लॉकडाउन में बदल गया बसों का सफर, यात्रा करने के लिए आधार कार्ड व मोबाइल नंबर जरूरी Aligarh news
यात्री खुद ही भीड़ से परहेज कर रहे हैं। ट्रेनों की तरह हरेक यात्री का आधार कार्ड फोन नंबर जैसा रिकॉर्ड रखा जा रहा है।
अलीगढ़, [जेएनएन]। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते लोगों का राहत देने के लिए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने बस सेवा शुरू कर दी है। लॉकडाउन से पहले और अब बसों के सफर में काफी कुछ बदल गया है। पहले जहां बसों में सवारियों की भरमार रहती थी अब वह नहीं है। यात्री खुद ही भीड़ से परहेज कर रहे हैं। ट्रेनों की तरह हरेक यात्री का आधार कार्ड, फोन नंबर जैसा रिकॉर्ड रखा जा रहा है।
शारीरिक दूरी का करे पालन
बसों में यात्री शारीरिक दूरी के नियम को खुद ही पालन कर रहे हैं। 10 एक सवारी होते ही यात्री ही शोर मचाना शुरू कर देते हैं। ऐसी ही हाथरस बस स्टैंड पर देखने को मिली। दोपहर को बस स्टैंड पर खड़ी नोएडा, अलीगढ़ और आगरा को जाने वाली बसों में दिखी। यात्री शारीरिक दूरी का पालन करते हुए बस में बैठे थे। संक्रमण से बचने के लिए आवश्यक सभी इंतजाम किए गए हैं। बस स्टैंड पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग व उनके आधार कार्ड नंबर आदि दर्ज करने के बाद यात्रा करने की परमीशन दी जा रही है। बस स्टैंड पर बसों के आवागमन के लिए दो गेट बनाए गए हैं। इनमें एक अलीगढ़ की ओर तो दूसरा आगरा की ओर बनाया गया है। यात्रियों के बस स्टटेंड में प्रवेश के लिए मुख्य द्वार से व्यवस्था की गई है। थर्मल स्क्रीनिंग करने वाले कर्मचारी पीपीई किट में नजर आ रहे हैं। सुबह 5 बजे से शाम 5 बजे तक बसों का संचालन हो रहा है।
सवारी के हाथ कराते है सैनिटाइज
परिचालक मुकुल का कहना है कि हम यात्री को बस स्टेंड पर सैनिटाइज आदि कराने के बाद ही बस में बिठाते हैं। जरूरत पडऩे पर ही रास्ते से सवारी उठाते हैं तो पहले उसके हाथ सैनिटाइज कराते हैं। आधार कार्ड नंबर नोट करने के बाद ही उसे बस में बिठाया जाता है। चालक निशांत का कहना है कि बस में सीट खाली होने पर ही बसों में यात्रियों को रास्ते बिठाया जाता है। इसमें उन्हेंं सैनिटाइज कराने के बाद ही यात्रा कराई जाती है। व्यवस्था प्रभारी रोडवेज के राजवीर सिंह का कहना है कि यात्री बुखार व खांसी आदि रोग से पीडि़त तो नहीं इसपर विशेष ध्यान दिया जाता है। बस स्टैंड पर यात्री के आने के बाद उसके आधार कार्ड व मोबाइल नंबर दर्ज किए जाते हैं। उसके बाद उसका तापमान मापा जाता है। इसके बाद ही यात्ररी को बस में बैठाते हैं।