भी मां की लोकेशन मोबाइल पर इधर-उधर देखी तो पीछा शुरू कर दिया और परिचित के घर आ गए। लक्ष्मी के दामाद हिमांशु भी साथ थे।


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