अलीगढ़ में लालडिग्गी तिराहे पर 50 करोड़ की लागत से बन रहा भवन
अब अलीगढ़ शहर की हर गतिविधियां ग्रीन बिल्डिंग से कंट्रोल होंगी। हर मंजिल के निर्माण में पर्यावरण का ख्याल रखा गया है। 50 करोड़ की लागत से यह इमारत 18 माह में तैयार होगी।
जेएनएन, अलीगढ़ : स्मार्ट सिटी की राह पर आए अलीगढ़ शहर की हर गतिविधियां 'ग्रीन बिल्डिंग, से कंट्रोल होंगी। ये बिल्डिंग लालडिग्गी तिराहे पर बनाई जा रही है। सात मंजिला इमारत में निगरानी के लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर तो होगा ही, मनोरंजन, शोध के लिए जरूरी साधन भी होंगे। हर मंजिल के निर्माण में पर्यावरण का ख्याल रखा गया है। 50 करोड़ की लागत से यह इमारत 18 माह में तैयार होगी। नगर आयुक्त सत्यप्रकाश पटेल ने बताया कि ग्रीन बिल्डिंग को मॉडल के रूप में बनाया जाएगा। कार्ययोजना तैयार है। 18 माह में बन जाएगी। साथ ही कमिश्नर अजयदीप सिंह का कहना है कि यह प्रोजेक्ट शहर के लिए बड़ी सौगात है। तय मानकों के आधार पर भवन को तैयार कराया जा रहा है।
सरकारें दे रही हैं ग्रीन बिल्डिंग प्रोजेक्ट पर जोर
विकास की दौड़ में शामिल शहरों ने पर्यावरण को पीछे छोड़ दिया है। यही वजह है कि एनसीआर समेत कई शहर प्रदूषण से जूझ रहे हैं। इससे चिंतित सरकार ग्रीन बिल्डिंग प्रोजेक्ट पर जोर दे रही हैं, जो प्रकृति के नजदीक रहकर पर्यावरण की स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करे। ऐसा ही प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत यहां लालडिग्गी तिराहे पर तैयार हो रहा है। प्रोजेक्ट को कमिश्नर अजयदीप सिंह की स्वीकृति मिलने के बाद नगर निगम ने कार्ययोजना बनानी शुरू कर दी है। ग्रीन बिल्डिंग में ही स्मार्ट सिटी कार्यालय बनाया जाएगा। बेसमेंट में पार्किंग की व्यवस्था होगी। प्रत्येक मंजिल में बने भवनों में सौर ऊर्जा से संचालित संयंत्र लगेंगे। बनावट ऐसी होगी कि खिड़कियों से धूप व ठंडी हवा आ सके, ताकि बिजली की ज्यादा जरूरत न हो। वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, ग्रीनपार्क, गैस आधारित पावर प्लांट, सोलर पैनल आदि साधन होंगे, जिनसे प्रदूषण नहीं फैलेगा। यहां इंक्यूवेशन सेंटर भी होगा, जहां कृषि क्षेत्र में शोध किए जा सकेंगे।
टॉप फ्लोर पर कंट्रोल सेंटर
बिल्डिंग के टॉप फ्लोर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से स्मार्ट सिटी में लगे सभी 700 कैमरे जोड़े जाएंगे। टीवी स्क्रीन से हर गतिविधि पर यहीं से नजर रखी जा सकेगी। सड़क दुर्घटना, कूड़ा, गंदगी, जाम या कोई आपात स्थिति में यहीं से दिशा-निर्देश जारी कर मदद पहुंचाई जाएगी। भवन की छत के चारो ओर अत्याधुनिक कैमरे लगेंगे, जो आसपास की हर गतिविधि की निगरानी करेंगे।
तालाब पर पर्यटन स्थल
बिल्डिंग के पास तालाब को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। तालाब को स्वच्छ कर वोटिंग व पटरी पर स्टॉल लगाने की योजना है। बच्चों के मनोरंजन के लिए झूले लगाए जाएंगे। रेलिंग लगाकर तालाब को सुरक्षित किया गया है।
खास तथ्य
- डिजाइन के लेकर निर्माण व रखरखाव में पर्यावरण का ख्याल।
- पानी समेत अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की व्यवस्था।
- दिन में रोशन के लिए बिजली की जरूरत नहीं होगी।
- रिसाइकिलिंग सिस्टम अपनाया जाएगा।
- एसी व अन्य उपकरण फाइव रेटिंग वाले होंगे, जिनसे बिजली कम खर्च हो।
- बिजली व पानी के स्मार्ट मीटर।
ये होंगी सुविधाएं
- नृत्य-संगीत प्रसार केंद्र।
- प्रदर्शनी कक्ष (म्यूजियम)
- ऊष्मायन केंद्र (इंक्यूवेशन सेंटर)
- ऑडिटोरियम (200 सीटर)
- स्मार्ट सिटी कार्यालय
- कमांड एंड कंट्रोल सेंटर
- महिलाओं के लिए पिंक रूम