बसपा नेता बोले, कांग्रेस ने अनुसूचित व मुस्लिमों को समझा वोट बैंक
सपा-बसपा के बीच भले ही गठबंधन की गांठ मजबूत हो गई हो, मगर जीत का दारोमदार मुस्लिम समाज पर होगा।
अलीगढ़ (जेएनएन)। सपा-बसपा के बीच भले ही गठबंधन की गांठ मजबूत हो गई हो, मगर जीत का दारोमदार मुस्लिम समाज पर होगा। चिंता इस बात की है कि गठबंधन से अलग हुई कांग्र्रेस भी मुस्लिमों को रिझाने की पूरी कोशिश करेगी, लिहाजा बसपा ने अभी से मुस्लिमों को साधना शुरू कर दिया है।
मायावती मुस्लिम समाज की समस्याओं से वाकिफ
स्वर्ण जयंती नगर कैंप कार्यालय पर मुस्लिम समाज के अहम नेताओं की बैठक में मुख्य जोन इंचार्ज रणवीर सिंह कश्यप व गजराज विमल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती मुस्लिम समाज की तमाम समस्याओं से वाकिफ हैं। मुस्लिम समाज अपने पैरों पर खड़ा हो, यही पार्टी चाहती है। कांग्र्रेस ने दलित व मुस्लिमों को लंबे समय तक वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट इसका सुबूत है। बसपा एक आंदोलन है जो व्यवस्था परिवर्तन के लिए है।
मुस्लिम समाज को मिलेगा सम्मान
जिलाध्यक्ष तिलकराज यादव ने कहा कि सपा-बसपा गठबंधन चुनाव में मुस्लिमों को उनका सम्मान वापस कराएगा। रघुवीर सिंह ऊषवा, जोन इंचार्ज सुनील सिंह, डॉ. मनवीर गौतम, मुकेश चंद्रा, ओपी आर्य ने भी विचार रखे। रजनाकर के मो. अनीश भाई व जियाउल हसन ने बसपा की सदस्य ली। इस मौके पर मुनीष गाजी, इं. रिजवान, मो. सादाब, मो. जावेद, मो. कफील, दिलशाद कुरैशी, मुकीम अहमद, डॉ. सलीम चौधरी आदि मौजूद रहे।