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दीपावली पर चीन के उत्‍पादों का बहिष्कार, स्वदेशी की आएगी बहार Aligarh news

जागरण संवाददाता अलीगढ़ । इस बार भी दीपावली पर स्वदेशी की अलख जगेगी । स्वदेशी जागरण मंच चाइना की वस्तुओं के बहिष्कार के लिए आवाज बुलंद कर रहा है। मंच के कार्यकर्ता स्कूल-कालेज और शहर की बस्तियों में जाकर लोगाें को जागरूक कर रहे हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 10:00 AM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 10:05 AM (IST)
स्‍वदेशी जागरण मंच के प्रदेश संपर्क प्रमुख डा. राजीव अग्रवाल।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ । इस बार भी दीपावली पर स्वदेशी की अलख जगेगी । स्वदेशी जागरण मंच चाइना की वस्तुओं के बहिष्कार के लिए आवाज बुलंद कर रहा है। मंच के कार्यकर्ता स्कूल-कालेज और शहर की बस्तियों में जाकर लोगाें को जागरूक कर रहे हैं। वह लोगाें को बता रहे हैं कि चाइना की लाइटें, झालरें आदि न खरीदें। अपने देश में निर्मित तमाम झालरें आने लगी हैं, जो लंबे समय तक चलती भी हैं, उन्हें खरीदें। इससे लोगों को रोजगार मिलेगा और आर्थिक रुप से स्वावलंबी होंगे।

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स्‍वदेशी जागरण मंच के लगभग 200 कार्यकर्ता जगा रहे स्‍वदेशी की अलख

स्वदेशी जागरण मंच लंबे समय से चाइना की वस्तुओं का बहिष्कार करते आ रहा है। मंच के जिले में 200 के करीब कार्यकर्ता हैं। 20 हजार परिवारों तक इनकी पहुंच है। मंच के प्रदेश संपर्क प्रमुख डा. राजीव अग्रवाल ने बताते हैं कि पहले की अपेक्षा लाेगों में काफी परिवर्तन आया है। अब लोग स्वदेशी निर्मित वस्तुओं का प्रयोग करने लगे हैं, उन्हें समझाने में भी आसानी है। इसलिए लोग चाइना की झालरें और लाइट का प्रयोग नहीं करते हैं। डा. राजीव ने बताया कि पिछले साल हम लोगों ने 20 हजार से अधिक मिट्टी के दीपक कुम्हारों से खरीदकर बस्तियों में बंटवाएं थे। लोगों से भी अधिक से अधिक अपील की थी कि चाइना की झालरें घरों पर न लगाएं। इसका असर भी दिखाई दिया, तमाम जगहों पर लोगों ने मिट्टी के दीपक का प्रयोग किया। इस बार भी स्कूल और कालेजों में जागरूकता अभियान शुरू हो गया है। बच्चों को बताया जा रहा है कि दीपावली पर स्वदेशी निर्मित वस्तुओं का प्रयोग करें। मिट्टी के दीपक जरूर जलाएं, जिससे कुम्हारों के हाथ मजबूत हों। साथ ही बस्तियों में पंपलेट भी बांटे जा रहे हैं। जिसमें स्वदेशी वस्तुओं के बारे में दिया गया है। विदेशी वस्तुएं कौन-कौन सी हैं, उसके बारे में भी जानकारी दी गई है।

आ रहा है बदलाव

पिछले दो वर्षों में लोगों में काफी बदलाव आया है। लोग स्वदेशी वस्तुओं को पसंद कर रहे हैं। इस बार भी हम लोगों ने चाइना की झालरों के बहिष्कार की अपील की है। इंटरनेट मीडिया पर अभी से लोगों के संदेश आने लगे हैं, लोग कह रहे हैं कि वह चाइना की वस्तुएं नहीं खरीदेंगे।

डा. राजीव अग्रवाल, प्रांत संपर्क प्रमुख स्वदेशी जागरण मंच

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स्कूल-कालेजों में अभी से अभियान की शुरुआत कर दी गई है। हमारा उद्देश्य है बच्चों में अधिक से अधिक जागरूकता लाई जाए। यदि बच्चों में परिवर्तन आ गया तो वह स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करना शुरू कर देंगे, इससे परिवारों में भी परिवर्तन आना शुरू हो जाएगा। हमारे अभियान को बल भी मिलेगा।

रजनीश राघव, जिलाध्यक्ष

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मैं महिलाओं के बीच में बात रखती हूं। उन्हें समझाने की कोशिश कर रही हूं कि स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करें। झालरें, लाइट और घरेलू सामान स्वदेशी ही खरीदें। पहले महिलाएं इन बातों में रुचि नहीं लेती थीं, मगर अब तो उनके अंदर भी काफी जागरूकता देखने को आ रही है।

डा. इंदु वाष्र्णेय, सामाजिक कार्यकर्ता

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संगठन की ओर से कम्हारों से मिट्टी के दीपक बनवाकर बस्तियों में बंटवाए जाएंगे, सभी ने अपील करेंगे कि वह अधिक से अधिक दीपक जलाएं, जिससे कुम्हारों को रोजगार मिल सके। चाइना की लाइटों के चलते कुम्हारों का दीपावली के समय कारोबार बहुत कम हो गया था, मगर अब स्वदेशी जागरण मंच की बात पर लोग गौर करते हैं।

अमित अग्रवाल, महानगर अध्यक्ष


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